वीरधरा न्यूज़। डूंगाला@ श्री मोहन दास।
डूंगला।राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय उपशाखा डूंगला द्वारा प्रदेश कार्यकारिणी के आह्वान पर शिक्षा बचाओ पदयात्रा निकाली गई। उपशाखा डूंगला के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी, कार्यकर्ता, शिक्षकों ने जिला संगठन मंत्री रमेश चंद्र पुरोहित, जिले से नियुक्त पर्यवेक्षक और जिला कोषाध्यक्ष, नर्बदा शंकर पुष्करणा, जिला उपाध्यक्ष नाथू लाल डांगी, जिला शिक्षक सदस्य सुशील कुमार लड्डा, जिला प्रबोधक सदस्य चंदन सिंह शक्तावत, भारतीय किसान संघ अध्यक्ष काशी राम शर्मा और उपशाखा अध्यक्ष पूरण मल लोहार की अगुवाई में 100 से अधिक शिक्षकों के साथ शिक्षा बचाओ पदयात्रा निकालते हुए राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के 11 सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन का आगाज किया।
उपशाखा अध्यक्ष पूरणमल लोहार ने बताया कि शिक्षा बचाओ पदयात्रा में उपशाखा डूंगला के सैकड़ों शिक्षकों ने मुखर होकर राज्य सरकार द्वारा शिक्षक वर्ग की उपेक्षा से आहत होकर अपना विरोध प्रकट किया। डूंगला में पदयात्रा राप्रावि डूंगला से शुरू होकर मुख्य बाजार होते हुए डॉक्टर हेडगेवार पार्क तक पहुंची और मीटिंग कर उपस्थित शिक्षकों को संगठन द्वारा विभिन्न समस्याओं को लेकर किए जा रहे आंदोलन की जानकारी प्रदान की।
जिला संगठन मंत्री पुरोहित ने कहा कि शिक्षा और शिक्षकों को बचाना है तो हमें शिक्षकों पर थौंपे जाने वाले आदेशों और कार्यों का विरोध करना ही होगा। सरकार ने शिक्षकों की समस्याओं को नजरंदाज किया है ।इसीलिए संगठन को मजबूर होकर आज आंदोलन की राह पर निकलना पढ़ा।सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण को भी सही तरीके से नहीं लिया है आज हजारों शिक्षक अपने परिवार से दूर कार्य करने को मजबूर हैं।सरकार संविदा पर भर्ती करके अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए हजारों युवाओं का भविष्य बर्बाद करने का काम कर रही है।राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय राष्ट्र हित में निर्णय लेने वाला एकमात्र संगठन है जिसकी बात हर सरकार सुनती है।हमें संगठित होकर पुरजोर विरोध करना होगा।संगठन आगे के चरणों में जिला और प्रदेश स्तरीय विरोध प्रदर्शन करेगा।जिला कोषाध्यक्ष एवं पर्यवेक्षक नर्बदा शंकर पुष्करणा ने बताया कि सरकारों ने जब भी अन्य किया तब तब शिक्षक सड़को पर आया है।संगे शक्ति कलियुगे के अनुसरण में हमें संख्यात्त्मक उपस्थिति सरकार को जुकाने में समर्थ हैं।आज सभी शिक्षक पढ़ाने को लेकर कटिबद्ध है लेकिन सरकार शिक्षक को गैरशेक्षणिक कार्यों में लगाकर शिक्षा से दूर करके हमारी नई पीढ़ी को नकारा बनाने का प्रयास कर रही है।सरकार ईमानदार आयकरदाता के टैक्स से प्राप्त राशि को बंदरबांट करने के स्थान पर नियमित कार्मिक गैरशेक्षणीक कार्यों के लिए करे।
संगठन ने अपने मांगपत्र में वेतन विसंगतियों के निराकरण हेतु गठित सावंत एवं खेमराज कमेटी की रिपोर्टों को तत्काल सार्वजनिक कर लागू किया जाए एवं समस्त शिक्षक संवर्ग ओं की सभी वेतन विसंगतियों का तत्काल निवारण किया जाए, समस्त राज्य कर्मचारियों को 8- 16- 24- 32 वर्ष पर एसीपी का लाभ देकर पदोन्नति पद का वेतनमान प्रदान किया जाए, एमपी श्रमिकों के लिए लागू हुई पुरानी पेंशन योजना की समस्त तकनीकी खामियां ठीक करते हुए एनपीएस फंड की राशि शिक्षकों को देने के साथ-साथ जीपीएफ 2004 के खाता नंबर तत्काल जारी किए जाएं, संपूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार 1 वर्ष के लिए हो तथा नियमित वेतन श्रंखला में फिक्सेशन के समय परिवीक्षा अवधि को भी जोड़ा जाए, शिक्षा