जैन दिवाकर के जीवन से ले प्रेरणा, प्राणीमात्र के प्रति रखें दया भाव – समकित मुनि खातरमहल में जैन दिवाकर दीक्षा जयंति पर मंगल प्रवचन, शाम को पहुंचे दुर्ग।
वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। पूज्य गुरूदेव जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. ने जिसके सिर पर हाथ रख दिया उसके जीवन का कल्याण हो गया। अपनी साधना के बल पर उनकी जुबान में वह शक्ति आ गई कि सामने वाले को बोलने पर भी वह चाहकर भी इंकार नहीं कर पाया। उन्होंने अभयदान का महान कार्य करते हुए जीव हिंसा रुकवाई ओर राजाओं को भी हिंसा बंद करने के लिए प्रेरित किया। ये विचार श्रमण संघीय सलाहकार पूज्य सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डाॅ. समकितमुनिजी म.सा. ने रविवार सुबह यहां शहर के गांधीचोक स्थित खातरमहल में श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान के तत्वावधान में पूज्य गुरूदेव जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. की 127वीं दीक्षा जयंति के उपलक्ष्य में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए।
श्रमण संघ प्रचार प्रसार सचिव सुधीर जैन ने बताया कि दीक्षा जयंति सामायिक दिवस एवं गुणानुवाद सभा के रूप में मनाई गई।
पूज्य मुनिश्री दोपहर बाद खातरमहल से विहार कर शाम को चित्तौड़ दुर्ग स्थित सात बीस देवरी जैन मंदिर पहुंच गए।
प्रवचन में पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने जैन दिवाकर के गुणों की चर्चा करते हुए कहा कि वह ऐसी भव्यात्मा थी जिनकी सोच मानव के साथ प्राणिमात्र के कल्याण की रही। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर प्राणीमात्र के प्रति दया भावना रखनी चाहिए। मात्र 18 वर्ष की उम्र में नीमच में पूज्य हीरालाल जी मसा से दीक्षा ग्रहण करने वाले जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. का सम्पूर्ण जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। दीक्षा मंत्र ग्रहण करने वाली आत्मा पलभर में पूजनीय हो जाती है। दुर्गति की आयु का बंध होने पर दीक्षा लेने की भावना भी मन में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि जीवन में त्याग की भावना अवश्य मन में रखनी चाहिए जितना भी संभव हो त्याग करना चाहिए। संयम उसी को मिलता है जिसका चरित्र मोहनीय कर्म समाप्त होता है और पुण्य फलता है। दीक्षा का मतलब कर्म का उदय होने पर भी कर्म नहीं करना है और वैर कर्म का उदय होने पर भी कर्म नहीं करने का नाम दीक्षा है। कर्म को भोगना जरूरी नहीं है यह अपनी चाहत है। प्रवचन के दौरान पूज्य समकितमुनिजी म.सा. वर्ष 2021 के चित्तौड़ चातुर्मास की यादों का स्मरण करते हुए कहा कि चित्तौड़वासियों की भक्ति भावना ही उन्हें फिर यहां खींच लाई। उन्होंने चित्तौड़ श्रीसंघ ओर सभी श्रावक- श्राविकाओ के प्रति मंगलकामना व्यक्त की।
प्रवचन में गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने गुरुवर तुमको मेरा सहारा गीत की प्रस्तुति देकर पूज्य जैन दिवाकर चौथमल जी म.सा.के प्रति भावांजलि अर्पित की। प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य रहा। धर्मसभा में मंगलाचरण की प्रस्तुति चंदनबाला महिला मंडल ओर स्वागत गीत श्री जैन दिवाकर महिला परिषद की सदस्यों ने प्रस्तुत किया। इस मौके पर हस्तीमल चण्डालिया, श्रीमती मीना बोहरा,भीलवाड़ा से जैन कॉन्फ्रेंस वैवायच्य योजना के प्रांतीय अध्यक्ष मुकेश डांगी, प्रकाशचंद्र बाबेल आदि ने भी पूज्य जैन दिवाकर चौथमल जी म.सा. के जीवन चरित्र के बारे में विचार व्यक्त किए।
