वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। दो वर्ष पूर्व लखमीपुर खीरी में मंत्री पुत्र द्वारा गाड़ी चढ़ाकर पांच किसानों की हत्या कर दिये जाने कि घटना के बावजूद मंत्री पद पर बने रहने एवं भारत सरकार द्वारा दिये आश्वासन पर खरा नहीं उतरने को लेकर संयुक्त संघर्ष एवं काॅ-ऑर्डिनेशन समिति द्वारा 3 अक्टूबर को काला दिवस मनाते हुए जिला कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंप कर समाधान की मांग की।
राज्य कर्मचारी संघ अध्यक्ष डाॅ. हेमंत संत के नेतृत्व में दिये ज्ञापन में केन्द्रीय मंत्री पद पर बने रहते हुए बेटे को बचाने पर रोष प्रकट करते हुए चारों श्रम संहिता रद्द करने, किसानों, मजदूरों पर लगाये मुकदमें वापस लेने, न्यूनतम वेतन 26 हजार करने, पुरानी पेंशन लागू करने, सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने, संगठनों से किये समझौते लागू करने, सामाजिक सुरक्षा में दस हजार मासिक पेंशन सुनिश्चित करने, निजीकरण बंद करने, बिजली बिल 2022 रद्द करने, स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर जनता लूट बंद करने, किसानों के कर्जे माफ करने, मनेगा में 600 रुपये प्रतिदिन से 200 दिन रोजगार देने सहित विभिन्न मांगों के निराकरण की मांग की गई।
इस अवसर पर सीमेंट वक्र्स एम्पलाइज यूनियन अध्यक्ष विक्रम सिंह नाहरगढ़, देवीसिंह, लाल झंडा ऑटो रिक्शा नूयिन अध्यक्ष इकबाल हुसैन, जेके सीमेंट निम्बाहेड़ा मजदूर यूनियन संघ अध्यक्ष कल्याण सिंह, नाहरसिंह देवड़ा, मांगरोल से सत्यनारायण मेनारिया, सीपीएम से का. भंवरसिंह चैहान, पुष्पकांत श्रीमाली, डाॅ. नवरत्न सेन, मो. इकबाल, मो. अहसान, हरिसिंह चुण्डावत ने भाग लिया।