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डूंगरपुर-उमिया माताजी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर युवाओं में उत्साह, मातृशक्ति भी कर रही युद्धस्तर पर तैयारी।

 

वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़@ श्री मुकेश जोशी।

डूंगरपुर। जगत जननी उमिया माताजी के 9 से 11 फरवरी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर उमिया नगर चीतरी में युवाओं की बैठक आयोजित हुई। जिसमें चौखला चितरी के सभी गांवों के युवाओं ने प्रतिनिधित्व किया। प्रतिष्ठा में होने वाले कार्यक्रमों को सुव्यवस्थित करने के लिए अलग-अलग समितियां बनाई गई। समितियों में युवाओं को दलों में विभाजित कर दिया गया। कार्यक्रम को व्यवस्थित करने के लिए प्रमुख भी बनाए गए। साथ सभी कार्यों का निरीक्षण हेतु मुख्य समिति का भी गठन किया गया। जिसमें डॉ.नरेश पाटीदार ,नरेश पाटीदार चीतरी ,महेश चितरी,श्यामजी बडगी, नरेश, गणेश जोगपुर, नरेश उदैया ने अग्रणी रूप से भूमिका निभाकर बैठक आयोजित की। तत्पश्चात विकास संस्थान एवं युवाओं की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। जिसमें युवाओं ने अपने द्वारा किए जाने वाले कामों की रूपरेखा प्रस्तुत की। संयुक्त बैठक में गुजरात एवं महाराष्ट्र में पत्रिका वितरण हेतु टीम का गठन किया गया। गुजरात के लिए कमलाकांत पाटीदार खमानपुर एवं डायालाल चितरी एन आर आई के नेतृत्व में टीम गठित की गई। डूंगरपुर, बांसवाड़ा एवं उदयपुर क्षेत्र में पत्रिका वितरण हेतु टीमों के गठन के लिए बुधवार को बैठक बुलाई जाएगी। साथ ही उमिया प्रतिष्ठा हेतु हो रहे कार्यों की समीक्षा की गई। लालशंकर खुटवाड़ा एवं डायालाल उदैया के नेतृत्व में विकास संस्थान के द्वारा किए गए कार्यों एवं भविष्य की योजनाओं हेतु लघु पुस्तिका बनाने का जिम्मेदारी दी गई। सभी गांवों के पंच उपस्थित रहे। हीरजी खुटवाड़ा ने कहा की जिस तरह से इंजन को चालू करने के लिए इंधन जिम्मेदार होता है ठीक उसी तरह युवा राष्ट्र के लिए है। यह राष्ट्र की प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है। राष्ट्र का सर्वांगीण विकास और भविष्य, वहां रहने वाले लोगों की शक्ति और क्षमता पर निर्भर करता है और इसमें प्रमुख योगदान उस राष्ट्र के युवाओं का है। किसी भी राष्ट्र को प्रौद्योगिकियों, शोध, विज्ञान, चिकित्सा, यानी आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक के संदर्भ में प्रगति और विकास के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। जब युवा अपने प्रयासों के साथ ईमानदारी से यही काम करता हैं, तो इसे चिह्नित किया जाता है। भारत में युवाओं की सबसे बड़ी संख्या है, जिन्हें यदि बेहतर तरह से पोषित किया जाये और अगर ये अपना प्रयास सही दिशा में लगाते हैं, तो यह देश पूरी दुनिया में सबसे उत्कृष्ट बन जायेगा। कोदरलाल बड़गी ने कहा कि हमारे ऐतिहासिक समय से यह देखा जा सकता है कि हमारे राष्ट्र के लिए कई परिवर्तन, विकास, समृद्धि और सम्मान लाने में युवा सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं। इस सबका मुख्य उद्देश्य उन्हें एक सकारात्मक दिशा में प्रशिक्षित करना है। युवा पीढ़ी के उत्थान के लिए कई संगठन काम कर रहे हैं क्योंकि वे बड़े होकर राष्ट्र निर्माण में सहायक बनेंगे। गरीब और विकासशील देश अभी भी युवाओं के समुचित विकास और