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साहित्यकार व इंजीनियर समाज के अभिन्न अंग वरिष्ठ नागरिक मंच ने किया सम्मान।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौडग़ढ़।वरिष्ठ नागरिक मंच मुख्यालय की 943 वी सभा शास्त्रीनगर सामुदायिक भवन में साहित्य जगत की जानी मानी हस्ती, प्रखर वक्ता महिलाशक्ति डॉ सुशीला लड्ढा के मुख्य आथित्य व चीफ इंजीनियर डॉ भागवत सिंह तंवर, डीएस जोशी, व पूर्व आरएएस देवीलाल आमेरिया व जस्टिस सी एम तोतला के विशिष्ठ आथित्य में आयोजित हुई जो कि साहित्यकार व अभियंताओं को ही समर्पित रही।
मंच महासचिव राधेश्याम आमेरिया ने बताया कि सभा की शुरुआत सर्वधर्म प्रार्थना के साथ अमरकंठ उपाध्याय,अंजना जैन व कमलाशंकर मोड़ ने की जिसके पश्चात मंच के विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुवे कहा कि साहित्यकार व इंजीनियर समाज के वो वर्ग है जो सदैव जन जन में ऊर्जा का संचार करते है, साहित्यकार अपनी रचनाओं से विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक,पारिवारिक मुद्दों को जीवित रखने की क्षमता रखते है तो समाधान भी उपलब्ध कराते है वही इंजीनियरिंग की अद्भुत योग्यता नित्य नए नए कीर्तिमान स्थापित कर नई खोज, नई संभावनाओं को जन्म देती है जैसे चंद्रयान की सफलता के बाद सूर्य पर कार्य योजना अनुपम उदाहरण है।
मुख्य अथिति डॉ सुशीला लड्ढा ने मंच को वरिष्ठो के लिए बहुउपयोगी बताते हुवे इसे चिंतन की प्रयोगशाला बताया तथा हिंदी दिवस की प्रासंगिता बताते हुवे कहा कि हमे हमारी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए वही इंजीनियर दिवस पर महासचिव आरएस आमेरिया व विशेषकुमार गर्ग ने उदाहरण दिया कि स्व आर सी डाड़ वो सोशल इंजीनियर थे जिन्होंने ऐसे सुदृढ मंच की इमारत रचकर इतिहास का सृजन किया है जिस मंच पर सभी वरिष्ठों को खुलकर अपने विचार रखने की अभिव्यक्ति की आजादी है जो समाज का सृजन कर रही है।
मंच जिलाध्यक्ष बसंतीलाल जैन ने उपस्थित अभियंता डॉ बी एस, तंवर, डी.एस. जोशी, विशेषकुमार गर्ग को व साहित्यकार डॉ सुशीला लड्ढा, अब्दुल जब्बार,रमेश मयंक, नंदकिशोर निर्झर,लक्ष्मी नारायण भारद्वाज,डॉ योगेश जानी आदि को मंच की और से सम्मानित करते हुवे कहा कि मंच के पास दोनो वर्ग के ऐसे अनुभव की खान उपलब्ध है जिन्होंने पूरे राष्ट्र में वरिष्ठ नागरिक मंच व पूरे चित्तोडगढ़ का नाम रोशन किया है जिन पर जितना गर्व किया जाय उतना कम है।
सभा मे रजनी लड्ढा, धापूबाई मेनारिया, ओमप्रकाश सनाढ्य, एन. एस. गोडले, चुन्नीलाल जोशी, डॉ योगेश व्यास, अमरकंठ उपाध्याय, मथुरा लाल नंदवाना, अंजना जैन, भेरूलाल दशोरा, शंकर सिंह राणावत, कैलाश चंद्र काबरा, नंदलाल वैष्णव ,नरेश चंद्र अरोड़ा, बद्रीलाल स्वर्णकार, शिवदत्त व्यास ,घनश्याम सोमानी, नंदलाल बलवानी, अंबालाल श्रीमाल, दयालचंद कोठारी, कैलाश चंद्र शर्मा, भीक चंद शर्मा, अमर सिंह मेहता, मदनलाल नामधर, पुरुषोत्तम लाल चोखड़ा, फतेह सिंह देवपुरा, दिनेश चंद्र पुरोहित, केडी महंत, जीतमल छिपा, बालूराम रेगर ,रामेश्वर लाल भराडिया, शंभू दयाल गुप्ता, प्रहलाद राय आमेरिया, ओम प्रकाश चुलेट, राकेश गुप्ता नेमीचंद अग्रवाल, उषा अग्रवाल, कृष्ण गोपाल सोनी, श्याम वैष्णव, के.एल नरानीवाल, जगदीश चंद्र चोखड़ा, मुकेश श्रीवास्तव, आसा रामचंदानी, श्रीरामचंदानी, राधेश्याम गहलोत, सरपाल सिंह अरोड़ा, ओम प्रकाश आमेंरिया, नरेंद्र कुमार जोशी ,जगदीश त्रिपाठी सहित कई वरिष्ठजन उपस्थित थे।
राष्ट्रगान के साथ सभा समाप्त की गई धन्यवाद ज्ञापित मीरा स्वर्णकार ने किया संचालन आरएस आमेरिया ने किया।

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