वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौडग़ढ़।महाष्टमी पर सर्वेश्वर मंदिर में जारी रामकथा में कथावाचक पं. आशीष चाष्टा ने सामुहिक संगीतमय सुंदरकांड पाठ की प्रस्तुति के साथ हनुमानजी के चरित्र का वर्णन किया।
संरक्षक लक्ष्मी नारायण डाड ने बताया कि उपस्थित श्रोताओं को सर्वेश्वर मंदिर समिति की ओर से बच्चों में धार्मिक संस्कार डालने हेतु निर्मल भंडारी, तरुण शर्मा द्वारा सुंदरकांड की प्रतियां भेंट की गई।
कार्यक्रम संयोजक श्याम सुंदर कैलाश चन्द्र शर्मा ने बताया कि रामनवमी को दोपहर 12 बजे राम जन्मोत्सव मनाया जायेगा।महाआरती व प्रसाद वितरण के साथ मनोज कुमार शर्मा द्वारा बधाई भजन गाये जायेंगे।
कथा में मुख्य अतिथि जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यन्त, विशिष्ट अतिथि शहर कोतवाल विक्रम सिंह, जन चेतना मंच के प्रदेशाध्यक्ष हेमंत शर्मा, डा.विनय शर्मा, ओमप्रकाश काबरा, पार्षद रेखा मूंदड़ा, सत्यनारायण टांक, कैलाशचन्द्र छीपा, संजय शर्मा, गोपाललाल पाराशर, भेरूशंकर शर्मा, सचिन शर्मा सहित बड़ी संख्या में मंदिर समिति के पदाधिकारियों व श्रद्धालुओं ने कथामृत का पान कर सुंंदरकांड़ पाठ मे भाग लिया।अतिथियों का स्वागत संयोजक कैलाशचन्द्र शर्मा ने किया।कथा व्यास ने रिष्यमूक पर्वत पर वानरराज सुग्रीव से मित्रता व बाली के मोक्ष तथासीता की खोज हेतु वानर सेना के चारों दिशाओं मे सीताजी की खोज करने की कथा सुनाई।दक्षिण दिशा में गिद्धराज जटायु से रावण द्वारा सीता हरण करने व लंका में ले जाने के समाचार ज्ञात होने पर हनुमानजी का सागर पार कर लंका मे जाने के प्रसंग का विवेचन किया।अशोक वाटिका में सीताजी से भेंट कर पहचान के लिए रामजी की मुद्रिका देने, लंका दहन कर पुनः रामजी को समाचार देने की घटना का चित्रण किया। उन्होने कहा कि हनुमानजी जैसे भक्त या गुरु के माध्यम से ही प्रभु प्राप्ति संभव है। इस दौरान भजनों पर श्रोता थिरक उठे।