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अकल बादाम खाने से नहीं ठोकर खाने से आती है: राणावत।

वीरधरा न्यूज़। गंगरार@ कमलेश सालवी।


गंगरार। शिक्षक बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास करें, गुरु का पद माता-पिता में भगवान से भी बड़ा माना जाता है।

माता-पिता अपने नन्हे मुन्ने बच्चों को ज्ञान प्राप्ति व व्यक्तित्व के निर्माण हेतु शिक्षक को सौंपते हैं उक्त बात मंगलवार को आरके वाटिका में आयोजित दो दिवसीय संस्था प्रधानों की वाकपीठ प्रारंभिक के समापन समारोह में मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए प्रधान प्रतिनिधि रविंद्र सिंह राणावत ने उपस्थित संस्था प्रधानों को संबोधित करते हुए कहीं उन्होंने कहा कि अकल बादाम खाने से नहीं बल्कि ठोकर खाने से आती है आपका दायित्व बनता है कि बच्चों का चरित्र निर्माण कर संपूर्ण सुयोग्य नागरिक बनने में विद्यालयों में हर विकास के लिए सदैव तत्पर रहूंगा।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए ब्लॉक अध्यक्ष रामेश्वर जाट ने कहा कि बच्चों को ज्ञान के साथ साथ संस्कार भी देवेन विशेष अतिथि मधुसूदन शर्मा ने शिक्षक शिक्षा व शिक्षार्थी में आपसी सामान्य आवश्यक होना बताया।

विधि प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष एडवोकेट कमलेश शर्मा ने कहा कि नवाचारों से बालकों का सर्वांगीण विकास किया जाना चाहिए उनमें मानवीय संस्कार का भी संचार करना चाहिए प्रारंभिक शिक्षा के अंतर्गत शिक्षकों को बालकों को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए जिससे उनका सर्वांगनिक विकास हो ताकि वह जीवन के संघर्ष के दौरान हार ना माने। और शिक्षक का लक्ष्य यही हो कि उनका शिष्य उच्च स्थान प्राप्त करें।

विशिष्ट अतिथि गोलियां सरपंच सुखराज सालवी वार्ड पंच जगदीश गर्ग उप प्रधान प्रतिनिधि नार जाट ने भी संबोधित किया इस अवसर पर विद्यालय की छात्रों ने आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी वाकपीठ के अध्यक्ष अशोक को चीता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने उद्बोधन में दो दिवसीय बागपत का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। आभार संस्था प्रधान अशोक हरिजन ने व्यक्त किया इस अवसर पर भामाशाह पूर्व सरपंच कवियों मंसूरी व कपिल शर्मा का भी स्वागत किया गया इस दौरान ब्लाक के सभी संस्था प्रधान उपस्थित थे।

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