वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौडग़ढ़।कृषि विज्ञान केन्द्र चित्तौड़गढ़ में 19 फरवरी को वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने केन्द्र के अधिकारियों को कृषको के हित और अधिक क्षमत्ता के साथ कार्य करने हेतु प्रेरित किया। डॉ. कर्नाटक ने देश के विकास में अहम योगदान रखने वाले पांच स्तम्भों के बारे में जोर देते हुए कहा कि कृषि का इन पांच स्तम्भों में महत्वपूर्ण योगदान है। कृषक उत्पादक संगठनों का गठन केन्द्र की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इन संगठनो के माध्यम से किसानों के समूह को जोड़कर उनकी आजिविका में सुधार किया जा सकता है।
डॉ. जे.पी. मिश्रा, निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र की 32 वीं वर्षगांठ पर बधाई देते हुये कहा कि प्रशिक्षणों की संख्या की पूर्ति करने की बजाय उनकी गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए तथा कार्य समस्त ब्यौरा व्यवस्थित ढंग से रखा जावें साथ ही उन्होने कहा कि सभी सरकारी योजनाओ की जानकारी बुकलेट इत्यादि द्वारा प्रसारित किया जावे।
डॉ. आर.ए. कौशिक, निदेशक प्रसार शिक्षा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने सर्व प्रथम कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिको को बधाई देते हुए केन्द्र द्वारा किये गये कार्यों के प्रगति की प्रशंसा एवं सुझाव दिया की कृषि विज्ञान केन्द्र पर फसल म्युजियम पर जोर दिया तथा उन्होंने किसानो को जैव सर्वर्धित फसले लगाने के लिए कहा।
सर्वप्रथम केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने वर्ष 2022-23 का प्रगति प्रतिवेदन एवं पिछले वर्ष बैठक में दिये गये सुझावों का अनुकरण प्रस्तुत किया एवं आगामी कार्य योजना को प्रस्तुत किया गया। केवीके प्रतिवेदन की उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा सराहना की गई एवं आवश्यक सुझाव भी दिये गये। केन्द्र द्वारा तीन कृषि फोल्डर मिलेट खाये कुपोषण को हराए, प्राकृतिक खेती, मृदा स्वास्थ्य कार्ड का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया साथ ही जनजाति क्षेत्र के किसानों की बकरी नस्ल सुधार हेतु सिरोही नस्ल के चार बीजू बकरे वितरित किये गये। केन्द्र पर स्थापित सजीव इकाइयो का अतिथियों द्वारा भ्रमण किया गया।
डॉ. धृति सोलंकी, प्रोफेसर, सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय, उदयपुर ने अपने महाविद्यालय द्वारा महिलाओं हेतु किये जा रहे प्रयासो एवं कार्यों के बारे में बताया तथा कृषक महिलाओं को मोबाइल एप्प द्वारा प्रशिक्षित करने की अनुशंसा की।
डॉ. एस.एस मीणा, सह आचार्य, प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर ने कृषि में श्रम बचत करने हेतु मशीनीकरण के प्रयोग पर जोर दिया तथा फसलो में कीट एवं खरपतनाशक दवा का छिड़काव करने हेतु फार्म एवं किसानो के यहां कम से कम से स्प्रे करवावे।
बैठक में श्री राजाराम सुखवाल, उपनिदेशक, सीताफल उत्कृष्टता केन्द्र, चित्तौडगढ़, ओपी शर्मा, उपनिदेशक कृषि (आईपीएम), कृषि ग्राह्य अनुसंधान, नाबार्ड से महेन्द्र डूडी, डॉ. जयदीप भार्गव सहायक निदेशक पशुपालन विभाग, महमूद गौरी प्रबंधक, कट्स, डॉ. अंकलेश कटारा, पशु चिकित्सक पशुधन अनुसंधान केन्द्र, सीताराम महावर, आकाशवाणी, प्रगतिशील कृषक चैन सिंह जाडावत, नंद लाल धाकड़, मोहन लाल खटीक, राजेन्द्र कीर, नानू सिंह मीणा, प्रगतिशील महिला सीमा वैष्णव ने भी अपने अपने विचार व सुझाव दिये।
बैठक में केन्द्र के दीपा इन्दौरिया, कार्यकम सहायक, संजय कुमार धाकड़, कार्यकम सहायक, रमेश चन्द्र माली, सेवानिवृत अनुभाग अधिकारी, घीसू लाल मीणा, वाहन चालक, बनवारी लाल, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आदि कर्मचारी उपस्थित थे। अंत में केन्द्र की दीपा इन्दौरिया ने वैज्ञानिक सलाहकार समिति के समस्त सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।