शिक्षक समाज का अभिन्न अंग,वरिष्ठो ने कहा बिना भय कर्तव्य का करे पालन। मंच संगोष्ठी में किया 21 शिक्षकों का किया सम्मान।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौडग़ढ़।वरिष्ठ नागरिक मंच गांधीनगर उपशाखा की मासिक बैठक त्रिपोलिया हनुमान मंदिर प्रांगण में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित हरपाल सिंह राठी के मुख्य आथित्य में आयोजित की गई जिसमें शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर “शिक्षक की समाज निर्माण” में भूमिका विषय पर चर्चा-परिचर्चा की गई।
सभा को प्रो.डॉ आर एस मंत्री ने मंच संस्थापक स्व.आर सी डाड़ को श्रद्धासुमन देते हुवे योग व स्वास्थ्य पर बात रखी वही अमरकंठ उपाध्याय ने विश्व मे मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस पर, इंद्रलाल आमेटा ने शिक्षा के साथ अनुशासन के साथ स्काउट का अनुसरण , कमला शंकर मोड़ ने व्यस्त रहो -मस्त रहने, अखिलेश श्रीवास्तव ने गाजर घास उन्मूलन, व बी.एल. ओझा, महेंद्र कुमार जैन, मीरा स्वर्णकार, अंजना जैन , राधेश्याम सोनी, देवी लाल आमेरिया, प्रो.राधेश्याम जोशी, उमाशंकर भगवती, डॉ योगेश जानी ,नंदकिशोर निर्झर, लक्ष्मी नारायण भारद्वाज ने भी संबोधित किया जिसमें शिक्षक सम्मान ,शिक्षा के उत्थान,शिक्षा के वर्तमान माहौल व राजनीतिक हस्तक्षेप जैसे कई विषयों पर चिंतन किया व सुझाव रखे।
मंच महासचिव आर.एस. आमेरिया ने मुख्य अतिथि व मंच के संरक्षक एच.एस.राठी का स्वागत करते हुवे कहा कि माननीय उपराष्ट्रपति महोदय ने अपने चित्तौड़ दौरे पर अपने गुरु के निवास पर जाकर चरण स्पर्श कर गुरु को जो सम्मान प्रदान किया उससे गुरु -शिष्य परम्परा को वो ऊंचाइयां दी है जिसके गुरुजन वास्तविक हकदार है।
मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुवे राठी ने उपराष्ट्रपति के दौरे व उसे संबंधित कार्यक्रमो की जानकारी देते हुवे कहा कि जींवन में कोई कितनी भी ऊंचाइयां प्राप्त कर ले उसको विनम्रता और ऊंचाइयों पर ले जाती है जो कि यह प्रत्यक्ष प्रमाण है।
कार्यक्रम की शुरुआत सर्वधर्म प्रार्थना के साथ हुई व शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न आयाम स्थापित करने वाले सभी उपस्थित मंच के शिक्षकों का तिलक अभिनंदन कर उपरना पहनाकर सम्मानित किया गया वही त्रिपोलिया हनुमान मंदिर के महंत बन्ने सिंह गुर्जर को मंच की और से सदैव सहयोग हेतु अभिनंदन किया गया।
सभा मे एन.एस.गोडाले, शशि रंजन तिवारी, महेश बसेर, मोहनलाल श्योपुरा, कमला बाफना, मदनलाल टेलर ,भीक चंद शर्मा, तेज सिंह बाफना, गोपाल प्रसाद गौड़, बद्रीलाल स्वर्णकार ,सुरेश कुमार वर्मा, रामजस कोठारी, ओम प्रकाश सनाढ्य,कन्हैयालाल नारानीवाल, जगदीश लाल सुनार, रमेश चंद्र ओझा, जगदीश चंद्र चोखड़ा, ओम प्रकाश चुलेट, अंबालाल श्रीमाल, कन्हैयालाल खंडेलवाल, रामेश्वर लाल भराडिया, श्याम लाल वैष्णव सहित कई वरिष्ठ जन उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन ओम प्रकाश आमेरिया ने किया व राष्ट्रगान के साथ सभा समाप्त
की गई।