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ग्रामीण स्टूडेंट्स को शिक्षित करने में नजीर बन रही मेवाड़ यूनिवर्सिटी।

 

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ श्रीमति दीपिका जैन।

चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन ने देश भर के ग्रामीण छात्रों को बेहतर हायर एजुकेशन देने के लिए एक नई पहल की है। इसके तहत यूनिवर्सिटी प्रशासन और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन विद्यार्थियों को विभिन्न कोर्सेस मेें शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप देने जा रहा है। इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए छात्रों को मेवाड़ यूनिवर्सिटी की वेबसाइट www.mewaruniversity.org पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिसकी अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है।
यह स्कॉलरशिप जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, विद्याभारती, डीएवी स्कूल और दूसरे बोर्ड के स्कूलों में 12 वीं पास  विद्यार्थियों को मिलेगी। इसमें ट्यूशन फीस का 50 प्रतिशत (पंजीकरण शुल्क, परीक्षा शुल्क) और छात्रावास शुल्क का 50 प्रतिशत (मेस समेत) विश्वविद्यालय द्वारा वहन किया जाएगा और शेष 50 प्रतिशत फीस मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन द्वारा विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी।
इस स्कॉलरशिप का फायदा उठाने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, डीएवी, विद्या भारती में पढ़ाई करने वाले 12 वीं पास विद्यार्थियों को 80 प्रतिशत या उससे अधिक जबकि अन्य स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक होना अनिवार्य है। इसके अलावा 12वीं पास उन्हीं विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा जो आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के तबके से आते है। संबंधित विद्यार्थियों को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा पारित ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन के समय जमा करना होगा। विद्यार्थियों को ऑनलाइन एंट्रेस एग्जाम पास करना होगा जिसमें मिले अंक और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर उनका चयन होगा। यह स्कॉलरशिप स्कीम बीटेक, बीबीए-एमबीए (एकीकृत), बीएचएम, बीफॉर्मा, बीएससी (एग्रीकल्चर), बीएमएलटी, बीआरआईटी, बीओटीटी, बीओटी, बीपीटीए बीए-एलएलबी, बीबीए-एलएलबी आदि पाठ्यक्रमों के लिए मान्य होगी।
इस योजना के तहत ग्रामीण भारत के 3500 से अधिक विद्यालयों और 4 लाख से अधिक स्टूडेंट्स तक पहुंचने की योजना है, जिनमें से 100 ऐसे विद्यार्थियों (सर्वाेत्तम तथा जरूरतमंद जो किसी सरकारी स्कॉलरशिप का लाभ नहीं उठा सकते ) को प्रवेश देने का लक्ष्य निर्धारित है। जानकारी के मुताबिक इस स्कॉलरशिप में चयनित विद्यार्थी किसी अन्य केंद्रीय/राज्यीय सरकार/विश्वविद्यालय या किसी अन्य स्कॉलरशिप का लाभ उठाने के लिए पात्र नहीं होगा।

मेवाड़ यूनिवर्सिटी का संक्षिप्त परिचयः

मेवाड़ यूनिवर्सिटी की स्थापना 2008 से शुरू हुई थी और राजस्थान विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर 2009 में इसको कई विषयों के पाठयक्रमों को पढ़ाने की मान्यता मिली थी, तब से लेकर अब तक मेवाड़ यूनिवर्सिटी ने न केवल अपने आसपास बल्कि राजस्थान समेत देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बनाई है। यह यूनिवर्सिटी 12.50 लाख वर्ग फुट में फैली हुई है। इसमें विद्यार्थियों को न केवल वैश्विक शिक्षा बल्कि एक सभ्य नागरिक बनाने की शिक्षा भी दी जाती है। यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने बहुआयामी क्षे़त्रों समेत कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेलकूद प्रतियोगिता के अलावा टेक्निकल फेस्ट जैसे इवेंट्स में अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर कई महत्वपूर्ण पुरस्कार जीते है।
कुलपति प्रो. (डॉ.) आलोक कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि मेवाड़ यूनिवर्सिटी में 29 राज्यों और 20 देशों से लगभग दस हजार विद्यार्थी पढ़ाई करते है। 75 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक श्रेणी के अंतर्गत आते है जो कि खासतौर से दूर-दराज क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते है। वहीं 90 प्रतिशत ऐसे विद्यार्थी है जो ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब तबके से ताल्लुक रखते है। जिनका कॅरियर से लेकर जॉब दिलाने में मेवाड़ यूनिवर्सिटी प्रशासन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
चेयरपर्सन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने बताया कि ग्रामीण परिवेश में समाज के निचले तबके का एक वर्ग ऐसा है जो शिक्षित नहीं होने के कारण देश के विकास की मुख्यधारा से छूट जाता है। इसलिए मेवाड़ विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के समय से ही ध्येय वाक्य “पुअर टू पुअरस्ट और रीच्ड टू अनरीच्ड” तक पहुंच बनाकर वंचितों को शिक्षा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है और आगे भी यह प्रक्रिया अनवरत् जारी रहेगी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी प्रशासन केंद्रीय और राज्यस्तरीय स्कॉलरशिप योजना के जरिए भी विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर उनका भविष्य संवार रही है। यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों के सभी पक्षों पर कार्य करते हुए उनका सर्वांगीण विकास किया जाता है।

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