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किसानो को स्वावलम्बित बनावे: डॉ. कर्नाटक।

 

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ डेस्क।

चित्तौडग़ढ़।महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक के मुख्य आतिथ्य एवं निदेशक प्रसार शिक्षा की अध्यक्षता में कृषि विज्ञान केन्द्र चित्तौडगढ़ की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन 3 जुलाई को किया गया। बैठक में मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति महोदय डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने केन्द्र के अधिकारियों को कृषको के हित और अधिक क्षमता के साथ कार्य करने हेतु प्रेरित किया। डॉ कर्नाटक ने बताया कि केन्द्र पर स्थापित कस्टम हायरिंग सेन्टर में उपलब्ध कृषि यन्त्रो को निर्धारित दर पर अधिक से अधिक किसानो को उपलब्ध कराया जावे। जिले के किसानो की आय में वृद्धि हेतु नवीनतम कृषि तकनीकी, खेती में रसायनो कम प्रयोग कराकर एवं समन्धित कृषि प्रणाली को अपनाने से खेती में लागत कम होगी व आय में बढ़ोतरी होगी। साथ ही जलवायु परिवर्तन के अनुसार कृषि की नवीनतम कृषि तकनीकी को किसानो तक पहुंचाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कम जल माग वाली फसलो के प्रति किसानो में जागरूकता लाने का सुझाव दिया। डॉ. कर्नाटक ने कहा कि जलवायु आधारित कृषि करनी चाहिए जिससे कृषको को पांच गुना अधिक आमदनी प्राप्त हो सके। एक भारत श्रेष्ठ भारत एक फसल एक जानवर का सलोगन देते हुए कहा कि आने वाले समय में मक्का की बहुत मांग होगी इसलिए मक्का की फसल का क्षेत्र एवम उत्पादन बढ़ाना होगा। उन्होने कृषि के विभिन्न आयामो पर प्रकाश डाला जिसके अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के अनाजों एवं फलो की बायोफोर्टिफाइड किस्मों के बारे में बताते हुए बेल, लीची, कालाजीरा, अश्वगंधा इत्यादि के उत्पादन करने पर जोर दिया, साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि के प्रत्येक मौसम में कृषक मेला आवश्यक है ताकि मौसम के अनुसार तकनीकी बड़े स्तर पर प्रत्येक किसान तक नवीनतम तकनीकी का प्रचार-प्रसार हो सके। डॉ. आर.ए. कौशिक, निदेशक, प्रसार शिक्षा, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने सर्व प्रथम कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिको को बधाई देते हुए केन्द्र द्वारा किये गये कार्यों के प्रगति की प्रशसा एवं सुझाव दिया की कृषि विज्ञान केन्द्र पर कृषि पर्यटन पर जोर दिया तथा उन्होने किसानो को जैव सबंधित फसले लगाने के लिए कहा साथ ही केन्द्र पर खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की योजना पर बात की। तथा केविके के प्रशिक्षणों में नर्सरी प्रबन्धन, जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम जोडने की बात कही।
डॉ. लतिका व्यास, प्रोफेसर, प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर ने महिलाओं हेतु किये जाने वाले खाद्य प्रसंस्करण आधारित प्रशिक्षणों एवं कार्यों के बारे में बताया तथा कृषको को विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित राजस्थान खेती प्रताप की सदस्यता बढ़ाने के लिए अनुशंसा की।
सर्वप्रथम केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र चित्तौड़ ने डॉ. रतन लाल सोलंकी ने वर्ष 2023-24 का प्रगति प्रतिवेदन एवं पिछले वर्ष बैठक में दिये गये सुझावों का अनुकरण प्रस्तुत किया एवं आगामी कार्य योजना को प्रस्तुत किया गया। केवीके प्रतिवेदन की उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा सराहना की गई एवं आवश्यक सुझाव भी दिये गये।
बैठक में दिनेश जागा, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार, चित्तौड़गढ़, डॉ शंकर लाल जाट, उपनिदेशक, उद्यान विभाग चित्तौडग़ढ़, राजाराम सुखवाल, उपनिदेशक, सीताफल उत्कृष्टता केन्द्र, चित्तौड़गढ़, ओपी शर्मा, उपनिदेशक कृषि कृषि ग्राह्य अनुसंधान, डॉ. दीपीका पालीवाल, सहायक निदेशक, मत्स्य विभाग, चित्तौडगढ़, अंशु चौधरी, सहायक निदेशक, कृषि विभाग चित्तौडगढ, नाबार्ड से महेन्द्र डूडी, महमूद गौरी, प्रबंधक, कट्स, रमेश आमेटा, मूकेश आमेटा, इफको, सीताराम महावर, आकाशवाणी, प्रगतिशील कृषक शम्भू लाल जाट, नंद लाल धाकड़, मोहन लाल खटीक, राजेन्द्र किर, नानू सिंह मीणा, प्रगतिशील महिला रेखा सालवी ने भी अपने अपने विचार व सुझाव दिये।
बैठक में केन्द्र के दीपा इन्दौरिया, कार्यकम सहायक, संजय कुमार धाकड़, कार्यक्रम सहायक, रमेश चन्द्र माली, सेवानिवृत अनुभाग अधिकारी, घीसू लाल मीणा, वाहन चालक, बनवारी लाल, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आदि कर्मचारी उपस्थित थे। इस बैठक में जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, प्रगतिशील कृषक एवं महिला, बाड़ी एनजीओ आदि के 45 सदस्यो ने भाग लिया। अंत में केन्द्र की दीपा इन्दौरिया ने वैज्ञानिक सलाहकार समिति के समस्त सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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