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बांसी – बोहेड़ा आसावरा माता मन्दिर में आस्था का उमड़ा सैलाब सभी श्रद्धालुओं को मालपुए का प्रसाद वितरित किया।

वीरधरा न्यूज़।डूंगला@ श्री मोहन दास वैरागी।


बड़ीसादड़ी। उपखंड के बांसी – बोहेड़ा रेलवे स्टेशन के निकट स्थित आसावरा माता मंदिर में हरियाली अमावस्या पर गुरुवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। पेड़ पौधों एवं तरह-तरह के फूल फुलवारी से सुसज्जित बगीचे की वजह से हरियाली अमावस्या पर दूरस्थ स्थानों से भी लोगों ने यहां आना ज्यादा बेहतर समझा। शायद यही वजह रही कि हर बार की भांति इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आनंद लेने पहुंचे। दिनभर विभिन्न गांवों से आई भक्तों की टोलियों ने माता के दरबार में नाचते हुए एक से एक बढ़कर शानदार भजनों की प्रस्तुतियां दी। कई महिला श्रद्धालु भी मां के गीत गाते हुए नाचती दिखी। हरियाली से आच्छादित मंदिर परिसर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के मन को मोहित कर लेता है। मंदिर परिसर की स्वच्छता एवं सुंदरता देखते ही बनती है। फर्श पर उच्च गुणवत्ता की इंटरलॉक टाइल्स, बगीचे के अंदर टाइल्स लगे पाथवे, पानी के फव्वारे, स्वतंत्र विचरण करती बत्तखें, विभिन्न प्रजाति के फूल लगे पौधे, यज्ञशाला, सफेद कबूतर व खरगोश आदि की वजह से आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के मन को शांति व सुकून मिलता है। मनोरंजन एवं स्वास्थ्य के लिए यहां पर लगे झूले एवं कसरत करने के उपकरण बच्चों सहित युवक युवतियां को भी खासा आकर्षित करते हैं। परिसर की सुंदरता एवं झूले और फव्वारे आदि की वजह से यहां आने वाले को स्वर्ग जैसा एहसास हो जाता है। एक बार यहां आ जाने के बाद जाने का मन नहीं करता है।

मंदिर मंडल के अध्यक्ष चमन सिंह सारंगदेवोत ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद के रुप में बड़ी मात्रा में मालपुए की व्यवस्था क्षेत्र के दानदाताओं द्वारा की गई। आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को मालपुए का प्रसाद वितरण किया गया।

व्यवस्थापक ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि सुबह दस बजे से ही मालपुए का प्रसाद वितरण शुरू हो गया। मंदिर मंडल के राजू ओझा ने बताया कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा ना हो इसके लिए हर स्तर से ट्रस्ट द्वारा अच्छी से अच्छी सुविधाएं देने का प्रयास किया गया। बता दें कि हाल ही में शरीर को स्वस्थ रखने व कसरत करने के लिए जिम में लगने वाली कई मशीनें उपवन में लगा दी गई है। जिनका इस्तेमाल बच्चों एवं युवाओं के साथ-साथ बुजुर्ग भी आनंद के साथ करते दिखे।

ट्रस्ट के शंकरलाल पोरवाल ने जानकारी दी कि यहां पर रोज वर्ष पर्यंत परिंदों को अनाज के दाने डाले जाते हैं। साल भर में सौ क्विंटल से भी अधिक अनाज कबूतर एवं अन्य पक्षियों को दानदाता के सहयोग से डाला जाता है। दिन उगते ही पहली किरण के साथ सैकड़ों की संख्या में ये परिंदे दाना चुगने के लिए यहां आ जाते हैं। ट्रस्ट के गोविंद सिंह चौहान एवं सुरेश कुमार सुथार ने बताया कि यहां आने वाले बीमार श्रद्धालुओं के रोज भोजन की निःशुल्क व्यवस्था भी दानदाताओं की ओर से दी जा रही है। अध्यक्ष चमन से सारंगदेवोत ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा माता के दरबार को निरंतर दानदाताओं के सहयोग से सजाने एवं संवारने का प्रयास किया जा रहा है। दानदाताओं की श्रद्धा व अपार सहयोग की वजह से ही आज मां के प्रवेश द्वार पर सुंदर तोरण द्वार बन चुका है। यहां आने वाले लकवा ग्रस्त बीमारों का स्वस्थ होना किसी चमत्कार से कम नहीं है। यही कारण है कि यह स्थान आस – पास के सैकड़ों गांव की आस्था का केंद्र बना हुआ है।

श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण एवं अन्य सेवा देने में दिनभर लगे रहने वालों में मांगीलाल व्यास, गणेश लाल व्यास, देव किशन व्यास, रतन लाल मेनारिया, श्याम लाल बसेर, शंभू लाल व्यास, शंकरलाल पोरवाल, औंकार, जगदीश डांगी, गोपाल लाल लोहार, विनोद सोनी, सोहनसिंह रावत, सुरेश कुमार सुथार, गोविंद सिंह चौहान, मगनी राम जाट, भुरा लाल शर्मा व बाबूलाल पोरवाल आदि थे।

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