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पिछले 3 साल से बामनिया स्कूल के बच्चे पढ़ रहे डर के साये मे, छते झरझर, जिम्मेदार बने मुखदर्शक।

 

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ डेस्क।

चित्तौडग़ढ़। विद्यालय मे अगर कोई छोटा मोटा हादसा भी हो जाता है तो बड़ी संख्या मे लोग विद्यालय स्टाफ से लड़ने पहुंच जाते है लेकिन जिस विद्यालय मे अपने ही बच्चे पढ़ रहे हो उस विद्यालय कि देखरेख ओर रखरखाव पर आज भी ना ग्रामीणों का ध्यान जा पा रहा ना ही गाँवो के विकास के लिए जिम्मेदार ग्राम पंचायत का।


ऐसा ही मामला देखने को मिला चित्तौडग़ढ़ पंचायत समिति कि ग्राम पंचायत शम्भूपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बामनिया का, जहां पिछले करीब 3 साल से छतो से आये दिन प्लास्तर निचे गिर रहा जो वहाँ पढ़ने वाले बच्चों के लिए खतरा बना हुआ है, यहाँ पुरी एक बिल्डिंग झरझर हालत मे है जिसमे प्रार्थना सभा का हॉल ओर कई कक्षा कक्ष शामिल है, कई बार विद्यालय कि तरफ से विभागीय अधिकारियो को लिखित मे दिया ग्राम पंचायत ओर ग्रामीणों को भी अवगत करवाया लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा जिससे लगता है सभी जिम्मेदार किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे है।
हाल ही मे हुए पुनावली विद्यालय मे बड़े हादसे के बाद ग्रामीणों ओर विद्यालय स्टाफ के साथ साथ बच्चों मे भी डर बैठ गया कि वैसा ही बड़ा हादसा कही यहाँ भी ना हो जाए इसे लेकर जिम्मेदारो कि उदासीनता से ग्रामीणों मे रोष है, ग्रामीणों ने बारिश से पूर्व ही इसे ठीक करवाने कि मांग कि ऐसा नहीं होने कि स्थिति मे जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप प्रदर्शन कि चेतावनी दी।

ग्राम पंचायत कि उदासीनता के चलते पिछले 3 साल से मंडरा रहा खतरा

जानकारी मे सामने आया कि शम्भूपुरा ग्राम पंचायत को कई बार ग्रामीणों ओर विद्यालय परिवार द्वारा इस बारे मे अवगत करवाया गया लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा हर बार सिर्फ आश्वासन देकर तालमटोल कि जा रही है जिससे पिछले 3 सालो से दर्जनों बच्चे अपनी जान जोखिम मे डालकर यहाँ पढ़ रहे है, बावजूद इसके ग्राम पंचायत द्वारा इस ओर ध्यान नहीं देना ग्राम पंचायत कि कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा रहा है।

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