वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौडगढ़। विशिष्ठ न्यायाधीश संख्या 2 चित्तौडगढ़ की पीठासीन अधिकारी अमित सहलोत ने पोक्सो एक्ट एवं विभिन्न धाराओं मे अभियुक्त मदन कीर को दोषमुक्त किया।
प्रकरणानुसार अभियुक्त के विरूद्ध धारा 363, 366, 344 भादस एवं धारा 5 एल/6 पोक्सो एक्ट तथा धारा 376-(2) (एन)भादस में पुलिस थाना निम्बाहेड़ा कोतवाली मे दर्ज हुआ था तथा अनुसंधान के उपरान्त अपराध प्रमाणित मानते हुए न्यायालय में अभियुक्त के विरूद्व चालान पेश की। दौराने विचारण अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष मौखिक गवाह तथा दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किये। जिनका अधिवक्ता आदित्यराय चौधरी एवं रश्मि जैन ने विरोध करते हुए अभियुक्त की ओर से पक्ष रखा।
अभियुक्त के अधिवक्ता आदित्यराय चौधरी एवं रश्मि जैन के तर्को से सहमत होते हुए प्रकरण मे पीठासीन अधिकारी ने माना की अभियोजन पक्ष की ओर से दौराने विचारण ऐसी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नही की। जिससे यह प्रमाणित होता की अभियुक्त द्वारा किसी नाबालिग के साथ कोई अपराध किया गया हो।
अभियुक्त के अधिवक्ताओ ने न्यायालय को बताया कि प्रकरण में ना तो पीडिता का कोई मेडिकल ही पत्रावली पर है जिससे यह प्रमाणित होता हो कि अभियुक्त द्वारा पीडिता के साथ दुष्कर्म का अपराध किया गया हो साथ ही पीडिता की उम्र के संबंध में विश्वसनीय दस्तावेज पत्रावली पर मौजुद नही है इसलिए अभियुक्त को प्रकरण मे दोषमुक्त किया जाना न्यायोचित हैं। अभियुक्त के अधिवक्तओं की ओर से प्रस्तुत तर्को से सहमत होते हुए पीठासीन अधिकारी ने माना कि अभियोजन पक्ष अभियुक्त के विरूद्व लगाये गये आरोप पूर्णतया युक्तियुक्त संदेह से परे साबित करने मे असफल रहा है। अतः अभियुक्त मदन कीर को उस पर लगाये गये आरोपो से दोष मुक्त किया गया।