नशामुक्ति के लिए कारगर साबित होते हैं ध्यान व योग सुखसेवा संस्थान में जीवन जीने की कला पर हुई कार्यशाला।
वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। सुखसेवा संस्थान नशा मुक्ति परामर्श एवं पुनर्वास केंद्र चित्तौड़गढ़ में इलाजरत मरीजों के लिए जीवन जीने की कला पर ध्यान व योग की कार्यशाला का अयोजन हुआ। इस अवसर पर संस्थान अध्यक्ष गफ्फार पठान ने बताया कि अजमेर से पधारे अतिथि मेडिटर व काउंसलर आनंद मुकेश ने इलाजरत मरीजों को ध्यान योग के द्वारा जीवन को अनुशासित ढंग से जीने, स्मरण शक्ति बढ़ाने, एकाग्रता बढ़ाकर शांतिपूर्ण तरीके से जीवन जीने की कला के बारे में सिखाया।
उन्होंने इस अवसर पर इलाजरत में मरीजों को प्रयोगात्मक पद्धति अपनाकर उनसे कई आसन करवाये। इसमें शास्त्रीय संगीत का भी प्रयोग किया गया।
इस अवसर पर संस्थान के मीडिया प्रभारी अमित कुमार चेचानी ने बताया कि संस्थान द्वारा समय-समय पर इलाजरत मरीजों के लिए विभिन्न तरह की गतिविधियां आयोजित की जाती है जिससे उन मरीजों का मनोबल बढें साथ ही उन मरीजों में सकारात्मक सोच का विकास हो।
संस्थान काउंसलर प्रभात शर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला में इलाजरत मरीजों ने उत्साह से भाग लिया और उन्होंने अतिथि आंनद मुकेश के द्वारा दी गई जानकारी और उनके द्वारा कराई जा रही क्रियाओं को उनके निर्देशानुसार किया। इलाजरत मरीजों ने उनसे बेहतर स्वास्थ्य के लिए सवाल-जवाब भी किए और नशे से मुक्त होने के गुर भी सीखें जिससे वह समाज की मुख्यधारा में रहकर वापस अपना आगे का जीवन जी सकें। दो सत्रों में हुए इस कार्यशाला में अतिथि आनंद मुकेश ने तनाव प्रबंधन, क्रोध प्रबंध, अवसाद, बेचैनी, आध्यात्मिकता जैसे विषयों पर खुलकर चर्चा की।
इस अवसर पर संस्थान के काउन्सलर प्रभात शर्मा, शोयब पठान, जितेन्द्र तोमर, कुलदीप सिंह, कमलेश जाट, दिलखुश, कन्हैया लाल आदि उपस्थित थे।