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भूपालसागर-आकोला में आयोजित रामलीला मंचन में सीता हरण संवाद हुआ, देखने उमड़ी भीड़।

वीरधरा न्यूज़।आकोला@ श्री शेख सिराजुद्दीन।


आकोला। कस्बे में भारत का प्रसिद्ध श्री धर्म प्रचारक रामलीला मंडल द्वारा चल रहा रामलीला मंचन का कार्यक्रम, देखने उमड़ी रही भीड़।
छः दिन से रात्रि को भगवान राम के विभिन्न लीला का मनमोहक मंचन रामलीला के माध्यम से किया जा रहा है।देर रात में सूर्पणखा का नाक कटना, सीता हरण व बाली-सुग्रीव का युद्ध का मंचन कलाकारों के द्वारा किया गया। पंडाल में महिला पुरुष दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। सूर्पणखा का नाक छेदन से रामलीला मंचन की शुरुआत हुई। इसके बाद खरदूषण वध, सीता हरण व बालि वध का आकर्षक मंचन कर कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध दिया। दिखाया गया कि सोने का मृग देख सीता जी ने उसे पाने की जिद की। भगवान राम ने मृग का पीछा किया। माया रुपी मृग भगवान राम को जंगल की
ओर दूर लेकर चला गया। हाय राम-हाय राम की आवाज सुन सीता जी परेशान हो गईं। कहा कि मेरे राम संकट में हैं। उनकी मदद के लिए लक्ष्मण को भेजा। लक्ष्मण ने जाते समय उन्होंने कुटी के चारों ओर तीर से लक्षण रेखा खींच दी और माता सीता से उसके पार न जाने को कहा। लक्ष्मण को जाते ही रावण ब्राह्मण का वेश में पहुंचा और भिक्षा के बहाने उनका हरण कर लिया। राम व लक्ष्मण व सीता की खोज में वन-वन भटकते व विलाप करते किष्किधा पर्वत पहुंचे। यहां भगवान राम व हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई। दोनों का मिलाप देख दर्शक भावुक हो गए। हनुमान जी भगवान राम को सुग्रीव से मिलाएं। राम की मित्रता सुग्रीव से हुई। सुग्रीव ने अपनी सारी समस्या भगवान राम से बताया। इसके बाद बाली व सुग्रीव का युद्ध हुआ। इस रामलीला संचालक आलोक कुमार काशी बनारस वाले द्वारा मंचन हुआ। महाआरती हुई।

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