Invalid slider ID or alias.

हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने दीवानाशाह को मेवाड़ का राजा सम्बोधित करने पर जताया रोष‌।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ श्री अनिल सुखवाल।

चित्तौडग़ढ़।कपासन स्थित दीवानाशाह को एक समाचार पत्र में मेवाड़ का राजा सम्बोधित करने पर चित्तौड़गढ़ शहर के सैकड़ो हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने समाचार पत्र के कार्यालय पर जाकर विरोध प्रदर्शन कर रोष जताया।
समाचार पत्र के चित्तौड़गढ़ कार्यालय पर सैकड़ों शहर वासियों ने समाचार पत्र के अधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि 27 अगस्त को चित्तौड़गढ़़ संस्करण में समाचार पत्र के मुख्य पृष्ठ पर हेडलाईन में ‘‘कुल की फातिहा के साथ सम्पन्न हुआ ‘‘मेवाड़ के राजा’’ का उर्स शीर्षक से खबर छापी गई थी जिसमें कपासन के दीवाना शाह को मेवाड़ का राजा सम्बोधित किया गया।
जिस कारण समुचे मेवाड़ वासी व सनातन धर्म की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचा है क्योंकि मेवाड़ के राजा स्वंय भू राजराजेश्वर महाराजाधिराज श्री एकलिंग नाथ जी के प्रति मेवाड़ की जनता की भावना जुडी हुई है इसलिए मेवाड़ के किसी भी शासक की पदवी महाराणा व रावल रही है किसी को भी राजा या महाराजा के रूप में नही जाना है।
मेवाड़ के महाराणा सदियों से भगवान श्री एकलिंग नाथ जी को राजा मानते हुए उनके अधिन दीवान के रूप में राज किया।
मेवाड़ राजवंश के इष्टदेव श्री एकलिंग जी है इनके अलावा किसी और को राजा बनाने का प्रयास बप्पारावल से महाराणा कुम्भा, महाराणा सांगा , महाराणा प्रताप , महाराणा राजसिंह एवं मेवाड़ की आम जनता द्वारा 2000 वर्षों तक किए गए संघर्ष एवं चित्तौड़गढ़ में हुए जौहर एवं शाको का अपमान हैं।
इस मन्दिर का निर्माण बप्पा रावल जी से पूर्व का है। इस न्यूज के विरूद्ध मेवाड़ के चित्तौड़गढ़ वासियों हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने समाचार पत्र के स्थानीय प्रशासन को पत्र व्यवहार से चेतावनी देते हुए भविष्य में ऐसी गलती ना हो निर्देश दिए एवं समाचार पत्र के चित्तौड़गढ़ पृष्ठ में मेवाड़ की जनता से कल के अखबार में सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए भविष्य में इसकी पुनरावृति नही करने को लेकर आश्वस्त करने कि मांग की।

Don`t copy text!