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जाशमा-नवग्रह महायज्ञ पूर्णाहुति में उमड़ा श्रद्धालुओ का सैलाब भजन संध्या के बाद हुआ समापन।

 

वीरधरा न्यूज़।जाशमा @ श्री अशोक शर्मा।

जाशमा। कस्बे मे विश्व शान्ति व जन कल्याण हेतु 5 दिन से चल रहे नव ग्रह महायज्ञ की पूर्णाहूतिः हुई।
इस महपूर्णाहूति में यज्ञ शनिदेव औघड़ सन्त प्रताप जी महाराज, पशुपति नाथ संत रैदास जी तथा सन्त महात्माओ के दर्शन पाने हेतु लग भग 50 हजार लोग पहुचे। इस भारी भीड़ के लिए इन पहाड़ियों में स्थान छोटा पड़ गया।दिन भर पुलिस स्वयंसेवको को काफी मकसद करनी पड़ी। मन्दिरो तथा सन्तों के दर्शन पाने के लिए भक्तों को काफी भीड़ का सामना करना पड़ा। दूर दराज गावो से लोग गीत गाते नाचते पहुच रहे थे। पूर्णाहूतिः के साथ यज्ञ यजमानो व पंडितो द्वारा कल्प वृक्ष की पूजा परिक्रमा कर ढोल बाजा के साथ नाचते हुई वृक्षों की महिमा की गई।
यज्ञाचार्य श्री कमलेश जी पण्डित द्वारा यज्ञ वृक्षों की महिमा वृक्षों, सन्तों, भक्तो व धर्मध्वज, मन्दिरो पर ड्रोन से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। यह नव ग्रह महा यज्ञ महामंडलेश्वर मीरा मेवाड़ खालसा के मेहन्त श्री चेतन दासजी महाराज के सानिध्य में आयोजित हुआ। सेकड़ो की संख्या में महन्त, संत, महात्मा, इस औघड़ सन्त श्री प्रताप महाराज की तपो भूमि पर पधारे शनि महाराज ट्रस्ट व समस्त ग्रामीणों द्वारा भंडारा करा कर विधाई की। इस अवसर पर शनि देव मन्दिर प्रागण में 51 फिट उच्चा धर्म दण्ड स्थापित कर धर्म ध्वजा श्री चेतन दासजी महाराज व समस्त यजमानों भक्तो द्वारा चढाई गई। सूरज कुंड वाले बह्मचारी जी श्री अवदेशा नंद जी महाराज पधार धर्म ध्वज को प्रणाम कर समाधि स्थल व मन्दिर में दर्शन किए। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की गई गुरु देव के दर्शन हेतु भीड़ उमड़ी। संतो ने आशीर्वाद दिया इस विशाल यज्ञ में चितोड़गढ़, राज समन्द, उदयपुर ,भीलवाड़ा, प्रताबगढ़ जिलो के भक्त पधारे। स्थानीय 82गाँवो के लोगो ने व्यवस्थाय जुटाई। शनि महाराज मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष शान्ति लाल जाट अनोपपुरा व समस्त सदस्यो समस्त ग्रमीणों के द्वारा सन्तों महंतो महात्माओ का साफा, माल्या, फूल दुपटे पहनाकर मेहमानों का स्वागत किया।
इस अवसर पर गो शाला निर्माण हेतु गो भक्तो ने अपार राशि भेट की।
इस आयोजन मे जाशमा, काबरा, चोथपुरा, ढाणी, अनोपपुरा, कालाजी खेडा, सेजकरिया, मालीखेड़ा सांवलिया खेड़ा, कपासन , मेवदा, मूंगाणा काना खेडा, देवड़ा खेडा, उसरोल, भूपाल सागर, पलासिया, कोटडी, मोरठ चावण्डिया, लड़पचा, गवारडी, रेलमंगरा बामनिया खुर्द बामनिया कला सिंदेसर पछमता गुजरिया खेडा, रावो का खेला, देवडा का खेड़ा गड़रियावास लगभग 82 गाँवो के लोगो ने व्यवस्था सम्भाली।
50 हजार भक्तो ने दर्शन प्रसाद पाया।

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