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प्रदेश में फर्जी डिग्रीयों की जांच के नाम पर स्थगित भर्ती प्रक्रियाओं को बहाल किया जाये: विधायक आक्या।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। राजस्थान विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान चित्तौड़गढ विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने गुरूवार को विधानसभा में नियम 295 के अन्तर्गत विशेष उल्लेख प्रस्ताव के माध्यम से प्रदेश में फर्जी डिग्रियों की जांच के नाम पर भर्ती प्रक्रिया को स्थगित किये जाने से बेरोजगार अभ्यर्थियों के भविष्य पर पड़ने वाले विपरित असर से उत्पन्न स्थिति के संबंध में सदन में अपनी बात रखी। विधायक आक्या ने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि प्रदेश में फर्जी डिग्रियों के आधार पर संगठित गिरोह लंबे समय से सक्रिय होकर सरकारी नौकरी में बिना डिग्रीधारियों को नियुक्त किये जाने की साजिश को अंजाम दे रहा है। इन फर्जी डिग्रियों के बारे में शिकायत होने पर डिग्रियों की जांच के नाम पर भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर राजस्थान लोक सेवा आयोग, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड व विभिन्न सरकारी एजेंसिया अपनी विभिन्न भर्ती प्रक्रिया की कार्य प्रणाली को ओर अधिक लंबित कर रही है, जिससे प्रदेश के बेरोजगार युवा जो इन भर्तीयों की लंबे समय से प्रतिक्षा कर रहे है, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड रहा है। मीडिया प्रभारी मनोज पारीक ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आक्या ने पिछले दिनों हुई रेडियोग्राफर, एनटीटी शिक्षक, पीटीआई, लैब टेक्निशियन, फायरमैन व सहायक अग्निशमन अधिकारी सहित कई भर्तियों में फर्जी डिग्रीयों की जांच के नाम पर परीक्षा आयोजित होने के बाद उनको स्थगित करने पर सरकार से जवाब मांगते हुए अभ्यर्थीयों को परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी असफलता की परिस्थितियों का सामना करना पड रहा है। दूसरी और सरकार फर्जी डिग्री बनाने वाले संरगनाओं के विरूद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर रही है बल्कि उनको संरक्षण दे रही है। विधायक आक्या ने सदन के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि प्रदेश में फर्जी डिग्रियों की जांच के नाम पर जिन-जिन भर्ती प्रक्रियाओं को स्थगित किया गया है उनकी शीघ्र अति शीघ्र जांच करवाकर भर्ती प्रक्रियाओं को पुनः बहाल कर प्रदेश के असंख्य युवा बेराजगारों को राहत प्रदान कराने की मांग की है।

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