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नई दिल्ली-दुनिया का इकलौता गांव, जहां हर किसी को है भूलने की बीमारी, बिना पैसे के रहते हैं लोग।

वीरधरा न्यूज़। नई दिल्ली @ एजेंसी।


नई दिल्ली। डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें दिमाग के सेल्स धीरे-धीरे खराब होने लगती हैं, इसकी वजह से सोचने, याद रखने और निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है, यह बीमारी आमतौर पर बुजुर्गों में होती है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकती है, हालांकि दुनिया में एक ऐसा गांव भी है, जहां के हर व्यक्ति को भूलने की बीमारी है, जी हां, आपने सही सुना, आइए उस गांव के बारे में विस्तार से जानते हैं।

दक्षिण पश्चिम फ्रांस में एक ऐसा ही अनोखा गांव स्थित है, जिसका नाम लांडैस है। इस गांव में रहने वाला हर व्यक्ति डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी से पीड़ित है। आपको बता दें कि लांडैस गांव एक तरह का प्रयोग है, वैज्ञानिक यह जानना चाहते हैं कि क्या अल्जाइमर से पीड़ित लोगों में हर चीज याद रखने का दबाव कम करने से उनकी बीमारी में सुधार हो सकता है, बोर्डो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इस प्रयोग का नेतृत्व कर रहे हैं।

इस गांव में जीवन बेहद ही सरल है, यहां लोगों को किसी भी चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है। गांव में सबसे बुजुर्ग शख्स की उम्र 102 साल है, तो वहीं सबसे छोटा शख्स 40 साल का है, गांव के मध्य में एक सामान्य दुकान है जहां सभी जरूरी चीजें मुफ्त में मिलती हैं, लोगों को पैसे रखने की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, वे स्वतंत्र रूप से दुकानों, रेस्तरां और थिएटरों में जा सकते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस गांव में रहने वाले लोगों की बीमारी में सुधार हुआ है, यहां रहने वाले लोगों के परिवार भी खुश हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनके प्रियजन एक सुरक्षित और तनावमुक्त माहौल में रह रहे हैं।

लांडैस गांव हमें यह सिखाता है कि जीवन में खुश रहने के लिए हमें बहुत सारी चीजों की जरूरत नहीं होती है, हमें बस एक शांत और तनावमुक्त माहौल की जरूरत होती है। हमें यह भी सिखाता है कि हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए और उनकी खुशी में अपना योगदान देना चाहिए।

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