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बैंक द्वारा लगाये गये गबन के आरोप से परेशान युवक कि इलाज के दौरान हुई मोत परिजन बोले गबन का झुठा आरोप मृतक का सुसाईड का विडीयों फेस बुक पर अपलोड।

 

वीरधरा न्यूज़। जाशमा@ श्री अशोक शर्मा।

भूपालसागर। कस्बे में करीबन तीन साल से रह रहे एक युवक कि अपने उपर बैंक द्वारा लगाये गये आरोप से परेशान रहने से सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र भूपालसागर पर उपचार के दौरान शुक्रवार को मृत्यु हो गई।
सुचना पर पहुंचे भूपालसागर पुलिस हेड कान्स्टेबल कैलाश जाखड़ ने मृतक के ससुर कि रिर्पोट पर पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। इस दौरान सरपंच प्यारचन्द भील, उपसरपंच विजयकुमार, राधेश्याम वैष्णव, अग्रवाल, पुरूषौत्तम टांक, उदयलाल बैरवा, दिनेश टांक आदि उपस्थित रहे।
हेड कान्स्टेबल जाखड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतक के ससुर रतनदास पुत्र रामचन्द्र दास वैष्णव उम्र 53 वर्ष निवासी भूपालसागर ने रिर्पोट दी जिसमें बताया कि उनके जवाई राकेश पुत्र उमेश दास वैष्णव उम्र 38 वर्ष निवासी किशोर नगर मण्डा राजसमन्द थाना राजनगर में भूमि विकास बैंक में सर्विस करते थे। किसी बैंक सम्बन्धित गबन के आरोप के कारण राजनगर छोड़ मैरे पास भूपालसागर करीबन तीन वर्ष से रह रहे थे। जब से ही इनकी तबियत खराब होने के साथ साथ ये मानसीक रूप से परेशान थे। 29 सितम्बर को ज्यादा तबियत खराब होने से कपासन राजकिय चिकित्सालय में ईलाज करवाकर वापस भूपालसागर आ रहे थे कि रास्ते में फिर से तबियत ज्यादा खराब हो गई। इस पर उन्हे सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र भूपालसागर में भर्ति करवाया गया जहां पर इनकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। मृतक के ससुर ने आवश्यक कार्यवाही करने कि रिर्पोट दी है।

दो बच्चे हुए अनाथ परिवार में कोई सहारा नहीं

मृतक राकेश के दो छोटे छोटे बच्चे हे जिसमें से एक बच्ची है तथा एक बच्चा है। दोनो के सिर से पिता का साया उठ गया है दोनो का रो रो कर बुरा हाल है, वहीं पत्नि भी रो रो कर कह रही है मैरे पति के उपर बैंक वालों ने झुठा आरोप लगाया है। गबन के झुठे आरोप से ही मैंरे पति कि मृत्यु हुई तथा मैरे दोनो बच्चे अनाथ हो गये। परिवार में अब हमारा कोई सहारा नहीं है।

परिजन बोले गबन का झुठा आरोप लगाया गया।

मृतक के साले हरिश वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि बैंक में कार्यरत कार्मीकों द्वारा हमसलाह होकर किसी कागज पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया गया था। लेकिन मैंरे जियाजी द्वारा हस्ताक्षर नहीं किये गये थे जिस पर सभी ने उनको डराया जिस पर मैरे जियाजी बैहोश हो गये और उनको सभी ने मिलकर चिकित्सालय में भर्ति करवा दिया और अकेला छोडकर आ गये उसके बाद सांय को मैरी दीदी के फोन किया कि राकेश हास्पीटल में है। मैरी दीदी ने जाकर देखा तो उनके पास कोई नहीं था। अकेले ही थे। उसके बाद दो दिन बाद केश काउन्टर कि चाबी किसी कर्मचारी के साथ भेजी। साले ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर चाबी दो दिन तक बैंक के कार्मीकों के पास थी तो दो दिन में क्या क्या नहीं हो सकता है।

मृतक द्वारा बनाया गया सुसाईड का विडीयों फेस बुक पर अपलोड

मृतक राकेश ने मरने से पहले विडीयो बनाये थे जिसमें किसी कविया साहब के बारें में बोल रहा था कि मैने 27 जनों के नाम लिये तथा उनके दस्तावेज भी कविया साहब को बताने कि बात बोल रहा है। मृतक ने कहा कविया साहब आपने मैरे साथ बहुत गन्दा काम किया है आज मैरे बीबी बच्चे खाने को मोहताज है। मैरी पत्नि को घर चलाने के लिए मजदुरी करनी पड़ रही है एसे कई आरोप मृतक ने बैक के आर एम, एमडी और जो भी कर्मचारी आते थे उनको कई बार गुहार लगाते हुए मिन्नते कि कि गबन मैं मैरा हाथ नहीं है मगर किसी ने नहीं सुनी। विडीयों में मृतक ने बच्चे बच्ची तथा पत्नि सभी एक साथ सुसाईड करने कि भी बात कही है। साथ ही कहा कि मैने जहां जहां भी काम करने कि कोशीश कि आपने वहां पहुच कर भी मुझे काम नहीं करने दिया।
मृतक ने 27 जनों के नाम फिर से गिनाये जिसमें गोविन्द सिंह चौहान, भवसानी सिंह कविया, आर एम अमित, बी एल बारबर, रामेश्वर लाल जायसवाल, युगल गुप्ता, मदन लाल रेगर होमगार्ड, केशुराम व सभी संविदा कर्मचारी आदि नाम गिनाकर बोला कि आज हम सुसाईड करके भगवान भेरू नाथ के पास जा रहे है विडीयों में और भी कई बैंक के कार्मीकों एवं अधिकारीयों कि पोल एवं राज बताये। साथ ही एक दोस्त भी बताया जिसका नाम भरत पालीवाल बताते हुए कहा कि मै तुझे कभी नहीं भुलूंगा महादेव मण्डा में तुने दुःख कि घडी में मैरा साथ दिया। विडीयों में बताया कि अब मै बहुत घबरा गया हुं।
ग्रामीण बोले व्यवहार के हिसाब से नहीं कर सकते गबन।
भूपालसागर कस्बें के लोगों ने मृतक के तीन साल यहां पर रहने एवं उसके व्यवहार को देखते हुए हर नागरीक के मन में एक ही बात थी कि ये एसा गबन नहीं कर सकते।

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