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डिजि-लॉकर में लॉक रहेगा मेवाड़ यूनिवर्सिटी के सभी स्टूडेंट्स का ब्यौरा डिजि-लॉकर के माध्यम से डिग्री, मार्कशीट एक्सेस कर पाएंगे स्टूडेंट्स।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।

चितौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी तेजी से डिजिटल मोड के रूप में खुद को स्थापित करने में लगी हुई है। यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स जल्द ही डिजि-लॉकर के माध्यम से अपनी डिग्री और मार्कशीट कभी भी और कहीं भी एक्सेस करने लगेंगे। यूनिवर्सिटी प्रशासन तेजी से सभी स्टूडेंट्स का संपूर्ण शैक्षणिक ब्यौरा डिजिटल लॉकर में स्टोर कर रही है। अभी तक 500 से ज्यादा स्टूडेंट्स का ब्यौरा डिजिटल मोड में सुरक्षित रूप से तब्दील किया जा चुका है।
इसी कड़ी में शनिवार को मेवाड़ यूनिवर्सिटी में एक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें वक्ताओं ने डिजि-लॉकर से संबंधित कई महत्वपूर्ण बारीकियां स्टूडेंट्स और फैकल्टी मेम्बर को बताई। मेवाड़ यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन सेल के हेड सुशील शर्मा ने बताया कि डिजि-लॉकर के जरिए स्टूडेंट्स अपने सभी महत्वपूर्ण शैक्षणिक दस्तावेज मार्कशीट, डिग्री और अन्य दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से ऑनलाइन मोड में रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उनका कहीं भी और कभी भी उपयोग कर सकते हैं लेकिन इसमें सबसे जरूरी ध्यान रखने योग्य बात यह है कि डिजी लॉकर में अकाउंट बनाते समय स्टूडेंटस उसी मोबाइल नंबर का प्रयोग करेंगे जो उनके आधार कार्ड से जुड़ा है। इसी नंबर के जरिए आधार कार्ड से जुड़ा डाटा भी स्वयं एक्सेस हो जाएगा। स्टूडेंट्स को डिजी लॉकर की सुविधा मिलने से दस्तावेजों के गुम होने, खराब होने या चोरी होने की संभावना खत्म हो जाती है साथ ही दस्तावेजों के प्रमाणीकरण की सत्यता भी सुनिश्चित बनी रहती है। केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है। मेवाड़ यूनिवर्सिटी में भी यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। अभी तक 500 से ज्यादा स्टूडेंटस का डाटा डिजी-लॉकर में अपलोड कर लिया गया है। इस मौके पर मेवाड़ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) आलोक मिश्रा ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशों के आधार पर कागज रहित शासन (पेपरलेस) को बढ़ावा देने और पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से उच्च शिक्षण संस्थानों ने दस्तावेजों के डिजिटल प्रारूप की दिशा में तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। इसमें एजुकेशन सेक्टर में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहा है और अधिकांश शैक्षणिक संस्थान पेपरलेस होते जा रहे हैं। डिजी लॉकर के जरिए मेवाड़ यूनिवर्सिटी को भी पेपरलेस बनाने की कवायद तेजी से की जा रही है। आने वाले समय में मेवाड़ यूनिवर्सिटी ज्यादा से ज्यादा नवीनतम तकनीकी अपनाकर इस ओर कदम तेजी से बढ़ा रही है।

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