भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्थापना दिवस के उपलक्ष पर कृषि विज्ञान केन्द्र पर तीन दिवसीय तकनीकी समारोह का आयोजन।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौडग़ढ़।कृषि विज्ञान केन्द्र, चित्तौड़गढ़ पर दिनांक16 से 18 जुलाई, 2023 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्थापना दिवस के उपलक्ष में तीन दिवसीय तकनीकी समारोह के तहत संस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस तीन दिवसीय समारोह के तहत तृतीय दिन जिले के विभिन्न गांवो से 65 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्थापना दिवस की महत्वता एवं केन्द्र की गतिविधियों के बारे में बताया तथा विभिन्न पंचायत समितियों से नाबार्ड द्वारा गठित किसान उत्पादक संगठन से जुड़े कृषको को नवीन कृषि तकनीकी के साथ समन्वित कृषि प्रणाली माडल अपनाने व लघु उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया व जैविक खेती हेतु वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का प्रायोगिक कार्य सिखाया।
कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र के दौरान ओ. पी. शर्मा, उपनिदेशक कृषि (आई.पी.एम.). चित्तौड़गढ़ ने किसानों को खरीफ फसलों में खरपतवार नियंत्रण एवं उर्वरक प्रबंधन के तरीके बताये। कार्यक्रम के द्वितीय तकनीकी सत्र के दौरान दिनेश जागा, संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार), चित्तौड़गढ़ ने किसानों को मक्का फसल में फालआर्मी कीट प्रबंधन के तरीके बताये एवं कृषि विभाग द्वारा देय विभिन्न योजनाओं एवं अनुदानों के बारे में अवगत कराया। महेन्द्र डूडी जिला विकास प्रबन्धक, नाबार्ड, चित्तौड़गढ़ ने एफ.पी.ओ. से जुड़े कृषको एवं बोर्ड सदस्यों को नाबार्ड द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं के लाभ एवं अनुदानो तथा एग्रो प्रोसेसिंग इकाई के बारे में विस्तृत रूप से बताया। महमूद गोहर प्रबन्धक कट्स ने जिले में गठित आठ विभिन्न एफ.पी.ओ. के बारे में विस्तृत रूप से बताया। कार्यक्रम के तृतीय तकनीकी सत्र के दौरान डॉ. शंकर लाल जाट, उप निदेशक, उद्यान विभाग, चित्तोडगढ़ ने किसानों को फलदार पौधे अधिक से अधिक संख्या में लगाने पर जोर दिया साथ ही उद्यान विभाग द्वारा देय विभिन्न अनुदानों एवं योजनाओं के बारे में बताया। डॉ. प्रकाश चन्द्र खटीक सहायक निदेशक, उद्यान विभाग, चित्तौड़गढ़ ने फलदार पौधों में कीट एवं बीमारियों के प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. प्रफुल्ल माथुर संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग, चित्तौड़गढ़ ने डेयरी पशुओं के बीमा एवं बैंक ऋण सम्बन्धी तकनीकी जानकारी दी। डॉ. सुमेर सिंह मीणा, सहायक निदेशक, पशुपालन विभाग, चित्तौड़गढ़ ने किसानों को बरसात के मौसम में पशुओं को होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया। दीपा इन्दौरिया ने मिलेटस एवं पोषण वाटिका के बारे में विस्तार से बताया तथा केविके में स्थापित मिलेटस वाटिका का भ्रमण कराकर दैनिक आहार में मिलेट्स का महत्व समझाया। संजय कुमार धाकड़, कार्यक्रम सहायक ने कृषको को कृषि तकनीकी के बारे में एवं केविक स्थापित विभिन्न सजीव इकाईयों में भ्रमण कराकर एवं कृषि प्रदर्शनी का भी अवलोकन कराया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले कृषको को फलदार पौधे भी वितरित किये गये। कार्यक्रम में मदन गिरि कट्स एवं केन्द्र के रमेश चन्द्र माली योगेश दमामी, राजू लाल गुर्जर बनवारी लाल आदि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के तृतीय सत्र में जिले के 65 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।
अंत में केन्द्र के संजय कुमार धाकड़, कार्यक्रम सहायक ने उपस्थित अतिथियों, कृषक एवं कृषक महिलाओ को धन्यवाद दिया।