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बालकों के मामलों में संवेदनशीलता से करें कार्यवाही-अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शाहना खानम, विशेष किशोर पुलिस इकाई की समीक्षा बैठक सम्पन्न।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। शुक्रवार को उदयपुर रेंज पुलिस तथा यूनिसेफ राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में संचालित कम्युनिटी पुलिसिंग टू बिल्ड अवेयरनेस एण्ड ट्रस्ट कार्यक्रम अंतर्गत विशेष किशोर पुलिस इकाई की समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों द्वारा थाना स्तर पर बालकों से संबंधित मामलों तथा पुलिस मुख्यालय द्वारा संचालित किए गए विभिन्न अभियानों के दौरान की गई कार्यवाहियों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश उपलब्ध कराए।
जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यन्त के निर्देश पर शुक्रवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ चित्तौडगढ़ शाहना खानम के मार्गदर्शन में उदयपुर रेंज पुलिस तथा यूनिसेफ राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में संचालित कम्युनिटी पुलिसिंग टू बिल्ड अवेयरनेस एण्ड ट्रस्ट कार्यक्रम अंतर्गत विशेष किशोर पुलिस इकाई की समीक्षा बैठक का आयोजन सभागार रिजर्व पुलिस लाईन चित्तौड़गढ़ में किया गया।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने इकाई अंतर्गत सभी पुलिस थानों बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों द्वारा थाना स्तर पर बालकों से संबंधित मामलों तथा पुलिस मुख्यालय द्वारा संचालित किए गए विभिन्न अभियानों के दौरान की गई कार्यवाहियों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश उपलब्ध कराए। उन्होने बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को पूर्व में किशोर न्याय अधिनियम एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम विषयक प्रशिक्षणों में दी गई जानकारी के अनुसार थाना स्तर पर अनुपालना के लिए निर्देश देते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में बाल भिक्षावृति की रोकथाम के लिए उमंग प्रथम अंतर्गत कार्यवाही के बारे में बताया। उन्होने बताया कि किसी भी प्रकार के पीडीत बालक के प्रथम संपर्क के रूप में बाल कल्याण पुलिस अधिकारी होते है, ऐसे में उनकी सवदेनशील भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
बाल कल्याण समिति अध्यक्षा प्रियंका पालीवाल ने बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के संदर्भ में मानक संचालन प्रक्रियाओं का अनुसरण करने तथा संवदेनशीलता से कार्य करने के सुझाव दिए। बच्चों से संबंधित मामलों में पुलिस थानों से उपस्थित बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों द्वारा बताई गई समस्याओं के संदर्भ में समिति अध्यक्षा द्वारा सुझाव उपलब्ध कराए। उन्होंने समिति के समक्ष पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले बालकों के संबंध में पहचान तथा प्राथमिक जानकारियों से संबंधित दस्तावेजों को समिति को प्रस्तुत करने के विषय में मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जिससे समिति द्वारा बालकों के पुर्नवास प्रक्रिया को गति दी जा सके।
यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार सिन्धु बिनुजीत ने बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को थाना स्तर पर बाल मित्र वातावरण के विकास में भूमिका, वत्सल वार्ताओं के आयोजन तथा किशोय न्याय अधिनियम एवं पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत प्रस्तावित प्रपत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। उन्होने बाल विवाह की रोकथाम गुमशुदा बालकों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया की थाना स्तर पर पालना, पुलिस थानो पर बाल हेल्प डेस्क के संचालन तथा सूचनाओं को पोर्टल पर अपलोड करने के लिए अधिकारियों को सुझाव दिए।
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक चन्द्र प्रकाश जीनगर द्वारा जिला प्रशासन एवं विभागों के समन्वय से संचालित किए जा रहे बाल नशावृति मुक्त अभियान विभाग द्वारा देखेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के पुर्नवास के लिए संचालित की जा रही योजनाओं के बारे में इकाई के सदस्यों को जानकारी दी गई।
मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ के प्रभारी रूप सिंह द्वारा गुमशुदा बालकों के मामलों में पोर्टल पर नियमित सूचना अपलोड करने तथा उपरोक्त विषय में किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए जिला स्तर पर प्रकोष्ठ की तकनीकी टीम से संपर्क करने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस थाना स्तर पर आयोजित होने वाली विभागीय एवं समुदायिक बैठकों में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को बाल संरक्षण संबंधित जानकारी साझा करने तथा गुमशुदा बालकों के मामलों में तस्करी की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बैठक में रेंज कार्यालय द्वारा अधिनियमों की पालना के लिए जारी निर्देशों के संबंध में सभी बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को जानकारी उपलब्ध कराई गई तथा रिसोर्स सामग्री वितरित की गई।
बैठक में बाल कल्याण समिति सदस्यगण नीता लोट, सीमा भारती जी, ओमप्रकाश मानव तस्करी – विरोधी प्रकोष्ठ की टीम एवं कॉम्बेट कार्यक्रम के आकाश उपाध्याय, आदि सहित पुलिस थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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