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भीलवाड़ा-महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने नेपाल में प्राचीन बाबा वनखंडी उदासीन आश्रम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया। 

वीरधरा न्यूज़। भीलवाड़ा@ श्री पंकज आडवाणी।


भीलवाड़ा। हरिशेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर के महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन जो इन दिनों नेपाल यात्रा पर हैं, उन्होंने धूनी वन स्थित सिद्ध प्राचीन बाबा वनखंडी उदासीन आश्रम मंदिर के तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया। इस स्थान को निर्वाण बाबा वनखंडी जी की तप स्थली माना जाता है। रामधुनि भासी वन नेपाल देश जहाँ बाबा वनखंडी साहेब के दर्शन की अभिलाषा से 12 वर्षो तक तपोमूर्ति श्री निर्वाण प्रीतम दास जी ने तपस्या की तत्पश्चात बाबा बनखंडी साहेब जी ने दर्शन दिए। बाबा वनखंडी साहिब ने उन्हें गोला साहेब (भस्म शिवलिंग) भेंट किया। उन्हें आदेश दिया की संपूर्ण नेपाल एवं भारत वर्ष में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करे। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु निर्वाण बाबा प्रीतम दास जी द्वारा श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण की स्थापना की गई।

इस उपलक्ष्य में आज दिनांक 21/2/2024 को तीन दिवसीय कार्यक्रम बड़े धूम धाम से भीलवाड़ा के आचार्य पंडित सत्यनारायण शर्मा एवं अन्य पंडितों के सानिध्य में वैदिक मंत्रोचार कर संपन्न किया गया। मंदिर में उदासीनाचार्य जगत्गुरू भगवान श्री श्रीचन्द्र जी महराज, सिद्ध बाबा बनखंडी साहेब महाराज और शिष्य जोरा भोरा, तपोमूर्ति निर्वाण श्री प्रीतम दास जी महाराज और धर्म ध्वजा साहेब की स्थापना की गई एवम आसपास 5 गाँवों के समस्त भक्तों का विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।

इस उपलक्ष्य में श्री सत्पंच परमेश्वर श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण भ्रमणशील मण्डल (जमात) के श्रीमान महन्त अद्वेतानंद जी के हस्तकमलों द्वारा मूर्तियों की स्थापना की गई। साथ ही इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन भीलवाड़ा राजस्थान, मंदिर के मुख्य व्यवस्थापक स्वामी गोपाल मुनि जी उदासीन, श्री महन्त उमा शंकर दास जी बैलवा उत्तर प्रदेश, मुकामी महन्त गोविन्द दास जी उदासीन हरिद्वार, महंत स्वरूप दास जी उदासीन अजमेर, महंत हनुमान राम जी उदासीन पुष्करराज, महन्त मनोहर दास जी जमालपुर बिहार, निर्वाण सन्त मण्डल एवम नेपाल व भारत के अनेक संत मण्डल व भक्त मण्डल व बाबा बनखंडी साहेब धुना के पुजारी काशी दास जी उपस्थित थे जिनके सानिध्य में नव निर्मित मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा का आयोजन किया गया।

महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी ने बताया कि यहाँ मुख्यतः गोला साहेब जी की पूजा करते हैं। रोट प्रसाद बनाकर भोग लगाते हैं । यहाँ का मुख्य प्रसाद भी गोला साहेब की भस्म होती है। स्वामी जी अपने इस नेपाल दौरे पर दिनांक 18/2/2024 को निकले थे। उन्होंने काठमांडू में स्थित श्री पशुपति नाथ जी के मंदिर दर्शन किए ।विश्व के एक मात्र भगवान राम के मंदिर जहां श्री राम अपने पुत्र लव कुश के साथ विराजित हैं भी दर्शन करने गए। एवं शक्तिपीठ माता गुईया देवी, भगवान विष्णु के हरिहर रूप में दर्शन किए। धूनी वन में वे बाबा वनखंडी साहेब के अनेक प्राचीन स्थानों एवं उनके समाधि स्थल जहां वर्तमान में लक्कड़ के महंत मोहनदास जी हैं, जाकर दर्शन किए। स्वामी जी 22/2/2024 को अपनी यात्रा को विश्राम दे पुनः भारत के लिए प्रस्थान करेंगे तथा 23/2/2023 को भीलवाड़ा पहुँचेंगे।

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