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महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट में चित्तौडगढ को किया जाये सम्मिलित विधायक आक्या ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र।

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@डेस्क।


चित्तौड़गढ़। चित्तौडगढ़ विधायक चंद्रभानसिह आक्या ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व पर्यटन मंत्री दिया कुमारी को पत्र लिखकर राजस्थान सरकार की 100 करोड़ की महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट बजट घोषणा में चित्तौडगढ को शामिल करने का अनुरोध किया है।

विधायक आक्या ने मुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री को लिखे पत्र में राजस्थान सरकार की 100 करोड़ की महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट बजट घोषणा की सराहना करते हुए बताया कि महाराणा प्रताप न केवल मेवाड, बल्कि पुरे देश के स्वाधीनता के नायक माने जाते है। महाराणा प्रताप ने जीवन पर्यन्त स्वाभिमान व स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया। इस महानायक के सम्पूर्ण जीवन मूल्यों और रणकौशल के मूल में चित्तौड़गढ़ ही है, इनके व्यक्तित्व विकास में चित्तौड़गढ़ की सबसे अहम भूमिका रही है। प्रताप को परिपक्व राजनीतिज्ञ, युद्धकौशल, शासकोचित्त गुण, प्रजापालन, अदम्य साहस, स्वाभिमान, सतत संघर्ष जैसे जीवन मूल्य चित्तौड़गढ़ से मिले। प्रताप ने डूंगरपुर, गोडवाड और देवलिया सैन्य अभियान चित्तौड़गढ़ से ही किये। अतीत में मेवाड़ का मतलब ही चित्तौड़गढ़ रहा है जिसे विश्व प्रसिद्ध धरोहर में सम्मिलित किया गया है। चित्तौड़गढ़ के इतिहास के साथ प्रताप का नाम जुड़ा हुआ है, प्रताप का मुख्य उद्देश्य ही चित्तौड़गढ दुर्ग को मुगलों से स्वतंत्र कराना था। महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट चित्तौडगढ के बिना अपूर्ण है।

विधायक आक्या ने पत्र में बताया कि महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट में चावण्ड, कुम्भलगढ़, हल्दीघाटी, दिवेर, गोगुन्दा व उदयपुर को सम्मिलित करते हुए चित्तौडगढ को नजर अंदाज किया गया है जो कतई उचित नही है। मेवाड़ में पर्यटक प्रताप के पराक्रम, मीरा की भक्ति, पन्नाधाय का बलिदान व रानी पद्मिनी की शौर्यगाथा को जानने के लिए आते है, चित्तौडगढ इसकी मुख्य धूरी है। महाराणा प्रताप सर्किट का मकसद महाराणा प्रताप के जन्म व कर्मस्थली के इतिहास से पर्यटकों को परिचित कराना व इनकी कर्म भूमि का विकास करना है। प्रताप का जीवनकाल व इतिहास चित्तौडगढ से जुड़ा हुआ है। महाराणा प्रताप ने जीवन पर्यन्त स्वाभिमान व स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया। इस महानायक के सम्पूर्ण जीवन मूल्यों और रणकौशल के मूल में चित्तौड़गढ़ ही है, इनके व्यक्तित्व विकास में चित्तौड़गढ़ की सबसे अहम भूमिका रही है। अतः महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट में शामिल विभिन्न स्थानों के साथ चित्तौड़गढ़ को सम्मिलित किया जाकर चित्तौड़गढ़ के गौरव व मान सम्मान को बरकरार रखा जावें।

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