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नागौर- धानमंडी से 4 लाख रुपये चोरी के मामले में नागौर पुलिस द्वारा अन्तरराज्यीय चोर गिरोह का पर्दाफाश चोरी के 4 लाख रुपये बरामद दो आरोपी गिरफ्तार एक बाल अपचारी निरूद्ध।

 

वीरधरा न्युज। नागौर@ श्री प्रदीप कुमार डागा।

नागौर।शुक्रवार को शहर के गांधी चौक के निकट धानमंडी से रूपयों का बैग चुराने के प्रकरण में नागौर पुलिस ने त्वरति कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर ही बडा खुलासा किया है। इस प्रकरण में पुलिस की विभिन्न टीमों ने लगातार पीछा करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों को नाकाबंदी करते हुए थांवला के निकट से पकडा है। ये एक अन्तर्राज्यीय गिरोह के सदस्य है तथा मध्यप्रदेश के जिला राजगढ के रहने वाले है। अब पुलिस आरोपियों से कडी पूछताछ कर रही है।
नागौर जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि मध्यप्रदेश के जिला राजगढ के गांव कडिया निवासी कमल पुत्र जगदीश सांसी उम्र 35 वर्ष तथा राजगढ मध्यप्रदेश के कडिया गांव निवासी हरिओम सांसी पुत्र दिनेश सांसी उम्र 21 वर्ष व एक बाल अपचारी को निरूद्ध किया है। आरोपियों के कब्जे से चुराए गए 4 लाख रूपए बरामद कर लिए है तथा वारदात में प्रयुक्त मोटरसाइकिल को भी जब्त किया गया है।

यह था मामला

23 सितंबर शुक्रवार को नागौर के पांचौडी थाना के गांव करणू निवासी पप्पूदास पुत्र बाबूदास जाति साध ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि वह अपने पिता के साथ गांधी चौक की एसबीआई बैंक से 4 लाख रूपए निकलवाए। पिफर बैंक से बाहर निकल कर गांधी चौक के निकट धानमंडी पहुंचे वहां डायफ्रूड की दुकान के अंदर गए वहां सूखा मेवा खरीदने लगे। इस दौरान रूपयों से भर बैग प्लास्टिक की टेबल पर रख दिया। इसी दौरान अचानक कोई उनका बैग चुरा ले गया जिसमें 4 लाख रूपए थे। सूचना मिलते ही थानाधिकारी रमेन्द्रसिंह हाडा मय जाब्ते मौके पर पहुंचे और सीसीटीवी खंगाले तो एक बच्चा बैग लेकर भागता नजर आया।

एसपी जोशी ने गंभीर मामला मान दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश

मामला एसपी राममूर्ति जोशी के संज्ञान में आते ही उन्होंने इसे गंभीर प्रकरण माना और तुरंत एएसपी सुमित कुमार तथा डीएसपी ओमप्रकाश गोदारा के निकटतम सुपरविजन में कोतवाली थानाधिकारी रमेंद्रसिंह हाडा के नेतृत्व में टीमों का गठन किया। इसके अलावा अभय कमांड नागौर की टीम, तेजस्वी, सिग्मा व चेतक डयूटी में तैनात जाब्ता ने घटना के तरंत बाद आपसी बेहतर तालमेल स्थापित कर सीसीटीवी पफुटेज के आधार पर साक्ष्य संकलन कर घटना के करीब दस मिनट के अंतराल में गिरोह के पफुटेज व हुलिया प्राप्त किए और आरोपियों की तलाश शुरू की।

ये था आरोपियों के वारदात का तरीका

आरोपीगण पहले रैकी करते हैं। पिफर अपने गिरोह में शामिल बालक को रैकी किए हुए व्यक्ति के पीछे लगाते है, खुद अलग अलग मोटरसाइकिलों पर गिरोह में शामिल बालक के आस पास रहते है। जैसे ही मालिक अपना बैग लापरवाही से कहीं रखता है तो उसकी नजर चुराकर बालक बैग पार कर लेता है। पहले से निश्चित स्थान पर खडे साथी को दे देता है। वारदात के तुरंत बाद ये लोग मौके से पफरार हो जाते है। रास्ते में ही ये बालक के कपडे चैंज कर करवा देते है। वारदात के समय काम ली गई सिम व मोबाइल तोडकर पफैंक देते है और चुराए गए रूपयों को ईमित्र के माध्यम से अपने परिवार वालों के खातों में डलवा देते है ताकि पकड में आने पर रूपयों की बरामदगी ना हो। आरोपी हर वारदात में नया फोन व नया सिम यूज ले रहे थे।

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