कपासन विधानसभा में कौन होगा धराशायी जीत हार के आंकलन और कयासों का दौर जारी, इस बार असमंजस की सीट बनीं कपासन। आज खुलेगा प्रत्याशियों के भाग्य का पिटारा।
वीरधरा न्यूज़।आकोला@ श्री शेख सिराजुद्दीन।
आकोला। पांच राज्यों में हुए चुनाव के नतीजे रविवार सुबह 8:00 बजे से आने शुरू हो जाएंगे। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में पिछले डेढ़ महीने के अंदर मतदान हुए हैं जिनके नतीजे मिजोरम को छोड़कर बाकी के रविवार सुबह 8 बजे से आने शुरू हो जाएंगे वहीं 30 नवंबर को आखिरी राज्य तेलंगाना में हुए मतदान के बाद आए एग्जिट पोल के अनुसार सभी राज्यों के अंदर बड़ी पार्टियों में कांटे की टक्कर बताई जा रही है। हम बात करें तो राजस्थान में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है यहां पर हुए मतदान के बाद माना यही जा रहा था कि सत्ता परिवर्तन होगा मगर इस बार जो रिवाज चलता है एक बार कांग्रेस एक बार बीजेपी यह रिवाज इस बार काफी टक्कर में दिख रहा है, कांग्रेस ने अपने योजनाओं से आमजन को काफी प्रभावित किया है यही कारण है कि कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार वह सरकार बनाने में कामयाब हो सकती है। वहीं भाजपा ने भी प्रदेश की सरकार के खिलाफ समय-समय पर आंदोलन किया क्योंकि राजस्थान के अंदर पेपर लीक महिला अपराध जैसे गंभीर मामले सामने आए हैं।
राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन, इस बीच पार्टी के नेता अपने-अपने बहुमत के दावे कर जनता में सुर्खियां जरूर बटोर रहे हैं। 10 प्रमुख एग्जिट पोल्स में बीजेपी को बढ़त के बाद एक ओर बीजेपी राजस्थान में सरकार बनाने का दावा कर रही है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राजस्थान में इस बार राज नहीं रिवाज बदलने जा रही है। कांग्रेसियों का मानना है कि इस बार चुनाव नतीजे चौंकाने वाले होंगे और कांग्रेस पिछली बार से ज्यादा सीट लाएगी। क्षेत्र में मौसम बारिश के साथ ही ठण्डा होने लगा है, लेकिन चुनावी माहौल ने राजनीति के मौसम का तापमान बढ़ा दिया है। गत लगभग डेढ़ महीने से चले आ रहे विधानसभा चुनाव मतदान के साथ अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गए। मतदान के बाद से ही गांव के गली मौहल्लों से लेकर बस स्टैंड, बाजारों तक एक ही सवाल सबके मन में चल रहा है कि आखिर कौन उनके क्षेत्र से बाजी मारकर ले जाने में सफल होगा। किसकी सरकार बनेगी और कौन बनेगा मुख्यमंत्री। जहां तीन चार व्यक्ति मिल जाते हैं, वहीं चुनाव को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है। आम जनता भी बड़ी गम्भीरता के साथ चुनावी चर्चा कर रही है, और विशेषज्ञों को भी सुन रही है। चुनावी दंगल में दो दो हाथ करते आ रहे प्रत्याशी भी अब आराम के साथ साथ अपने कार्यकताओं से हर बूथ का पूरा फीडबैक ले रहे हैं। कार्यकर्ता भी अपने अपने बूथों पर पूरा गुणा भाग करके पता कर रहे हैं कि किस बूथ पर कितनी वोटिंग हुई और कहां हमारे वोट अधिक डले। इसके अलावा प्रत्याशियों के घर से लेकर मौहल्लों तक जीत हार का आकलन भी शुरू हो गया है। गांव गली – मौहल्लों से लेकर चौराहों की होटलों तक बस एक ही चर्चा हो रही है कि 3 दिसम्बर को जीत का सेहरा किसके सर पर बंधेगा और कौन इस बार अपने हाथ मलते रह जाएगा। प्रत्याशियों के कार्यकर्ता अपनी अपनी जीत के दावे तो कर ही रहे हैं, साथ ही जीत हार का अंतर तक बता रहे हैं। जहां एक ओर कांग्रेस के कार्यकर्ता और सर्मथक सरकार द्वारा किए गए कामों के नाम पर सरकार बनाने का दम भर रहे हैं वहीं दूसरी ओर भाजपा के कार्यकर्ता पेपर लीक और ध्रुवीकरण के कारण सत्ता के पलटने का दावा कर रहे हैं।
कपासन विधानसभा में चारों ही प्रत्याशी अपने अपने क्षेत्र में वजूद भी रखते हैं, चारों कि वोटरों में अच्छी खासी पकड़ भी नज़र आ रही है। पूर्व विधायक शंकर लाल बैरवा कोंग्रेस और भाजपा के विधायक अर्जुन लाल जीनगर के बीच मुकाबला बताया जा रहा है लेकिन पहले कांग्रेस के टिकट पर महज 7 हजार वोट से हारे आनन्दीराम खटीक के आरएलपी से टिकट लेकर मैदान में आ जाने के बाद मुकाबला असमंजस भरा हो गया है वहीं भाजपा से बागी प्रधान दिनेश बुनकर भी समीकरण बिगाड़ते नजर आ रहे है। गौरतलब है कि चार प्रत्याशियों के मैदान में होने के कारण यह स्थिति असमंजस की हो गई है और चुनावी परिणाम किसके पक्ष में जायेगा कोई भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है।लेकिन मुकाबला कांग्रेस भाजपा का ही मान रहे हैं। लेकिन सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस भाजपा की हार जीत गाड़री समाज के दारोमदार पर निर्भर होगी। अगर पूर्व में अर्जुन लाल जीनगर को जो वोट मिले वो इस बार मिलते है तो भाजपा की हैट्रिक लग सकती है सीट निकल सकती है, वही अनगढ़ बावजी पर अशोक गहलोत की घोषणा ने रंग दिखाया तो कांग्रेस के शंकरलाल बैरवा जीत सकते हैं। वही आरएलपी भी जीत की ताल ठोक रही है। अब आज कौन जीतने का वजूद रखते हैं ये निर्णय सब के सामने जगजाहिर हो जाएगा।