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केवीके का श्री अन्न उत्सव सप्ताह का हुआ समापन।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। कृषि विज्ञान केंद्र पर सात दिवसीय श्री अन्न उत्सव सप्ताह का आयोजन किया गया।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रशिक्षण प्रभारी दीपा इंदोरिया ने बताया कि इस आयोजन के अंतर्गत विभिन्न कार्यशाला कृषक गोष्ठी, कृषक वैज्ञानिक संवाद, विद्यार्थी वैज्ञानिक संवाद इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किए गए इन कार्यक्रमों के दौरान श्री अन्न के बीज एवं श्री अन्न से बनने वाले खाद्य पदार्थों से संबंधित जानकारी दी गई जिससे इस उत्सव में भाग लेने वालों को उनके बारे मे सिर्फ सेधांतिक ही नहीं बल्कि प्रायोगिक जानकारी भी मिली।
यह उत्सव सप्ताह जिले के विभिन्न जालमपुरा दमदमा आछोड़ा इत्यादि गांव में आयोजित किए गए के अलावा जिले के शहीद मेजर नटवर सिंह राजकीय विद्यालय राजकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय मे भी कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य श्री अन्न के बारे में जिला स्तर पर जागरूकता अभियान संचालित करना, श्री अन्य के बीजों के बारे में प्रायोगिक रूप से जानकारी प्रदान करना तथा श्री अन्न से बनने वाले विभिन्न खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी साझा करना था ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग श्री अन्य को अपने आहार में शामिल करें इसके अलावा श्री के स्वास्थ्य कारी पहलू के साथ-साथ लोगों को आर्थिक पक्ष के बारे में भी बताना था।
इस कार्यक्रम के दौरान भाग लेने वाले विभिन्न कृषक कृषक महिलाएं विद्यार्थी तथा कॉलेज की छात्राओं को श्री अन्न से जुड़ी हुई हर तकनीकी जानकारी दी गई बल्कि नाश्ते के तौर पर उन्हें श्री अन्न से बने हुए विभिन्न खाद्य पदार्थों को भी खिलाया गया , जिन का स्वाद उन्हें खूब भाया।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतनलाल सोलंकी ने श्री अन्न उत्पादन तकनीकी के बारे में विस्तार से चर्चा की श्री अन्न के उत्पादन पर किसानों को मिलने वाले अनुदान के बारे में भी विस्तार से बताया। डॉक्टर सोलंकी ने उत्सव भाग लेने वाले विभिन्न किसानों, विद्यार्थियों, महाविद्यालय की छात्राओं को जैविक रूप से खेती करने की अनुशंसा की।
कार्यक्रम की प्रशिक्षण प्रभारी दीपा इंदौरिया मैं कुपोषण उन्मूलन मैं श्री अन्न की विशेष भूमिका के बारे में चर्चा करते हुए कहा की वर्तमान परिवेश में भोजन का संतुलित होने के साथ-साथ पोस्टिक होना अत्यंत आवश्यक है लेकिन भोजन का साधारण होना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है क्योंकि हम जितनी ज्यादा वैरायटी वाला भोजन करेंगे हमारे शरीर को उसे पचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।श्री अन्न रोटी को खाने के लिए हमेशा ध्यान रखें की एक बार में एक ही प्रकार का अनाज का प्रयोग करें , साथ ही इस अनाज को उपयोग करने से पूर्व 5 से 6 घंटे भिगोए फिर उसे अच्छे से सुखाएं तत्पश्चात उसे पिसवा कर प्रयोग करें l
इस उत्सव के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के परिसर में स्थित श्रीअन वाटिका काफी भ्रमण कराया गया ताकि उत्सव में भाग लेने वाले लोग विभिन्न प्रकार के मोटे अनाज के पौधों को साक्षात रुप से देख सकें।
इस उत्सव के दौरान मोटा अनाज/ मिलेट/ श्री अन्
के प्रत्येक पहलू एवं जानकारी से 332 लोग लाभान्वित हुए यह जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र के प्रशिक्षण प्रभारी दीपा इंदौरिया ने दी।

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