चित्तौडग़ढ़ मे इंस्पायर अवार्ड की राज्यस्तरीय प्रदर्षनी का हुआ उद्घाटन। बाल वैज्ञानिक भविष्य में देश-दुनिया को अचंभित करेंगें – राज्यमंत्री जाड़ावत
वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रौन्निति प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह जाडावत ने इंस्पायर अवार्ड की राज्यस्तरीय प्रदर्षनी के उद्घाटन समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिस्पर्था के इस दौर में खुद को साबित करने का समय है और निसन्देह इस प्रदर्षनी में भागीदारी कर रहे बाल वैज्ञानिक आने वाले समय में देष और दुनिया को अचम्भित करेंगें।
राज्यमंत्री जाडावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अषोक गहलोत की षिक्षा और विषेषकर बालिका षिक्षा को लेकर दूरगामी सोच से राजस्थान की तस्वीर तेेजी से बदली है और षिक्षा के मॉडल में राजस्थान देष में अग्रणी है। यह खुषी की बात है कि चित्तौड़गढ़ जिले को इसकी मेजबवानी मिली है और मै विष्वास कर सकता हुँ कि जिस तरह चित्तौड़गढ़ की अपनी पहचान है उसी तर्ज पर यहां से राष्ट्रीय स्तर पर जाने वाले बाल वैज्ञानिक अपनी प्रतिभा से मानव मात्र की सेवा में अपना महत्ती भूमिका का निर्वहन करेंगें।
कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा ने कहा कि हम समग्र वैज्ञानिक सोच वाले देष के निवासी हैं और हमारे बाल वैज्ञानिकों के प्रयास हमें गौरवान्वित करेंगें।
राजस्तरीय प्रदर्षनी के आयोजन सचिव और संयुक्त निदेषक स्कूल षिक्षा उदयपुर मंडल पुष्पेन्द्र शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि चित्तौड़गढ़ जिले को बेहतर समन्वयन और शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर सकारात्मक वातावरण से यह मेजबानी मिली और टीम चित्तौड़गढ़ इस पर खरा उतरा है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. कनक जैन और नवीन षर्मा ने किया। इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्ववलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा आयोजक संस्था प्रधान शंभुलाल भट्ट एवं शमेनसिष उमावि के प्रधानाचार्य प्रकाष शर्मा ने अतिथियों एवं ज्यूरी सदस्यों का स्वागत किया। एम अकादमी की बालिकाओं ने सरस्वती वन्दना के साथ राजस्थानी गीत पर नृत्यमय प्रस्तुति दी।
अतिथियों ने राज्यपाल स्काउट सम्मान से सम्मानित स्थानीय विद्यालय के छात्र दिनेष वैष्णव, अनिल वैष्णव एवं स्थानीय संघ के पूर्व सचिव देवकीनन्दन का सम्मान किया।
कार्यक्रम में समसा के एडीपीसी प्रमोद दषोरा, जिषिअ मामु कल्पना शर्मा, सीबीईओ जया रानी राठौड, पार्षद टिंकु धमानी, राजेष सोनी, शैलेन्द्र सिंह शक्तावत, देवीलाल धाकड़, कानसिंह सहित विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य, षिक्षक और विद्यार्थी मौजुद रहे।
मेजबानी से अभिभूत
आयोजक टीम की ओर से की गई व्यवस्थाओं से प्रदर्षनी में भागीदारी कर रहे बाल वैज्ञानिक, अभिभावक और षिक्षक अभिभूत नजर आएं। भोजन, आवास,प्रदर्षनी कक्ष इत्यादि के प्रबंधन से सभी प्रसन्न दिखे। प्रतिभागियो का कहना था कि हर स्तर पर हमारा ध्यान रखा गया।
समापन शनिवार को
राज्यस्तरीय प्रदर्षनी का समापन शनिवार अपराह्न 2 बजे विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या के मुख्य आतिथ्य और जिला प्रमुख डॉ. सुरेष धाकड़ की अध्यक्षता में होगा। विषिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व युआईटी अध्यक्ष सुरेष झंवर, पूर्व सभापति सुषील शर्मा, अनिल ईनाणी, सागर सोनी उपस्थिति रहेगें।
इन मॉडल ने ध्यान आकर्षित किया……..
1. बोरवेल्स में गिरे बच्चे को 2से 3 घंटे में रेसक्यू
खुले बोरवेल में गिरे छोटे बच्चों की समस्या से चिंतित प्रियांशी कलाल ने एक ऐसा प्रोजेक्ट तैयार किया कि बच्चे को 2 से 4 घंटे में बिना अतिरिक्त खड्डा खोदे आसानी से निकाला जा सकता हैं। अभी तक किसी भी बच्चें के गिरने पर बोरवेल के समीप ही एक अन्य खड्डा खोदकर उसे रेसक्यु किया जाता था जिसमें कम से कम 48 घंटे का समय लगता था।
महात्मा गाँधी राउमावि डूंगरपुर शहर की कक्षा 10 की छात्रा प्रियांशी ने इस मॉडल में छोटे बच्चे के बोरवेल में गिरने के तुरंत बाद ऑक्सीजन देने के साथ एक सिंथेटिक गुब्बारे के बच्चे के निचले हिस्से में पहुँचाने की व्यवस्था की हैं जिससे बच्चा समय के साथ और नीचे नहीं जाएं। साथ में सुक्ष्म कैमरा बच्चें की वस्तुस्थिति से भी रेसक्यु टीम को अपडेट रखता है। इसी दौरान खड्डे में एक ग्रेपर डाला जाता हैं जो बच्चे के किसी भी हिस्से से कपडे पर अपनी पकड़ कर लेता हैं। सावधानी से बच्चे को धीरे धीरे ऊपर खिंच लिया जाता हैं। प्रियांषी के पिता राजकीय विद्यालय में प्रधानाचार्य और माता अध्यापिका है। इन दोनों की प्रेरणा से ही प्रियांषी ने इस मॉडल को मूर्त रूप दिया है।
2. वेजिटेबल-फ्रूट वॉशिंग मशीन’
करौली के स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल के बाल वैज्ञानिक शुभम शर्मा पुत्र केदार लाल शर्मा ने फल और सब्जियों को केमिकल फ्री करने वाली वॉशिंग मशीन तैयार की है। शुभम शर्मा ने बताया कि आजकल सब्जी-फलों के उत्पादन से लेकर पकाने तक में केमिकल इस्तेमाल होता है। ऐसे में सब्जी-फलों को अच्छी तरह धोए बिना खाने से बीमारियां हो जाती हैं। इसी को देखते हुए उन्हें इस तरह की वॉशिंग मशीन बनाने की प्रेरणा मिली, जिसमें व्यक्ति आसानी से फल और सब्जियों को धो सके।