विभाग में ऑनलाइन कार्यों को देखते हुए राज्य के समस्त शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को मासिक इंटरनेट भत्ता तथा एंड्रॉयड फोन उपलब्ध करवाया जाए, राज्य कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के समय 300 उपार्जित अवकाशो की सीमा समाप्त की जाए तथा सेवानिवृत्ति के पश्चात 65, 70 एवं 75 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर पेंशन में क्रमशः 5,10 एवं 15% वृद्धि की जाए, शिक्षा विभाग में की जा रही संविदा आधारित नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जा कर नियमित भर्ती से ही पद भरे जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए, अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण पर तत्काल प्रतिबंध हटाया जाए एवं राज्य के शिक्षकों के स्पष्ट स्थानांतरण नियम बनाए जाए और संस्कृत शिक्षा विभाग सहित शिक्षा विभाग में समस्त पदों पर नियमित वर्ष वार और नियमानुसार डीपीसी आयोजित की जा कर समय पर पदस्थापन किया जाए पातेय वेतन पदोन्नति पर कार्यग्रण की तिथि से वित्तीय परिलाभ तथा वरिष्ठता प्रदान किया जाए , बीएलओ सहित समस्त प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए ।वर्तमान में जारी जन आधार प्रमाणीकरण डीबीटी योजना के लिए शिक्षकों एवं संस्था प्रधानों को जारी हो रहे अनावश्यक कारण बताओ नोटिस तत्काल प्रभाव से बंद हो, माध्यमिक शिक्षा में स्टाफिंग पैटर्न तत्काल लागू कर नए पदों का सृजन किया जाए तथा पद आवंटन में विद्यालयों में हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम का विवेक समाप्त कर समान रूप से पदों का आवंटन किया जाए, माध्यमिक शिक्षा में अध्यापक संवर्ग की सीधी भर्ती की जाए तथा प्रारंभिक शिक्षा से सेटअप परिवर्तन (6डी तथा अन्य नियम अंतर्गत) अनिवार्य के स्थान पर स्वैच्छिक किया जाए जैसी प्रमुख मांगो को स्थान देकर आज पूरे प्रदेश में प्रत्येक उपशाखा से चरणबद्ध आंदोलन का आगाज किया है।जिला उपाध्यक्ष डांगी ने कहा कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में प्रमुख बीएलओ के कार्य से तत्काल मुक्त करना चाहिए।अन्य जिलों में जिस प्रकार से शिक्षकों को बीएलओ कार्य से मुक्त किया है उसी प्रकार संगठन शीघ्र ही जिला कलेक्टर से वार्ता कर जिले के शिक्षकों को भी बीएलओ कार्य से मुक्त करवाने के लिए वार्ता करेगा। उपशाखा मंत्री कमलेश चौधरी ने बताया कि संगठन ने स्थानीय स्तर पर भी हाल ही में उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग रखी। कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि संगठन ने हमेशा ही शिक्षक हित में मुखरता से अपना पक्ष रखा है।उपशाखा डूंगला के उपाध्यक्ष नरेश व्यास ने बताया की शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों के नाम पर मनमाने आदेश से अनावश्यक ही मानसिक पीड़ा और तनाव की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है ।इस कारण डूंगला ब्लॉक के सभी शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है ।
इस अवसर पर डूंगला नवल सिंह सारंगदेवोत, सुमित कुमार अग्रवाल, शंकर लाल शर्मा, जमुनालाल धोबी, जमना शंकर जाट ,सुरेंद्र कुमार ,धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी रामधन मीणा अनिल कुमार सोनी मनोज कुमार बलदेव रेगर भवानी शंकर नागदा श्यामलाल जनवा, सुरेश चंद्र लोहार भरत कुमार टेलर भगवती लाल बाबेल राजेंद्र सिंह नारायण लाल मीणा ओंकार लाल मीणा रामेश्वर लाल मेनारिया पृथ्वीराज गुर्जर दिनेश जाट ताराचंद रेगर नक्षत्र लोहार फतेह लाल मीणा पृथ्वीराज मीणा अजय कुमार मीणा महावीर प्रसाद पालीवाल हरिराम शुभम स्वामी सहित सैंकड़ों शिक्षक मौजूद रहे।