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डिडवाना-व्हाट्सएप्प आईडी हैग कर इलेक्ट्रिक दुकानदार कुमावत के नाम परिचितो से मांगे रुपए।

 

वीरधरा न्यूज।नावा@ श्री श्यामसुन्दर प्रजापत मीठडी।

नावा।मीठड़ी कस्बे सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्रो व शहरो में डिजिटल प्रयोग बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन ठगी करने के वारदातो में एकाएक बढ़ोतरी हो गई है। आये दिन मोबाईल उपभोक्ता ऑनलाइन ठगी के शिकार हो रहे है।रविवार देर रात इलेक्ट्रिक आईटम के विक्रेता ललित कुमावत ने अपने दूसरे मोबाईल नम्बर मैसेज भेजकर बताया कि उसकी वाटसप आईडी हैग कर अज्ञात साईबर अपराधी रुपए मांग रहा है। कोई भी उस पर रुपए नहीं भेजे। साईबर अपराधी व्हाट्सएप्प व फेसबुक आईडी हैग कर उसकी ही डीपी लगाकर केवल व्हाट्सएप्प मैसेज भेजकर हॉस्पिटल में भर्ती होने को लेकर रुपए भेजने को लिख रहा है। विडियो काॅल करने पर काट देता है।आये दिन ऐसी वारदात घटीत हो रही है, पर उचित साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने पर पुलिस उचित कारवाई नहीं कर पा रहा है। जिससे साईबर अपराधियो के हौंसले बुलंद हो रहे है। साइबर जालसाज इन दिनों फेसबुक मैसेंजर को हैक कर ऐसे मैसेज भेज रहे है। उसके मित्रों से राशि ठग रहे है। इसके शिकार आम आदमी ही नहीं, बल्कि पुलिस पदाधिकारी से लेकर जवान तक ठग के शिकार हो चुके है।

लापरवाही से होता है अकांउट हैग

फेसबुक अकांउट पर सुरक्षा की दृष्टि से विशेष पासवर्ड लगा होता है, लेकिन सोशल मीडिया चैटिंग एप्प्स के उपयोग के समय यूजर लापरवाही बरतने तथा सावधानी पूर्वक नहीं चलाने के कारण हैकर का शिकार हो जाता है। इसके बाद हैकर आइडी से किसी को भी संदेश भेज सकते हैं। अधिकतर हैकर आइडी का उपयोग लोगों के साथ ठगी करने के लिए करते हैं। इसके अलावा एकाउंट का नाम बदल कर आइडी से अन्य तरह की छेडड़ाड़ करते है।

किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करें

साइबर जानकार का कहना है कि फेसबुक एकांउट को हैक करने वाले हैकर लोगों के प्रोफेशन को ध्यान में रखते हुए एक लिंक के ऊपर एक संदेश लिखते हैं। जिस लिंक पर क्लिक करने के बाद मांगी गई कुछ जानकारी मिलते ही एकाउंट हैक हो जाता है। ऐसे में किसी भी लिंक को खोलने के बाद मांगी गई जानकारी भरने से पहले अच्छी तरह जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए कि यह साइट विश्वास करने लायक है या नहीं। आवश्कता नहीं हो तो ऐसी किसी भी साइट में जानकारी भरने से परहेज करना चाहिए। सोशल मीडिया के अकाउंट का आसान पासवर्ड नहीं लगाना चाहिए। फेसबुक पर अपना मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी सार्वजनिक न करें। अपना नाम, नाम की उल्टी स्पेलिंग, बच्चों के नाम, मोबाइल नंबर, सरल संख्या को पासवर्ड नहीं बनाएं। रुपये मांगने के लिए कोई भी फेसबुक, वॉट्सएप या अन्य सोशल मीडिया पर मैसेज भेजे तो भावावेश में आकर तुरंत रुपये ट्रांसफर न करें। इस तरह की ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए सतर्कता बहुत जरूरी है। सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट में प्राइवेसी रखें ताकि फ्रैंड लिस्ट से बाहर का अन्य व्यक्ति मोबाइल नंबर या फोटो न देख सके। कस्टमर केयर नंबर की जरूरत हो तो बैंक या शॉपिंग की अधिकृत यानि ऑफिशियल वेबसाइट से ही लें, गूगल में सर्च कर मिले नंबर पर संपर्क न करें क्योंकि ठगों ने वहां कई फर्जी नंबर दे रखे हैं।
आइडी में मोबाइल नंबर और जन्म तिथि नहीं डालें
साईबर सेल के विशेषज्ञ के मुताबिक ये लोग बाहरी राज्यों में रहते हैं। लोकेशन पता करना बेहद मुश्किल होता है। सॉफ्वेयर से ये मोबाइल नंबर या जन्म दिनांक डालकर अकाउंट हैक कर लेते हैं और फेसबुक से जुड़े लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर मैसेज कर रुपए मांगते हैं। जहां तक हो फेसबुक आईडी में मोबाइल नंबर व जन्म दिनांक नहीं डालें।

यहां करें शिकायत

साइबर कांड से संबंधित किसी भी प्रकार की सहायता के लिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्ट पोर्टल पर शिकायत करें। साथ ही हेल्पलाइन नंबर 155260, साइबर सेल नम्बर 0612-2216236 तथा पुलिस हेल्प लाइन नम्बर 18603456999 पर सम्पर्क करें। साथ ही बेबसाइट के माध्यम से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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