शिक्षण में पिछड़े हुए हैं। गोविंद उदैया ने कहा कि एक बच्चे के रूप में प्रत्येक व्यक्ति, अपने जीवन में कुछ बनने का सपने देखता है, दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि कुछ उद्देश्य होना चाहिए। बच्चा अपनी शिक्षा पूरी करता है और कुछ हासिल करने के लिए कुछ कौशल प्राप्त करता है। इसलिए यह राष्ट्र की प्रगति के प्रति उस व्यक्ति का सकारात्मक दृष्टिकोण है। लालशंकर खड़गदा ने कहा की युवा अपार क्षमताओं से भरा होता है। वे क्षमता, उत्साह और महान कार्य-क्षमता से भरे हुए हैं। कुछ छात्र विकास मानसिकता की खासियत से धन्य होते है, जो एक मूल अवधारणा से बेहतर विचारों को प्राप्त करने का एक शानदार तरीका होता है। युवाओं में त्वरित शिक्षा, रचनात्मकता, कौशल होता है। वे हमारे समाज और राष्ट्र में परिवर्तन लाने की शक्ति रखते हैं। युवा उस चिंगारी के साथ बड़ा होता है, जो कुछ भी कर सकता है। प्रेमशंकर चितरी ने कहा की युवाओं को प्रत्येक पहलू में प्रगति करने के साथ-साथ एक राष्ट्र को हर एक दृष्टिकोण से प्रगितिशील बनाने की क्षमता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। युवाओं को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सही दिशा में काम करने पर मुख्य ध्यान देना चाहिए। एक युवा मन प्रतिभा और रचनात्मकता से भरा हुआ है। यदि वे किसी मुद्दे पर अपनी आवाज उठाते हैं, तो परिवर्तन लाने में सफल होते हैं। युवाओं को राष्ट्र की आवाज माना जाता है। युवा राष्ट्र के लिए कच्चे माल या संसाधन की तरह होते हैं। जिस तरह के आकार में वे हैं, उनके उसी तरीके से उभरने की संभावना होती है। राष्ट्र द्वारा विभिन्न अवसरों और सशक्त युवा प्रक्रियाओं को अपनाया जाना चाहिए, जो युवाओं को विभिन्न धाराओं और क्षेत्रों में करियर बनाने में सक्षम बनाएगा। युवा लक्ष्यहीन, भ्रमित और दिशाहीन होते हैं और इसलिए वे मार्गदर्शन और समर्थन के अधीन होते हैं, ताकि वे सफल होने के लिए अपना सही मार्ग प्रशस्त कर सकें। युवा हमेशा अपने जीवन में कई असफलताओं का सामना करते हैं और हर बार ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि एक पूर्ण अंत है, लेकिन वो फिर से कुछ नए लक्ष्य के साथ खोज करने के लिए एक नए दृष्टिकोण के साथ उठता है।सुखलाल जोगपुर ने भी विचार व्यक्त किए। अध्यक्ष मानशंकर जोगपुर ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को अच्छा करने के लिए सभी को एकजुट होकर सहयोग करने की अपील की। संस्थान सचिव रामलाल खुमानपुर ने बैठक का संयोजन किया।

खेत से लेकर सामाजिक विकास में नारी शक्ति

मातृ शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति है। मातृशक्ति अपने परिवार के साथ समाज को दिशा निर्देश देती है तथा जब समाज संगठित होता है तो राष्ट्र भी संगठित होता है। संगठित समाज में मातृशक्ति का अभूतपूर्व योगदान होता है। उमिया माताजी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर समाज की नारी शक्ति सोशल मीडिया पर जमकर प्रचार प्रसार करने में अग्रसर है। समाज की मातृशक्ति द्वारा दान पुण्य में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया जा रहा हैं, साथ ही व्हाट्सएप समूह के माध्यम से एक दूसरे को कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील भी की जा रही है।

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