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जोधपुर-चिंता, तनाव और क्रोध पर नियंत्रण करने के लिए हर सुबह की शुरुआत ध्यान से करें: संत चन्द्रप्रभ जी।

 

वीरधरा न्यूज़।नागौर@ श्री प्रदीप डागा।

जोधपुर।महान दार्शनिक संत श्री चन्द्रप्रभ जी महाराज ने कहा कि ध्यान शांति और एकाग्रता साधने का मार्ग है। चिंता, तनाव और क्रोध पर नियंत्रण करने के लिए हमें हर सुबह की शुरुआत ध्यान से करनी चाहिए। ध्यान के लिए हम शांत, एकान्त स्थान पर बैठें। आँखें बंद करके आती-जाती साँसों का अनुभव करते हुए मन को शांत और संतुलित करने का अभ्यास करें। तत्पश्चात अपनी थर्ड आई पर दस मिनट ध्यान करें। संतश्री ने कहा कि ध्यान के बाद प्रार्थना करें। प्रार्थना और विश्वास – दोनों में इतनी ताकत है कि वे असंभव को भी संभव बना देती हैं। भीतर में मनोबल और आत्मविश्वास का संचार कर देती है। प्रार्थना में हम परमात्मा के सुप्रीम पावर से जुड़ते हैं। जीवन के मोबाइल को चार्ज करने के लिए प्रार्थना पावर हाउस है।
संत चन्द्रप्रभ जी शनिवार को कायलाना रोड स्थित संबोधि धाम में संबोधि ध्यान योग साधना शिविर के शुभारंभ पर सैकड़ों साधक भाई-बहनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नॉलेज के साथ दिन की शुरुआत करें। जीवन में आसानी से सफलता पाने के लिए किताबों से दोस्ती होना जरूरी है। किताबें हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से आगे बढऩे में मदद करती हैं। एक छोटा-सा सकारात्मक विचार भी हमारे पूरे दिन को ऊर्जावान और प्रकाशवान बना सकता है। नौ रत्नों की आपको जानकारी है, पर किताब दसवाँ रत्न है जो नौ रत्नों से भी ज्यादा अनमोल है।
संतश्री ने हर सुबह खुद को मोटिवेट करने पर जोर देते हुए कहा कि एक्सरसाइज से शरीर को बल मिलता है, पर मोटिवेशन से मन को। गहरी साँस लेते हुए अपने आप से कहा करें – 1. मैं औरों से बेहतर हूँ, 2. मैं विजेता हूँ, 3. आज का दिन मेरा दिन है, 4. मैं यह कर सकता हूँ, 5. परमात्मा मेरे साथ है।
उन्होंने कहा कि हर सुबह हमारे सामने दो विकल्प होते हैं, पहला- सोए रहो और ढेर सारे सपने देखो, दूसरा- जागो और मन चाहे सपने पूरे करो। हम स्वयं तय करें कि हमारे जीवन का सही परिणाम किस में है। सूर्य ऊर्जा का पिण्ड है। हम उगते सूर्य का प्रकाश देखें। उगते सूरज को देखने वाला भाग्योदय देखता है, बाकी लोग तो केवल बंधी-बंधाई ज़िन्दगी जीते हैं। सुबह की शीतल और प्राणदायिनी वायु सेवन करने से मुख पर तेज आता है, पाचन शक्ति बढ़ती है, पेट साफ होने में मदद मिलती है, इम्यून सिस्टम अच्छा होता है। सुबह जल्दी उठने से दिन बड़ा हो जाता है और काम करने के लिए अतिरिक्त समय मिल जाता है, यानी एक दिन में डेढ़ दिन का काम।
उन्होंने कहा कि ब्लेसिंग्स के साथ दिन की शुरुआत करें। सुबह जगने पर माता-पिता एवं बड़े-बुजुर्गों के पाँव छूकर उनके आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें। माता-पिता के आशीर्वाद तो उस छतरी की तरह होते हैं, जो धूप हो या बारिश दोनों ही स्थिति में हमारी रक्षा करती है। उन्होंने कहा कि हम योगा- एक्सरसाइज के साथ दिन की शुरुआत करें। सुबह चाहे मॉर्निंग वॉक कीजिए या योगा अथवा एक्सरसाइज, खुद को फिट रखने के लिए कोई-न-कोई मापदण्ड अवश्य अपनाएँ। लोग पैसा कमाने के लिए रात-दिन उलझे रहते हैं, पर यह क्यों भूल जाते हैं कि स्वास्थ्य जीवन का पहला धन है। जीवन में होना है हिट तो खुद को रखना होगा फिट।
इस अवसर पर डॉ शांतिप्रिय सागर जी महाराज ने सभी साधक भाई बहनों को मुवमेंटेबल योगा का अभ्यास करवाया। उन्होंने सभी को सही श्वास विधि लेने और छोड़ने का नॉलेज दिया।
रविवार को होंगे आरोग्य और आनंद सत्र-शिविर प्रभारी गोपाल जैन ने बताया कि रविवार को सुबह 6:15 बजे आरोग्य सत्र होंगे और 10 से 12 बजे तक आध्यात्मिक जीवन जीने की कला पर प्रवचन और तनाव मुक्ति हेतु योग निद्रा का अभ्यास करवाया जाएगा, दोपहर 3 बजे ज्ञान एवं स्वास्थ्य चर्चा के साथ रात्रि 7 बजे से 9 बजे तक संबोधि ध्यान और योग नृत्य का आयोजन होगा।

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