वीरधरा न्यूज़। आकोला@ श्री शेख सिराजूदिन।
आकोला। बंजर भूमि एवं चारागाह विकास समिति और फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के सयुंक्त तत्वावधान में ग्राम पंचायत फलासिया के राजस्व गांव बड़ी के चारागाह भूमि पर पुनःवनस्पतिकरण पर प्रशिक्षण रखा गया।
इस प्रशिक्षण में सांवर लाल जाट व राजेंद्र सिंह चुंडावत ने वृक्षारोपण करते समय चार गोल्डन नियम सही समय, सही स्थान, सही प्रजाति, सही रोपण विधि के बारे में सिखाया, साथ ही स्थानीय प्रजाति के पेड़ पौधे ओर घास को प्राथमिकता देनी चाहिए जिससे इस वातावरण को सहन करके पेड़ पौधे अपना अच्छे से विकास कर सके।
साथ ही बीजारोपण की प्रकिया के बारे में भी जानकारी दी जिसमे बराबर अनुपात में चिकनी मिट्टी, रेतीली मिट्टी और देशी खाद के साथ बीजों को मिला कर गेंद बना कर बीजा रोपण करने का तरीका भी सिखाया।
वृक्षारोपण करते समय सावधानी पूर्वक पौधे की थैली को ब्लेड से कैसे काटना ओर गड्डे की लम्बाई, चौड़ाई व गहराई कितनी होना चाहिए आदि पर तकनीकी जानकारी दी। वृक्षारोपण के समय के बारे में समझाया कि पौधे जून-जुलाई माह में लगाने से कितना फायदा है और सितंबर अक्टूबर माह में लगाने से कितने प्रतिशत चलने की संभावना रहती है। और समझाया कि वृक्षों को लगाना काफी नहीं है उसके सार- संभाल करके बड़ा करना भी जरूरी है। और सभी ने मिलकर कहा कि कल से हम नीम, देसी बबूल , खेतड़ी और अन्य बीज लाकर बीजा रोपण करेगें ताकि ये भी चल सके।इसमें नरेगा मेट शंकर लाल बैरवा चारागाह विकास समिति के सदस्य और नरेगा श्रमिक उपस्थित थे।