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बड़ीसादड़ी-विद्यार्थियों को शिक्षक – शिक्षिकाएं शिक्षा के साथ संस्कारों की शिक्षा से भी पोषित करेः प्रदेश महिला सचिव जाट।

 

वीरधरा न्यूज।बड़ी सादड़ी@ श्री हरिश जैन।

बड़ीसादड़ी।विद्यार्थियों को शिक्षक शिक्षा के साथ संस्कारों की शिक्षा से भी पोषित करें यह विचार राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की प्रदेश महिला सचिव सुशीला जाट ने राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला स्तरीय महिला सम्मेलन में रविवार को बांसी बोहेड़ा रेलवे स्टेशन के पास स्थित आसावरा माता मन्दिर परिसर में रविवार को व्यक्त किए। समारोह की मुख्य वक्ता प्रदेश महिला संयुक्त सचिव सुशीला जाट ने कहा कि हमें आत्म निर्भरता की ओर बढ़ कर संगठन को और मजबूती प्रदान करनी होगी। मुख्य वक्ता सुशीला जाट ने जिले की सभी महिला पदाधिकारियों व शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए अपने कर्तव्यों को पूरे समर्पण के साथ संपादित करने की प्रेरणा दी। सुशीला जाट ने कहा कि हमें अपनी कर्मस्थली विद्यालय को पूजास्थली मानते हुए अपने कर्तव्यों को पूरा करें। हमें विद्यालय में पर्यावरण के साथ-साथ स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। जाट ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों को पाश्चात्य संस्कृति की ओर नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की ओर अग्रसर करने के लिए प्रेरित करें। मुख्य वक्ता जाट ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संगठन में 73 हजार महिला सदस्य है। मुख्य वक्ता सुशीला जाट ने बताया कि संगठन द्वारा विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से मानवीय मूल्यों को पोषित करने वाले अनेक सेवा प्रकल्प किए जाते हैं। कोरोना के बुरे समय में भी संगठन की महिलाओं ने अपनी जान की परवाह न करते हुए जांबाजी के साथ मानवीय सेवा में अग्रणी भूमिका निभाई थी। सम्मेलन में उप प्रधान रामचंद्र जोशी ने शिक्षक शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि माता बालक की सबसे पहली गुरु होती है। पाश्चात्य संस्कृत का अनुसरण करने के कारण हमारी संस्कृति दूषित होती जा रही है। हमारे युवा व्यसन कर के पतन की ओर आगे बढ़ रहा है। युवा देश का भविष्य होता है। हमें युवाओं को पाश्चात संस्कृति के साथ नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति के साथ जीना सीखना होगा। पिछले कुछ वर्षों से देश में अब धर्म एवं संस्कारों की ओर युवाओं का रुझान बढ़ने लगा है। उप प्रधान रामचंद्र जोशी ने कहा कि देश संविधान से चलता है, लेकिन समाज संस्कृति एवं संस्कारों से चलता है। हमें संस्कृति एवं संस्कारों को पुनः जीवित करना होगा। उप प्रधान जोशी ने कहा कि संस्कृति एवं संस्कारों को जिंदा रखने का दायित्व सिर्फ शिक्षकों का ही नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों सहित हम सब का दायित्व होता है। उप प्रधान रामचंद्र जोशी ने उपस्थित बड़ी संख्या में उपस्थित शिक्षक – शिक्षिकाओं को समय निकालकर राष्ट्रवाद की शिक्षा देने का आह्वान किया। सम्मेलन में उपस्थित जन प्रतिनिधियों के सामने संगठन द्वारा शिक्षक – शिक्षिकाओं को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने की मांग रखी। विद्यार्थियों को शिक्षकों द्वारा दिए जाने वाले सत्रांक के बारे में भी सरकार द्वारा हाल ही में दिए गए आदेश का विरोध किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला अध्यक्ष तेजपाल सिंह शक्तावत ने की।
एक दिवसीय महिला शिक्षक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रुप में प्रधान नन्दलाल मेनारिया, उप प्रधान रामचन्द्र जोशी, बोहेड़ा सरपंच गोपाल मालू, उप सरपंच नंदलाल खारोल अमीरामा सरपंच गुलाब सिंह रावत, जयंत भण्डारी, गौतम धींग, सागरमल कुमावत, नगर अध्यक्ष अशोक वेद, जिला महिला मंत्री मधु जैन, जिला महिला संगठन मंत्री दीपिका झाला, जिला महिला उपाध्यक्ष नीना निगम, जिला मंत्री रामलक्ष्मण त्रिपाठी, जिला संगठन मंत्री रमेशचन्द्र पुरोहित, जिला कोषाध्यक्ष नर्बदा शंकर पुष्करणा, भामस के जिला कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश बक्षी, अतिरिक्त जिला मंत्री महेंद्र कुमार जैन, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के उपशाखा बड़ीसादड़ी के अध्यक्ष गोपाल टेलर, मंत्री पीयूष, संगठन मंत्री कैलाश चंद्र मालू, जिला महासमिति सदस्य भगवती लाल सुथार, डूंगला उप शाखा अध्यक्ष पूरणमल लोहार, भदेसर उपशाखा अध्यक्ष सुनील भारद्वाज, आसावरा माता मन्दिर मण्डल के व्यवस्थापक ओम प्रकाश शर्मा, शिक्षक प्रदीप वैष्णव व रणजीत राय मौजूद थे। कार्यक्रम में कृष्णार्जुन “पार्थ भक्ति” व सुशील लड्ढा का सराहनीय सहयोग रहा। सम्मेलन में नवनियुक्त शिक्षक – शिक्षिकाओं एवं सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। महिला शिक्षक सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।

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