संचालन श्रीसंघ के उपाध्यक्ष अजीत नाहर ने किया। इससे पूर्व वर्ष 2021 के चातुर्मासिक विदाई के करीब 15 माह बाद फिर खातरमहल पहुचे पूज्य मुनिश्री के दर्शनों के लिए भक्त उमड़ पड़े।
धर्मसभा में श्री महावीर जैन मंडल के अध्यक्ष डॉ आई एम सेठिया, चित्तौड़गढ़ श्रीसंघ के अध्यक्ष अशोक मेहता, मंत्री सुनील बोहरा, पूर्व अध्यक्ष सुरेश मेहता, मनसुखलाल पटवारी, मनसुखलाल नाहर ,संरक्षक सुरेश सिंघवी, सेंती श्रमण संघ के अध्यक्ष लक्ष्मीलाल चण्डालिया आदि मौजूद थे। जैन कॉन्फ्रेंस जीवदया योजना के प्रांतीय अध्यक्ष कपासन के सूर्यप्रकाश सिरोया, भीलवाड़ा से भी सुश्रावक राजेन्द्र चीपड़, महावीर कच्छारा, रतनलाल जामड़, प्रकाश पारख, विजय पोखरना आदि भी मौजूद थे।
*सोमवार रात गांधीनगर ओर मंगलवार सुबह सेंती में प्रवचन*
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा सोमवार सुबह दुर्ग दर्शन के बाद गांधीनगर सेक्टर एक में महावीर पार्क के सामने विनीत भड़कत्या के आवास पर पहुंच प्रवास करेगे। यही पर मुनिश्री के सानिध्य में सोमवार रात 8 से 9 बजे तक प्रवचन होंगा। मंगलवार सुबह गांधीनगर से विहार कर उपनगर सेंती के शांतिभवन पहुचेगे जहां श्रीसंघ सेंती के तत्वावधान में सुबह 9 बजे से प्रवचन होंगे। इसके बाद मुनिश्री उदयपुर की दिशा में विहार करेगे जहां उनका होली चातुर्मास होना है।
*चन्देरिया से विहार कर पहुंचे खातरमहल*
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा रविवार सुबह सर्वोदय साधना केंद्र चंदेरिया से विहार कर गांधी चौक स्थित खातरमहल परिसर पहुंचे। विहार यात्रा में चित्तौड़गढ़ श्रीसंघ के कई श्रावक श्राविकाओं ने सेवाएं दी। मार्ग में कई जगह श्रावक-श्राविकाओं ने मुनिश्री का वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
*चौबीसी में वर्षीतप करने वाले तपस्वियों का सम्मान*
खातरमहल में दोपहर में श्रीसंघ चित्तौड़गढ़ एवं श्रीजैन दिवाकर महिला परिषद की ओर से आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के सानिध्य में चौबीसी का आयोजन किया गया। इस मौके पर श्रीसंघ एवं जैन दिवाकर महिला परिषद की ओर से वर्षीतप की आराधना करने वाले तपस्वियों की अनुमोदना करते हुए सम्मान किया गया। तपस्वियों में हेमलता बोहरा, निर्मला बोहरा, कमलाबाई तरावत, सुन्दरबाई बोल्या शामिल थे। पूज्य समकितमुनिजी मसा ने सभी तपस्वियों के प्रति मंगलभावना व्यक्त की। चौबीसी में गीतों के माध्यम से भी तपस्वियों का अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर श्रीसंघ के अध्यक्ष अशोक मेहता, मंत्री सुनील बोहरा, महिला परिषद की अध्यक्ष अंगुरबाला भड़कत्या, महामंत्री नगीना मेहता सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
*प्रस्तावित विहार यात्रा कार्यक्रम*
तय कार्यक्रम के अनुसार मुनिश्री 21 फरवरी को चित्तौड़गढ़ के उपनगर सेंती पहुंच सुबह 9 बजे से शांतिभवन में प्रवचन देंगे। इसके बाद उदयपुर की दिशा में विहार करेंगे। उनका देवरी, भादसोड़ा, मंगलवाड़ चौराहा, मेनार, डबोक होते हुए उदयपुर शहर में प्रवेश 26 फरवरी को संभावित है। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा का होली चातुर्मास उदयपुर के श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान हिरणमगरी सेक्टर-4 में होगा। उदयपुर होली चातुर्मास के बाद मुनिश्री नासिक की ओर विहार करेंगे जहां उनके सानिध्य में 23 अप्रेल को अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणा महोत्सव होंगा। उनका वर्ष 2023 का चातुर्मास पूना के आदिनाथ जैन स्थानक भवन के लिए घोषित है, जहां चातुर्मासिक मंगलप्रवेश 25 जून को संभावित है।