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प्रतिदिन पांच महिला अभिभावकों को विद्यालय बुलाने का आदेश अप्रासंगिक राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौडग़ढ़।राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने पत्र लिखकर आयुक्त मिड डे मील राजस्थान द्वारा मिड डे मील और मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना में प्रतिदिन 5 महिला अभिभावक को विद्यालय बुलाकर दूध और भोजन चखने के लिए जारी आदेश का विरोध किया।
जिला अध्यक्ष तेजपाल सिंह शक्तावत और जिला मंत्री प्रकाश चंद्र बक्शी के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने बताया कि आयुक्त मिड डे मील राजस्थान सरकार ने सभी विद्यालयों में प्रत्यके दिवस को कम से कम 5 विद्यार्थियों की माँ अथवा महिला अभिभावक को विद्यालय में प्रतिदिन प्रार्थना समय एवं मध्यान्तर में अतिथि के रूप में बुलाया जाने तथा उनके बच्चों को उनके हाथ से अथवा उनकी देख-रेख में दूध एवं भोजन परोसने के निर्देश दिए हैं। इस कार्य के लिए विद्यालय के ही एक अध्यापक को प्रभारी नियुक्त करने और पूरे सप्ताह का कलैण्डर तैयार करने के निर्देश प्रदान किये है जाे अव्यावहारिक प्रतीत होते है। इसका सीधा असर बालको की पढ़ाई पर पड़ेगा। प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार लखारा ने पत्र में बताया कि विद्यालय में अध्ययनरत बालकाे की माताएं एवं महिला अभिभावक स्वयं मजदूरी व रोजगार कार्य के लिए जाती है। वहीं अधिकांश माताएं गृहिणी होने के नाते नित्य अपने घरेलू कार्य मे व्यस्त रहती है। ऐसे मे प्रतिदिन उन्हें केवल भोजन चखने व परोसने के लिए विद्यालय बुलाना समीचीन नहीं है तथा उनके द्वारा अपने रोजगार व घरेलू कार्य को छोड़ कर विद्यालय में आना भी मुश्किल प्रतीत होता है। ऐसे में उक्त आदेश की केवल कागजी पालना होने की संभावित बढ़ जाती है तथा पूर्ववत व्यवस्था बिगड़ ने की संभाविता बढ़ जाती है।प्रदेश में यदि वास्तव में शिक्षण व्यवस्था पटरी पर लानी है अथवा विशेष सुधार लाना है ताे शिक्षको काे समस्त गैर शैक्षणिक कार्याे से मुक्त कर पढ़ाने के पर्याप्त अवसर प्रदान किये जावे।जिला संगठन मंत्री रमेश चंद्र पुरोहित ने बताया कि विद्यालयाे में नो बैग डे एवं अन्य कार्यक्रमो, पीटीएम, उत्सवों, बैठकों एवं अन्य सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लगातार अभिभावकों को बुलाया जा रहा है। ऐसे में प्रतिदिन बालकाे की माँ अथवा महिलाओं ,अभिभावकाे काे विद्यालय में बुलाने में कठिनाई आएगी।
जिला कोषाध्यक्ष नर्बदा शंकर पुष्करणा ने बताया कि आयुक्त मिड डे मील राजस्थान सरकार द्वारा पूर्व में ही मानक संचालन प्रक्रिया की गाइडलाइन (एसओपी) स्पष्ट निर्देश जारी किए गए है कि प्रत्यके विद्यालय में विद्यार्थियों काे मिड डे मील परोसने से पहले दो बड़े व्यक्तियों एक अभिभावक तथा एक विद्यालय प्रबन्धन समिति के सदस्य द्वारा चख लिया जाय और यह सुनिश्चित हो कि भोजन पूर्णतः सुरक्षित है। इस प्रकार राजस्थान व भारत सरकार द्वारा भोजन चखकर परोसने संबंधित दिशा निर्देश से योजना की मॉनेटरिंग एवं बालकाे की पढा़ई की देखरेख व्यवस्थित हाे रही है।प्रदेश शैक्षिक प्रकोष्ठ से शिक्षा सह संयोजक हीरा लाल लुहार ने कहा कि प्रदेश में संचालित अधिकांश प्राथमिक विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे है। ऐसे में इस योजना का क्रियान्वयन उन विद्यालयों में कैसे होगा, यह विचारणीय प्रश्न है।जिला उपाध्यक्ष नरेश दत्त व्यास और नाथू लाल डांगी ने कहा कि इसके बावजूद आयुक्त मिड डे मील राजस्थान सरकार द्वारा प्रासंगिक पत्र जारी कर भोजन चखने एवं परोसने तथा निगरानी के संबंध में 5 महिलाओं को प्रतिदिन प्रार्थना सभा मे स्कूल बुलाने के आदेश जारी किए गए है,जो उचित नहीं है। जिला प्रबोधक प्रतिनिधि चंदन सिंह शक्तावत और मीडिया प्रभारी पूरण मल लौहार ने कहा कि राज्य के सरकारी विद्यालयो द्वारा शिक्षण के अलावा पहले ही ढेरो गैर शैक्षणिक कार्याे व योजनाओं के आयोजन का कार्य किया जा रहा है। जिससे शिक्षण कार्य अत्यधिक प्रभावित हो रहा है।
इस मांग का प्रदेश और जिले के समस्त शिक्षकों द्वारा समर्थन किया और कहा इस आदेश को तुरंत वापस लेने की जरूरत है।

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