कुछ दिन पहले हुई लड़ाई में पुलिस ने नही कि कोई कार्यवाही तो फिर शंभूपुरा में नेताओ के बीच चले लाठी डंडे।
वीरधरा न्यूज़ चित्तौड़गढ़@डेस्क।
शंभूपुरा। स्थानीय शंभूपुरा थाना क्षेत्र जनप्रतिनिधियों के लड़ाइयों के लिए फेमस होता जा रहा है आये दिन ऐसे केश सामने आ रहे है लेकिन पुलिस की तरफ से भी कोई ठोस कार्यवाही नही होने से ऐसे मामले भी बढ़ते जा रहे है वही ऐसे जनप्रतिनिधियों के चलते आमजन में स्वच्छ छवि वाले जनप्रतिनिधियों की भी छवि धूमिल हो रही है।
ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पहले ही शंभूपुरा में स्थानीय सरपँच अजय चौधरी और पसस प्रतिनिधि अविनाश जाट का आया जिसमें दोनों के बीच हाथापाई के साथ ही मारपीट हुई जिसके बाद मामला अखबारों की सुर्खियां बन गया था लेकिन इस मामले में पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नही कि गई जिसके पीछे कई ना कई राजनीतिक दबाव बताया जा रहा था।
मामले को कुछ दिन ही नही निकले की फिर से क्षेत्र के दोनों स्थानीय नेताओं के बीच मुख्य सावा चोराये पर लाठी डंडे चले जहा सैकड़ो की भीड़ इकट्ठी हो गई, स्थानीय नेताओ की लड़ाई लोगों के लिए तमाशा बन गई लेकिन फिर भी पुलिस अभी तक अनुसंधान तक सीमित है।
थानाधिकारी नेतराम गुर्जर ने बताया कि शंभूपुरा सरपँच अजय चौधरी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि वह नाकोड़ा होटल के पास बैठा था तो अविनाश व अन्य दो साथी आए जिन्होंने मेरे साथ मारपीट कर दी।
इधर पसस प्रतिनिधि अविनाश जाट ने रिपोर्ट दी कि सरपँच ओर कमल जाट आये ओर सरपँच की गाड़ी से ही लठ निकालकर मेरे साथ लाठियों से मारपीट की जिससे मेरे सिर में 7 टांके आये।
अविनाश जाट ने बताया कि पूर्व में भी मेरे साथ सरपँच अजय चौधरी ने मारपीट की ओर पुलिस में उसने मेरे ऊपर गलत रिपोर्ट दर्ज करवाई जिसे पुलिस ने भी गलत माना लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते कोई कार्यवाही नही की गई, जिससे इसके होंसले ओर बुलंद हो गए और फिर से मेरे ऊपर हमला कर दिया, सरपँच पर पूर्व में भी कई मामले दर्ज हो चुके है लेकिन पुलिस राजनीतिक दबाव व सांठगांठ के चलते कोई ठोस कार्यवाही नही कर रही है, अविनाश ने कहा कि मेरे ऊपर दूसरी बार हमला हो चुका है इसपर भी पुलिस कार्यवाही नही करेगी तो उच्चाधिकारियों के समक्ष पेश होकर कार्यवाही की मांग करूंगा।
पुलिस ने दोनों की रिपोर्ट दर्ज करते हुए दोनों पक्षो का मेडिकल करवाया है, अनुसंधान जारी है।
सवाल यह भी उठता है कि जब ऐसे छोटे कस्बों में ही जनप्रतिनिधि ही सुरक्षित नही तो पुलिस आमजन की क्या सुरक्षा करेगी, इस पर पुलिस कार्यवाही पर भी सवालिया निशान लग रहा है, अब देखना यह है कि क्या पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच व कार्यवाही करके आमजन में अपना विश्वास कायम रख पाएगी या ऐसे ही चलता रहेगा यह तो समय के गर्त में है।