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मेवाड़ यूनिवर्सिटी में धूमधाम से मनाया गया वसंतोत्सव  स्टूडेंट्स ने नाटक के जरिए पुलवामा अटैक के शहीदों की यादें ताजा की।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।


चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी में बुधवार को फाइन एंड परफोर्मिंग डिपार्टमेंट और एनएसएस के सहयोग से बसंत पंचमी के अवसर पर वसंतोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मेवाड़ यूनिवर्सिटी कैम्पस में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में पूजा-पाठ और हवन के साथ किया गया। इस अवसर पर फैकल्टी मेम्बर के साथ काफी संख्या में विद्यार्थियों ने पहुंचकर पूजा अर्चना की और राष्ट्र व समाज की सुख समृद्धि की कामना की। वसंतोत्सव के मौके पर कई रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसके तहत पुलवामा अटैक में शहीद हुए उन शहीदों को भी याद किया गया जो अपने परिवार को छोड़ देश की सेवा में लगे हुए थे। नाटक के जरिए यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने पुलवामा अटैक की घटना को जीवंत कर दिया जिसे देखकर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों में आंसू छलक उठे। कार्यक्रम में शहीदों को समर्पित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई जिसमें उन शहीदों के बलिदान को प्रदर्शित किया गया कि कैसे वे अपने परिवार को छोड़कर देश की रक्षा में लगे हुए है ताकि युवा में भी राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत हो सकें।

कार्यक्रम में बतौर अतिथि के तौर पर शामिल हुए मेवाड़ एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष और बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य गोविंद लाल गदिया व ओएसडी एच. विधानी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बसंत पंचमी की महत्ता बतलाई और कहा कि वसंतोत्सव जैसे त्यौहार भारतीय संस्कृति और परम्पराओं को दर्शाते हुए युवा पीढ़ी को जोड़ते है। युवाओं को भी विरासत में मिली इस पुरातन संस्कृति को सहेजकर रखना उनका दायित्व है। कार्यक्रम में स्टूडेंट रंगरुपा ने भी होली से सरोबर शास्त्रीय नृत्य पेश कर दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया और खूब तालियां बटोरी।

इसके अलावा शिखा, सिमरन, देवेंद्र कुमार, पीयूष सोनी, जानवी आदि स्टूडेंट्स ने भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर समां बांध दिया। कार्यक्रम के अंत में कला एवं संस्कृति विभाग की महानिदेशिका प्रो. (डॉ.) चित्रलेखा सिंह ने ऋतु परिवर्तन के बारे में बताते हुए बसंत पर्व की सभी को शुभकामनाएं दी और सभी अतिथियों का आभार जताया। इस मौके पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसका स्टूडेंट्स और फैकल्टी मेम्बर ने अवलोकन किया। कार्यक्रम के अंत में शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखते हुए राष्ट्रगान के साथ समापन किया गया। इस मौके पर माताश्री कमला देवी गदिया, टीएंडपी के निदेशक हरीश गुरनानी, डॉ. हरिओम शर्मा समेत काफी संख्या में फैकल्टी मेम्बर और स्टूडेंट्स मौजूद रहे।

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