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अजमेर-राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच हुआ एमओयू पूर्वी राजस्थान की जनता के धोखा-राठौड़ आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ की प्रेस वार्ता।

वीरधरा न्यूज़। अजमेर@ श्री रेखा कुमावत।

 

अजमेर। राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि ईआरसीपी और पोकेसी को लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार के बीच हुआ एमओयू पूर्वी राजस्थान की जनता के साथ छलावा है। इस एमओ यू में राजस्थान और मध्य प्रदेश को मिलने वाले पानी की मात्रा का जिक्र तक भी नहीं है।

अजमेर क्लब में बुधवार को पत्रकारों को संबोधित करते पूर्व चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि जलशक्ति मंत्री ने मीडिया में बयान दिया कि राजस्थान को 2500 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) पानी मिलेगा, जबकि विधानसभा में मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि 3500 MCM से भी अधिक पानी मिलेगा।

उन्होंने कहा कि ERCP के माध्यम से 3921 MCM पानी पेयजल एवं सिंचाई जल के रूप में 13 जिलों में देने की योजना थी। इस MOU में पानी की मात्रा नहीं लिखी गई, परन्तु 13 दिसंबर 2022 को हुई रिवर इंटरलिंकिंग विशेष समिति की 20वीं बैठक के मिनट्स को आधार बनाया गया है। इन मिनट्स में लिखा है कि राजस्थान के 13 जिलों को इस नई परियोजना से 1775 MCM पानी ही उपलब्ध हो सकेगा। इससे पूर्वी राजस्थान को केवल पेयजल ही मिल सकेगा और किसान पानी के लिए तरसते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समय ऑरिजिनल डीपीआर में 26 बांध शामिल थे। मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त 2023 को 53 और बांध जोड़ने की घोषणा की थी। इस समझौते में कितने बांध जोड़े जाएंगे, उसकी जानकारी नहीं दी है। राज्य सरकार को अविलंब इस MOU को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि राजस्थान को कितना पानी मिलेगा और इसमें पेयजल, सिंचाई जल और उद्योगों के लिए जल की कितनी उपलब्धता होगी। पूर्व चेयरमैन राठौड़ ने कहा कि इस MOU को लेकर जारी प्रेस नोट में लिखा गया है कि दोनों राज्यों को 2.8 लाख हैक्टेयर+2.8 लाख हैक्टेयर कुल 5.6 लाख हैक्टेयर या उससे अधिक इलाके में सिंचाई होगी जबकि MOU में केवल 2.8 लाख हैक्टेयर लिखा गया है।

इस MOU से राजस्थान की जगह मध्य प्रदेश को फायदा होता दिख रहा है, क्योंकि 2 बांध वो पहले ही बना चुके हैं और 3 नए बांध इस MOU के आधार पर बना लेंगे,  जबकि राजस्थान को जो पानी कांग्रेस सरकार के समय की DPR से मिलने वाला था वो भी कम होगा। चंबल नदी में हर साल 10,000 MCM से भी अधिक पानी व्यर्थ बहकर समुद्र में जाता है।  हर मानसून में धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, बारां, झालावाड़ समेत तमाम जिलों में बाढ़ आ जाती है और गर्मी में पूरे राजस्थान में पानी की किल्लत हो जाती है। राठौड़ का कहना है कि ERCP के लिए इससे आधे से भी कम पानी की जरूरत है। इसके बावजूद राजस्थान के हक को मारकर मध्य प्रदेश को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसा लगता है कि ये MOU बस वसुंधरा राजे की DPR को क्रेडिट मिलने से रोकने और प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए किया है। इससे राजस्थान के किसानों का हक मारा गया है।

प्रेस वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजकुमार जयपाल, पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया,  वरिष्ठ नेता राजेश टंडन, ब्लॉक अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल, पार्षद नोरत गुर्जर, ब्लॉक  अध्यक्ष वाहिद मोहमद, पूर्व पार्षद सर्वेश पारीक व कुलदीप कपूर आदि कांग्रेस नेता मौजूद रहे।

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