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चेक अनादरण के एक महत्वपूर्ण 12 वर्ष पुराने मामले में अभियुक्त को बरी किया।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। 5 अगस्त 2030 को विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट एन आई एक्ट प्रकरण चित्तौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी अनुपमा भटनागर ने अपने एक निर्णय में चेक अनादरण के मामले में अभियुक्त पंकज मंगल पिता मांगीलाल मंगल निवासी वैशाली नगर जयपुर को बरी किया अभियुक्त की ओर से पैरवी एडवोकेट ओम प्रकाश शर्मा, राजेंद्र सिंह चौहान सत्यनारायण माली ने की।
प्रकरण के अनुसार परिवादी जितेंद्र कुकरेजा पिता राम प्रकाश कुकरेजा निवासी कैलाश नगर चित्तौड़गढ़ ने अपनी पुत्री हर्षा कुकरेजा के एमबीए कैट कोचिंग हेतु अभियुक्त पंकज मंगल द्वारा संचालित पागल guys.com एजुकेशन कोचिंग में वर्ष 2010 में प्रवेश दिलाया तथा परिवादी की पुत्री हर्षा इस दौरान कोचिंग के साथ-साथ बीकॉम की पढ़ाई भी कर रही थी हर्षा को एमबीए पीडी जीपीएन के लिए आईबीएस इंस्टीट्यूट कोलकाता में एडमिशन हेतु कोचिंग तैयारी भी करवाई इस दौरान उनके पिता जितेंद्र कुकरेजा ने फर्दन फर्दन करके पंकज मंगल को कोचिंग की फीस राशि व आईबीएस कोलकाता में खर्च हेतु ₹280000 अदा किए थे और जून 2011 में वर्षा का आईबीएस कोलकाता में सिलेक्शन हो गया था और हर्षा ने इस बात की अंडरटेकिंग देते हुए कोलकाता में फीस जमा करवाकर प्रवेश लिया कि बीकॉम पास मार्कशीट परिणाम आते ही इंस्टिट्यूट में जमा करवा देगी लेकिन हर्षा का बीकॉम का परीक्षा परिणाम प्रवेश के कुछ दिनों बाद आया उसमें वह फेल हो गई थी इस पर हर्षा को कोलकाता में एमबीए का कोर्स पूर्व में दी गई अंडरटेकिंग के अनुसार इंस्टिट्यूट ने प्रवेश को निरस्त कर दिया इसके बाद हर्षा के पिताजी पुणे पंकज मंगल से मिलकर कोचिंग के दौरान दिए गए ₹280000 में से ₹200000 की वापस मांग कर डरा धमकाकर जयपुर जाकर जबरदस्ती 4 जुलाई 2011 को अभियुक्त पंकज मंगल के खाते का चेक नंबर 612419 भराकर हस्ताक्षर करा कर डरा धमका कर जोर जबरदस्ती लेकर आ गये जिसकी एफआईआर पंकज मंगल ने वैशाली नगर थाने में परिवादी जितेंद्र कुमार कुकरेजा व उसके भाइयों के खिलाफ एफआईआर नंबर 631/ 2011 दर्ज कराई जुर्म धारा 327, 484, 420, 452 ,323 ,367, 368, 371, आईपीसी में दर्ज कर जांच शुरू की इधर परिवादी ने चित्तौड़गढ़ आकर कुछ समय बाद उक्त चेक को बैंक में लगाया उससे पहले ही अभियुक्त ने बैंक में जाकर स्टॉप पेमेंट करवा दिया जिससे उक्त चेक अनादरीत हो गया जिसका प्रकरण परिवादी द्वारा चित्तौड़गढ़ न्यायालय में प्रस्तुत किया।
इस दौरान अभियुक्त ने अपनी ओर से अधिवक्ता एडवोकेट ओम प्रकाश शर्मा राजेंद्र सिंह चौहान सत्यनारायण माली को नियुक्त कर प्रकरण में पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने अभियुक्त की ओर से बचाव पक्ष में अभियुक्त पंकज मंगल के सफाई साक्ष्य के रूप में बयान कराएं तथा कुल 34 दस्तावेज प्रदर्शित करवाते हुए इस दौरान न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनते हुए 12 वर्ष पुराने प्रकरण का अंतिम निर्णय करते हुए न्यायालय ने अभी द्वारा जो अभियुक्त को फर्दन फर्दन करके ₹280000 अदा किए वह कोचिंग फीस मानते हुए परिवादी ने जो चेक ₹200000 का जोर जबस्ती प्राप्त कर अनादरण करवाया उस मामले में अभियुक्त को निर्दोष मानते हुए अभियुक्त को दोष मुक्त कर बरी कर दिया।

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