वीरधरा न्यूज़। आकोला @ श्री शेख सिराजुद्दीन।
आकोला। बड़गांव बांध की कच्ची नहर से चैन 599 से आगे क्षेत्र के किसानों के खेत हुए जल मग्न।
बड़गांव बांध का पानी की अच्छी आवक होने पर रबी की फसलों को नया जीवन दान मिलेगा। इस बांध की पिलाई की नहरो से लगभग 11-12 हजार किसानों को फायदा मिलता है, लेकिन सरकार द्वारा पक्की नहरों का बजट पास होने के बावजूद नहरों का कार्य अभीतक नहीं चला, जहां पक्की नहर है वहां पर भी कई बरसों पुरानी होने से तथा सिमेंट का प्लास्टर व मरम्मत नहीं होने से सैकड़ों किसानों के सैकड़ों बीगा खेत नहर के पानी से रिसाव से खेत जल मग्न हो गये। खेत जल मग्न होने से फसलों का भारी नुकसान हो रहा है। चैन 599 से आगे लगभग सभी खेत जल मग्न हो कर खेत पानी तलईयां बन गये। जहां किसानों को बड़गांव बांध नहर के पानी से लाभान्वित होने के बजाय, नुकसान हो रहा है। पितामपुरिया भागल के किसानों का कहना है कि नहरे अधिकांश जगह पर कच्ची बनी हुई है। कई जगहो पर तो पक्की नहर नहीं बन सकी है। जिसमें 30 से 50, फिसदी हिस्सा कच्चा ही है। वर्तमान में रबी की फसल की बुआई के लिये छोडा़ गया पानी सरकार की मंशानुसार घी कि तरह उपयोग में नही लेकर कच्ची नहरों से रिसाव होकर पानी फालतू बह रहा है, खेत जल मग्न हो गये है। जिससे आमजन में सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है। नहर कि पहली पिलाई से खेत में किसानों ने फसलों की बुवाई भी कर दी गई फसलें बड़ी भी हो गई लेकिन कच्ची नहरों के पानी का रिसाव की वजह से खड़ी फसलों में पानी में फसलें डूब गई जिसे लेकर किसानों के खेत जल मग्न होने पर खेतो में फसल बुवाई खराबा होने पर अधिकारियों व सरकार से मुआवजे की मांग रख रहे है। प्रशासन अधिकारियों की लापरवाही से किसानो के खेत हुये जल मग्न।