वीरधरा न्यूज़।बौंली/बामनवास @ श्री श्रद्धा ओम त्रिवेदी।
बौंली।भारतीय संस्कृति पर्व प्रधान संस्कृति है यहां हर पर्व किसी न किसी संस्कृति सभ्यता एवं परंपरा से जुड़ा हुआ है अक्षय तृतीया भी आदिम युग की एक प्रेरणादायक घटना विशेष के साथ जुड़ा हुआ पर्व है इस दिन जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभ ने 400 दिन की निराहार तपस्या का पारणा किया था यह विचार आचार्य महाश्रमण जी के सुशिष्या विदुषी साध्वी श्री पुण्य प्रभा जी ने दिया उन्होंने आगे कहा अक्षय तृतीया अक्षय बनने का पर्व है इस पर्व के साथ 3 मुख्य घटक जुड़े हुए हैं जो यह संदेश देते हैं की हमारे जीवन में इक्षुरस जैसी मधुरता रहनी चाहिए जिससे संबंधों में प्रगाढ़ता आती है भगवान ऋषभ शक्ति का प्रतीक है शक्तिशाली व्यक्ति हर क्षेत्र में सफलता को हासिल कर सकता है तथा श्रेयांश श्रेय कल्याण को प्राप्त करने का संदेशा देता है कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती सुरेखा जैन के मंगलाचरण से हुआ संचालन सभा अध्यक्ष अनिल कुमार जैन एडवोकेट ने किया व आगंतुक श्रावक श्राविकाओ का आभार व्यक्त मंत्री प्रदीप कुमार जैन ने किया। साध्वी डॉ जिनयशा जी ने अक्षय तृतीया के महत्व को विस्तार से बताया । साध्वी वृंद, महिला मंडल शहर, महिला मंडल मंडी रोड, युवक परिषद आदर्श नगर ने गीतिका के माध्यम से अपने भावों की प्रस्तुति दी सभा अध्यक्ष आदर्श नगर धर्मराज जैन व बाबूलाल जैन मुंबई ने विचार व्यक्त किए ज्ञानशाला के बच्चों ने भगवान ऋषभ के जीवन दर्शन की एक झलक परिसंवाद के माध्यम से दी वही महिला मंडल आदर्श नगर ने तपस्या पर बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में सवाई माधोपुर शहर आदर्शनगर सूरवाल भगवतगढ़ चौथ का बरवाड़ा व आवासन मंडल मण्डी रोड़ के श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रहे।