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चितौड़गढ़- अघोषित पावर कट एवं पेयजल समस्या का समाधान कर अत्यधिक गर्मी एवं हीट वेव को ध्यान में रख जिला कलेक्टर सरकारी – गैर सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित करे: पूर्व राज्यमंत्री जाड़ावत।

 

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ श्रीमती दीपिका जैन।

चित्तौडग़ढ़।गर्मी का पारा बढ़ते के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कटौती बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के आने-जाने का कोई निर्धारित समय नहीं गर्मी में बिजली कटौती से पेयजल की दिक्कत भी शुरू हो गईं है।
पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्रसिंह जाड़ावत ने कहा की चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र के गांवो में दोपहर के समय में 3 से 4 घंटे तक बिजली कटौती के संकट का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में बिजली सप्लाई बाधित नहीं होने देने के दावे फेल होते दिख रहे हैं। राजस्थान में अत्यधिक गर्मी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए है जिससे आमजन वैसे ही परेशान है फिर पावर कट की समस्या होने से पेयजल आपूर्ति नही होने से संकट गहराता जा रहा है। उन्होंने कहा की बिजली कटते ही उपभोक्ताओं को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ता है क्योंकि ओवरहेड टैंक से आपूर्ति कुछ ही देर में बंद हो जाती है और मोटर न चलने के कारण लोग अपनी टंकियों में पानी नहीं भर पाते हैं।
प्रवक्ता नवरतन जीनगर ने बताया की पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत के मंगलवार को विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण दौरे के समय यह समस्या देखने को मिली क्षेत्र वासियों ने बताया कि पावर कट से गर्मी में मच्छरों की भरमार होने लगी है। बिजली कट जाने पर मच्छर भी मकानों में भर जाते हैं जिसके काटने से गांवो में बीमारियो की आशंका बन रही है विद्युत एवं पेयजल समस्या पिछले सप्ताह से अधिक हो गई। टैंकर से जलापूर्ति भी समय पर नहीं होने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है ऐसे में बिजली उपभोक्ता दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं। एक तरफ प्राकृतिक के वजह से भीषण गर्मी की मार तो दूसरी तरफ बिजली की समस्या एवं पेयजल संकट जिसका निदान कराना अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गया है, उन्होंने कहा की प्रदेश में हीटवेब के कारण कही जिलों में हालात बुरे होने शुरू हो गए हैं। कई जिलों में पारा 43 के पार पहुंच गया है। ऐसे में गर्मी के कारण स्कूलों की बंद होने की घोषणा भी होना शुरू हो गई है। चितौड़गढ़ जिले का वर्तमान में पारा 41 एवं 42 तक पहुंच रहा है आने वाले समय में अत्यधिक गर्मी एवं हिटवेव की आशंका को देखते हुए जिला कलेक्टर को अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित करना चाहिए।

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