वीरधरा न्यूज़।भदेसर@ श्री शैलेन्द्र जैन।
भदेसर।साधना का पहला स्टेप नवकार से है नवकार के द्वारा व्यक्ति अपने साध्य को प्राप्त कर सकता है उक्त विचार जैन आचार्य श्री विजय राज जी महाराज साहब ने गनाधिपति नवकार भवन में श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहे।
गनाधिपति श्री शांति मुनि जी महाराज साहब के स्मृति दिवस के प्रसंग पर नवकार मंत्र के जाप का आयोजन किया।
जैन आचार्य ने कहा कि नवकार मंत्र की साधना के साथ श्रद्धा आस्था और भावना होनी चाहिए जब तक नवकार के साथ भाव नहीं जुड़ जाते हैं तब तक मानव सुख प्राप्त नहीं कर सकता है
जैन आचार्य ने कहा कि श्रद्धा आस्था के साथ किया गया एक नमस्कार नर और नारी को संसार सागर से तीरा सकता है नवकार मंत्र के जाप के लिए ना तो कोई स्थान न तो कोई समय व्यक्ति हर समय इसकी साधना कर सकता है इससे पूर्व उपाध्याय प्रवर श्री जितेश मुनि जी महाराज साहब ने कहा कि हमारे जीवन का लक्ष्य आत्मा से महात्मा और महात्मा से परमात्मा बनने का है उसका सरलतम मार्ग वंदन है । वंदन पांच प्रकार की आत्माओं को किया जाता है जिनका समावेश पंच परमेष्ठी में हो जाता है आज मानव नवकार की साधना तो करता है मगर उसको विधि विधान का ज्ञान नहीं है जब तक विधि विधान के अनुसार साधना नहीं होती तब तक वह फलवती नहीं बन सकती उपाध्याय प्रवर ने कहा कि नवकार के जाप में सबसे पहला भाव बनना चाहिए कि मैं जीव हूं और मुझे बनना है।
भव्य सरूपरिया, शिव बसंती लाल खटोड़, मनीष संचेती पांडोली ने अपने विचार रखे
आज बाहर से कोलकाता कुर्नूर रायपुर कपासन निंबाहेड़ा वल्लभनगर पारसोली उदयपुर बाबरा आदि क्षेत्रों से अनेक श्रावक श्राविका उपस्थित थे।
कार्यक्रम संचालन चंद्रप्रकाश खोडपिया द्वारा किया गया।