आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मनमानी लाभार्थी पौषाहार के लिए भटक रहा दर बदर, प्रधान एवं विकास अधिकारी ने दिलाया ४ माह का पौषाहार।
वीरधरा न्यूज़।आकोला@ श्री शेख सिराजुद्दीन।
आकोला। उपखण्ड के आंगनवाड़ी पाठशाला नम्बर १ की कार्यकर्ता की मनमानी लाभार्थी पौषाहार के लिए दरबदर भटकने को विवश। भूपालसागर प्रधान हेमेन्द्र सिंह राणावत एवं विकास अधिकारी कुमूद सोलंकी के हस्तक्षेप के बाद गुरूवार सांय विकास अधिकारी कार्यालय में लाभार्थी के पति छगन लाल सरगरा को चार माह का पौषाहार दिलाया। उसमें १२ किलो दाल ५ किलोग्राम गेहुँ, ५ किलोग्राम चावल एक साथ दिलाया।
इस दौरान उपप्रधान प्रतिनिधी देशराज गुर्जर, लीलाधर जोशी, विजय कुमार अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
लाभार्थी दिपीका सरगरा के पति छगन सरगरा आंगनवाडी कार्यकर्ता के पास पौषाहार के लिए गये तो उनको कार्यकर्ता ने कहा हम आपको दाल, चावल, गेहुं नहीं देंगे। कार्यकर्ता द्वारा उनको बताया कि आपका पंजीयन नहीं हुआ है, जबकि लाभार्थी द्वारा बताया गया कि पंजीयन दिसम्बर २०१९ को जब पहला टीका लगा और ममता कार्ड बना तबसे पंजीयन हो गया था। फिर लाभार्थी का पति महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय में परियोजना अधिकारी प्रेमलता जोशी के पास गया तो उन्होने कहा कार्यकर्ता से बात कर पौषाहार दिलाया जायेगा। उसके बाद प्रार्थी ने विधायक अर्जुन लाल जीनगर से फोन पर बात कर उनको अवगत कराया तो उन्हाने उपखण्ड अधिकारी के पास लिखीत शिकायत दर्ज कराने की बात कही जिस पर तमाम प्रसुताओं द्वारा उपखण्ड अधिकारी को लिखीत शिकायत की। उसके बाद में जांच हुई जिसमें लाभार्थी को प्रवास पर दर्शा दिया गया। उसके पश्चात प्रार्थी ने विधायक से बात की जिस पर विधायक ने विकास अधिकारी को अवगत कराने की बात कही जिस पर प्रार्थी ने विकास अधिकारी को दिनांक २९ दिसम्बर को लिखीत शिकायत दी। पौषाहार मामले में आखीर कितना हो रहा गडबडझाला कहां तक जुडे है तार। दस दस बार सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज कराई शिकायत। प्रार्थी द्वारा करीबन दस बार सम्पर्क पोर्टल १८१ पर शिकायत दर्ज करा चुका मगर हर बार कार्यालय द्वारा खाना पुर्ति कर पत्राचार कर दिया गया। अब सवाल यह उठता है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से लगाकर उच्च अधकारीयों तक इतनी शिकायत के बाद भी उनके द्वारा व्यवस्था नहीं सुधारना कहीं ना कही मिलीभगत कि और ईशारा करता है। ऐसे में यह कहना भी उचित ही होगा कि इनके तार कहां तक जुडे हुए है।
अधिकारी कर्मचारी बता रहे है प्रवास, प्रार्थी ने बताया कि सात या आठ दिन बाहर थी जिसमें भी डिलेवरी राजकिय सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र गंगापुर में हुई तीन दिन तक जच्चा एवं बच्चा को चिकित्सालय में रखा उसके बाद बच्चे को ताण कि बिमारी हो गई जिस पर उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय भीलवाड़ा रेफर किया। वहां पर भी तीन चार दिन ईलाज किया उसके बाद स्वास्थ होने पर वहां से छुट्टी दी गई।
दीपीका पत्नि छगन सरगरा प्रवास पर होने पर भी तीन बार पौषाहार दिया गया। मगर महिला एवं बाल विकास विभाग की गाईड लाईन के अनुसार पति एवं पत्नि के आधार कार्ड एवं मोबाईल नम्बर लाभार्थी द्वारा नहीं दिये गये। तथा प्राप्त किये गये तीन माह के पौषाहार की प्राप्ति पर भी हस्ताक्षर नहीं किये, साथ ही पौषाहार लेने लाभार्थी नहीं आती थी उसका पति आता था और कहता था कि पौषाहार आपको मैरे घर पर लाकर देना पड़ेगा इसलिए पौषाहार समय पर नहीं दे पाये। आज पंचायत समिति में प्रधान एवं विकास अधिकारी के समक्ष सारा पौषाहार जो बनता है दाल, चावल एवं गेहुं दे दिया गया तथा डोक्युमेंट मोबाईल नम्बर लेकर प्राप्ति पर हस्ताक्षर भी करवा लिये गये।
अनुराधा जाट
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
में स्वयं सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत के बाद लाभार्थी के घर गई थी मगर लाभार्थी मोके पर उपस्थित नहीं थी। कार्यकर्ता से इस बारे जानकारी ली तो कार्यकर्ता ने बताया कि लाभार्थी प्रवास पर थी इसलिए लाभार्थी को समय पर पौषाहार नहीं दे पाये।