वीरधरा न्यूज़। दौसा@ श्री राकेश शर्मा।
लालसोट । दौसा जिले के लालसोट उपखण्ड मुख्यालय के मोरल बांध पर इस बार विश्व के प्रवासी पक्षीयों आश्रय देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यही कारण है कि यहां इस वर्ष कई नए प्रवासी पक्षियों ने इसे अपनी प्रश्रय स्थली बनाया है। प्राणीविज्ञानी एवम पक्षियो के संरक्षण एवं मोरेल बांध के प्रवासी पक्षियों के डेटा संधारण का कार्य कर रहे राजेश पायलट महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुभाष पहाड़िया ने बताया कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए समर्पित अंतरराष्ट्रीय संगठन आई यू सी एन
की रेड डेटा बुक में निकट संकटग्रस्त पक्षी की श्रेणी में सूचीबद्ध ब्लैक-टेल्ड गोडविट मोरेल बांध क्षेत्र में शीतकालीन प्रवास पर लगभग 500 की संख्या में जल और स्थल पर अपने अनोखे अंदाज में अठखेलियाँ करते नजर आये है ।इनकी सामुहिक उड़ान में एक मनमोहक पैटर्न नजर आता है जो पक्षी प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करता है।ब्लैक-टेल्ड गोडविट का प्रमुख भोजन जलीय वनस्पति एवम मछलियों के अंडे व अकशेरुकी जीव होते है।
मोरेल बांध क्षेत्र में फसल की पैदावार अच्छी होने का प्रमुख कारण ब्लैक-टेल्ड गोडविट जैसे पक्षियों का प्रवास भी है क्योंकि आस पास के खेतों में जिनमे फसल बुआई की जाती है वहां इन पक्षियों का दल खेतों में मौजूद टिड्डे,बीटल,कीट और उनके लार्वा व अन्य अकशेरुकी जीव जो फसल को नुकशान पहुंचाते है ,उनका भक्षण करते है।एवम खेतों में अपने अपशिष्ट पदार्थ छोड़कर जो एक प्रकार की जैविक खाद होती है , ये फसल की पैदावार बढ़ाकर किसान की मदद करते है।
ब्लैक-टेल्ड गोडविट या काले रंग वाला गोडविट बड़े, लंबे पैरों और लंबी पतली चोंच वाला एक ऐसा पक्षी है, जिसका वर्णन 1758 में कार्ल लिनिअस द्वारा किया गया था। वैज्ञानिक रूप से लिमोसा के नाम से जाना जाने वाला यह पक्षी गोडविट वंश का सदस्य है, जिसकी प्रायः तीन उप-प्रजातियां पायी जाती हैं। मूलरूप से अलास्का औऱ आइसलैंड़ का निवासी यह पक्षी वैश्विक रूप से यह भारत, बांग्लादेश, यूरोप, जापान, म्यांमार, पाकिस्तान, साइबेरिया इत्यादि स्थानों में पाया जाता है। यह पक्षी की प्रजनन सीमा आइसलैंड से लेकर रूस के सुदूर पूर्व तक फैली हुई है। प्रजनन के बाद और सर्दियों के लिए दलदले मुहानों में चले जाते हैं। भारत में, इनके द्वारा तालाबों, झीलों, बांधों के दलदलों का उपयोग किया जाता है।
पक्षी की की लंबाई लगभग 42 सेंटीमीटर तक होती है। जबकि केवल चोंच की लंबाई 7.5 से 12 सेंटीमीटर तक होती है। मादा पक्षी नर पक्षी की अपेक्षा थोड़ा बड़ी होती हैं तथा इनकी चोंच भी अपेक्षाकृत लंबी होती है। प्रजनन के मौसम के दौरान, इनकी चोंच का आधार पीले या नारंगी-गुलाबी रंग का होता है तथा अग्र सिरा काले रंग का हो जाता है। पैरों का रंग प्रायः गहरे भूरे या काले रंग का होता है।
काली पूंछ तथा सफेद व काले पंखों वाले ये पक्षी अधिकतर मोनोगैमस होते हैं अर्थात ये पक्षी अपना पूरा जीवनकाल केवल एक ही जीवन साथी के साथ व्यतीत करते है। ब्लैक-टेल्ड गॉडविट अपने साथी को आकर्षित करने के लिए प्रदर्शन उड़ानें भरते हैं।
ब्लैक-टेल्ड गॉडविट नीदरलैंड का राष्ट्रीय पक्षी है जिसको 2006 में बर्डलाइफ इंटरनेशनल ने पिछले 15 वर्षों में इनकी संख्या में गिरावट आने के कारण इस प्रजाति को निकट संकटग्रस्त के रूप में वर्गीकृत किया। यह उन प्रजातियों में भी है, जिनके लिए अफ्रीकी-यूरेशियन माइग्रेटरी वॉटरबर्ड्स ( AEWA) के संरक्षण पर समझौता लागू हुआ।
Invalid slider ID or alias.