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ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत पुलिस की बड़ी कार्यवाही जिला पुलिस ने 201 प्रार्थियों को पुनः मोबाईल उपलब्ध कराए। खोये हुए मोबाईलों की कीमत करीब 50 लाख रुपये।

 

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ श्री दुर्गेश कुमार लक्षकार।

चित्तौड़गढ़।आज मोबाइल हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। जिसके बिना लोग एक पल भी नहीं रह पाते हैं। जैसे ही किसी का मोबाइल गुम होता है, उसके चेहरे का रंग उतर जाता है, उदासी छा जाती है। ऐसे में यदि उन्हें कोई बिना किसी शर्त के मोबाइल लौटा दे तो फिर क्या कहने, उनकी खुशी का तो ठिकाना ही न रहे। कुछ ऐसा ही नजारा सोमवार को पंचायत समिति सभागार में देखने को मिला, जब एसपी सुधीर जोशी द्वारा करीब 50 लाख रुपए से अधिक कीमत के 201 मोबाइल लोगों को पुनः उपलब्ध कराए।
जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि साइबर क्राइम के डीजीपी पुलिस मुख्यालय हेमन्त प्रियदर्शी के निर्देश पर चलाये जा रहे ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत जिले में गुम हुए मोबाइल की बरामदगी के लिए जिला पुलिस द्वारा साइबर सेल के माध्यम से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले के विभिन्न थानों में दर्ज की गई रिपोर्ट के आधार पर कुल 201 मोबाइल बरामद किये गये। बरामद किये गये 201 मोबाइल के मूल स्वामी को पुलिस ने बुलाया गया और उन्हें उनके मोबाइल सौंपे गए। सुपुर्द किये गये सभी मोबाइल का बाजार मूल्य लगभग 50 लाख रुपये बताया गया।
इस अवसर पर एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि जिले में गुमशदा मोबाईल के सम्बंध में सूचना देने के लिए सेंट्रल इक्यूपमेंट इडेन्टिटी रजिस्टर (CEIR) बनाया गया है। इस पोर्टल पर जिला में गुमशुदा मोबाईल के संबंध में सूचना प्रविष्ट की जाती है। पोर्टल का देखरेख साइबर सेल की तकनीकी शाखा द्वारा किया जाता है। साइबर सेल द्वारा समय समय पर प्राप्त कम्पलेन का अवलोकन कर मोबाईल की बरामदगी की जाती हैं। मूल स्वामी अपने मोबाईल प्राप्त करने के बाद काफी खुश नजर आ रहे थे।
ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत पुलिस ने 201 खोए हुए मोबाइल लौटाए। खोए हुए मोबाइल फोन दोबारा से मिलने पर लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे। मोबाइल मिलने पर लोगों ने एसपी सुधीर जोशी का आभार प्रकट किया। लोगों ने कहा उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि खोया मोबाइल वापस मिलेगा। ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत पुलिस ने खोया हुआ मोबाइल लौटाकर खोई मुस्कान लौटा दी है। बरामद की गई मोबाइल की कीमत करीब 50 लाख रूपये है।

तीन वर्ष बाद मिला गुम हुआ मोबाइल

पंचायत समिति सभागार में एसपी द्वारा प्राप्त मोबाइल के मूल स्वामी राशमी थाना के नारायणपुरा निवासी हीरालाल सुखवाल ने बताया कि मोबाइल गुम होने के तीन वर्ष बाद उन्हें अपना मोबाइल फिर से प्राप्त हो गया है। उन्होंने बताया कि घर से बाजार जाने के दौरान उनका मोबाइल रास्ते में गिर पड़ा था। इस संबंध में थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गुम हुआ मोबाइल उन्होंने 24 हजार रुपये में खरीदा था। उन्हें विश्वास नहीं था कि उन्हें गुम हुआ मोबाइल वापस मिलेगा लेकिन ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत उनके मोबाइल तीन वर्ष बाद वापस मिल गये।

सबसे महंगा मोबाइल फिर मिला

मोबाईल वितरण कार्यक्रम में अपना गुम हुआ महंगा आईफोन मोबाइल पुनः पाकर मण्डफिया थाने के अतुल कुमार पुत्र मनोहर रावल बहुत प्रसन्न हुआ। सदर चित्तौड़गढ़ थाने की माया धाकड़ व अन्य महिलाओं ने भी अपने मोबाईल पुनः पाकर खुशी जाहिर की।
गुम हुए मोबाईलों की बरामदगी में सबसे ज्यादा मोबाईल बस्सी थाना पुलिस में दर्ज शिकायतों में से 23 मोबाईल बरामद कर मूल मालिक को लौटाए गए। वहीं थाना सदर चित्तौड़गढ़ के 18 मोबाईल, बेगूं के 16, गंगरार के 15, मंगलवाड़ के 14, निम्बाहेड़ा के 13, भादसोड़ा के 12 सहित कुल 201 मोबाईल बरामद कर लौटाये गए।
एसपी सुधीर जोशी ने लोगों से साइबर क्राइम को लेकर सतर्क, जागरुक रहने व बिना जानकारी के किसी भी तरह की जानकारी अनजान को मुहैया नहीं कराने की बात कही है। उन्होंने साइबर फ्रॉड होने पर अविलम्ब सूचना साइबर पोर्टल 1930 पर Golden Hour के दौरान देकर आपके फ्रॉड हुए रुपये को रुकवाने में शीघ्रता दिखाने की भी बात कही, जिससे लोगो के फ्रॉड हुए पैसे रिकवरी की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। इस दौरान एएसपी सिकाउ मुकेश सांखला, एएसपी चित्तौड़गढ़ परबत सिंह, वृत्ताधिकारी चित्तौड़गढ़ तेज कुमार पाठक, शहर कोतवाल संजीव स्वामी, साइबर सेल प्रभारी हैड कानि. राजकुमार, साइबर सेल के कर्मी सहित अन्य थानों के पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
गृह मंत्रालय की नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के हेल्प लाइन नंबर 1930 है, जिसमें सभी प्रकार के साइबर अपराध की शिकायतें कर सकते हैं, जो आपसे सामान्य जानकारी मांगता है। आज लोगो को उपलब्ध कराए गए मोबाईल सेंट्रल इक्यूपमेंट इडेन्टिटी रजिस्टर (CEIR) की पोर्टल पर दर्ज सभी गुमशुदा मोबाईल की शिकायत पर साइबर सेल की मदद से बरामद किए गए है।
मोबाईल बरामदगी की उक्त सम्पूर्ण प्रक्रिया में साइबर सेल के हैड कानि. राजकुमार, कानि. रामावतार, रामनरेश, कमलेश, गणपत, कमलेश व श्रवण एवं साइबर क्राइम जयपुर के कानि. प्रदीप कुमार की विशेष भूमिका रही।

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