वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ श्री अभियंता अनिल सुखवाल।
चित्तौडग़ढ़।विगत 17 अगस्त को अफीम किसान संघ के नेतृत्व में चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर कार्यालय के बाहर दिये गये एक दिवसीय धरने में अफीम किसानों की मांग पर केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाने से आहत होकर अफीम किसान संघ द्वारा आगामी 4 सितम्बर 2023 से अनिश्चितकालिन विशाल महापड़ाव, धरना, विरोध प्रदर्शन एवं आमरण अनशन करने की स्वीकृति के लिए अफीम किसान संघ के पदाधिकारियों ने जिला कलक्टर पीयूष समारिया से भेंट कर महापड़ाव की स्वीकृति मांगी है।
अफीम किसान संघ की केंद्र सरकार से की गई प्रमुख मांगे।
किसानों को डोडा चुरा मुआवजा तय कर डोडाचूरा नष्टीकरण करवाने एवं पूर्व वर्ष 2018 से 2022 तक का किसानों द्वारा स्वयं के खेत में नष्टीकरण करने से प्रमाण पत्र जारी करने एवं किसानों की जायज मांग मार्फीन निति हटाये जाने, सी.पी.एस. पद्धति को समाप्त करने तथा अफीम का मुल्य 20 हजार रुपए करने, धारा 8/29 एनडीपीएस एक्ट हटाये जाने, डोडा चुरा में नशा नहीं होने से डोडा चुरा नष्टीकरण आबकारी विभाग करता है तो कार्यवाही अधिकार भी नारकोटिक्स विभाग से हटाकर आबकारी विभाग को देने, टर्की से पोस्ता दाना आयात बंद करने, आज तक के सभी कटे हुए पट्टों को वापस देने, सी.पी.एस. डोडा 3 हजार रुपए प्रति किलो भुगतान करने की प्रमुख मांगे हैं।
अफीम किसान संघ के अध्यक्ष दुर्गेश जोशी अपने पांच पदाधिकारियों के साथ मिलकर जिला कलक्टर को मंगलवार दोपहर एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर महापड़ाव की स्वीकृति चाही है प्रार्थना पत्र में अफीम किसान संघ ने जिला कलक्टर को कहा है कि उक्त संपूर्ण मांग पत्र अफीम किसान संघ के बैनर तले दिनांक 17 अगस्त 2023 को प्रदान किया गया जिसमें हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए परंतु केंद्र व राज्य सरकार को ज्ञापन प्रदान करने के बावजूद भी दोनों ही सरकारों के द्वारा किसानों की मांग के संबन्ध में कोई प्रभावी निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि सभी सरकारें किसानों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार कर रही है जिससे आहत होकर अफीम किसान संघ द्वारा पूर्व घोषणा के अनुसार महापड़ाव के साथ आमरण अनशन किया जाना तय किया गया है जो आगामी 04 सितम्बर से अनिश्चितकालिन तारीख तक जिला कलक्टर चित्तौड़गढ़ के कार्यालय के बाहर रखा जाएगा। महापड़ाव में हजारों किसानों के शामिल होने का अनुमान होकर यह महापड़ाव रात्री कालीन भी रहेगा जिसके लिये स्वीकृति प्रदान करते हुए धरना स्थल पर आवश्यक व्यवस्थाओं की व्यवस्था कराई जाना आवश्यक है जिस पर जिला कलक्टर द्वारा उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।