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मेवाड़ विश्वविद्यालय में हुआ सांतवा दीक्षान्त समारोह, विश्वविद्यालय के 2304 विद्यार्थियों को प्रदान की गई डिग्री।

 

वीरधरा न्यूज़।गंगरार@ श्री कमलेश सालवी।

गंगरार। मेवाड़ विश्वविद्यालय का सांतवा दीक्षांत समारोह मेवाड़ विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित हुआ। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि उड़ीसा हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज इशरत मसरूर कुद्दुसी रहे। इस समारोह में 2304 डिग्रियां प्रदान की गई और बड़ी संख्या में डिग्री लेने पहुंचे विधार्थियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन कि ओर से किये गए इंतजाम की भी जमकर तारीफ की। बीटेक (सीएससी) की विद्यार्थी अंजलि नवाल ने विश्वविद्यालय की गोल्ड मेडलिस्ट चुनी गई।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती वंदना व कुलगीत से हुई। इसके बाद मेवाड़ विश्वविद्यालय कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार गदिया ने मंचासीन सभी अतिथियों का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व वक्ता सेवानिवृत्त जज इशरत मसरूर कुद्दुसी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा मनुष्य की सफलता का द्वार खोलती है। शिक्षा के माध्यम से इंसान अनुशासन व आचरण सीखता है और अपने जीवन को सफल बनाता है। मेवाड़ विश्वविद्यालय भी इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है जहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों में शिक्षा, संस्कार व भारत का भविष्य निर्माण करना उद्देश्य है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान के कुलपति प्रोफेसर आनंद भालेराव ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह विद्यार्थियों के लिए जीवन का महत्वपूर्ण दिन है। यह उनके लिए स्वर्णिम दिन होता है जहां अपनी मेहनत को सफ़ल होते देखता है। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति विद्यार्थियों को अज्ञानता से प्रकाश की ओर ले जाती है और विवेकवान व सामर्थ्यवान बनाती है।
मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व कार्यक्रम के अध्यक्ष डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपके व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में मेवाड़ विश्वविद्यालय सदैव आपके साथ है। उन्होने विद्यार्थियों को सफलता के मूल मन्त्र बताते हुए कहा कि दूरदृष्टि, समर्पण, श्रद्धा, संकल्प, दृढ़ निश्चय, कड़ी मेहनत एवं अनुशासन आपको जीवन में सफलता के शिखर पर पहुँचता। अगर सही दिशा व अथक प्रयास करते रहे तो उन्हें जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता ।
मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आलोक मिश्रा ने स्वागत उद्बोधन में सभी डिग्री धारियों को बधाई देते हुए कहा कि आज से आपके जीवन की नई शुरुआत शुरुआत हो रही है और मेवाड़ विश्वविद्यालय का पूरा प्रयास है कि शिक्षा, चिकित्सा, खेलकूद, न्याय व अन्य क्षेत्र में विद्यार्थियों को तैयार करना हैं ताकि वह अपने – अपने क्षेत्र में अपना, अपने परिवार का, अपने देश का नाम रोशन कर सके। इस अवसर पर उन्होंने मेवाड़ विश्वविद्यालय में होने वाली विभिन्न उपलब्धियों और गतिविधियों के बारें में जानकारी दी और कहा कि यहाँ के विद्यार्थी हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहे हैं। यह विश्वविद्यालय ऐसी तपोस्थली है जहां किसी भी छात्र के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है।
इस अवसर पर प्रतिकुलपति आनन्दवर्द्धन शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि मेवाड़ विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय की राह पर चल रहा है । इस विश्वविद्यालय में देश से ही नहीं विश्व के विभिन्न देशों से भी विद्यार्थी अध्ययन करने आते हैं और विभिन्न देशों के प्राध्यापक भी यहां पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
दीक्षान्त समारोह में प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार पॉल को डी. लिट. की उपाधि से नवाजा गया। आईएएस चेतन राम देवड़ा, राजेश मिश्रा व अमित कुमार सिंह को अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। समारोह में धन्यवाद ज्ञापन कुल सचिव ए. राजा ने किया।
इस आयोजन में मेवाड़ एज्युकेशन सोसायटी के चेयरमैन गोविन्द लाल गदिया, बोर्ड आॅफ मैनेजमेन्ट के सदस्य राधाकिशन गदिया, प्रति कुलपति सर्वोत्तम दीक्षित सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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