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विचार नहीं बदल सकते तो विवाद करना व्यर्थ, अपनाए माध्यम मार्ग – मोदी।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। वरिष्ठ नागरिक मंच मुख्यालय की मासिक सभा “किसी भी विषय पर पक्ष-विपक्ष पर होता है तथा एक दुसरे के विचार बदल नहीं सकते तो अनावश्यक विवाद क्यों”तथा उसका समाधान क्या ? ऐसे दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाले अतिमहत्वपूर्ण विषय पर वरिष्ठो ने चिंतन किया व् अपने अनुभवजन्य विचारों का आदान-प्रदान किया। सभा के मुख्य अथिति नवल सिंह मोदी, विशिष्ठ अथिति बी.एल.ओझा,देवी लाल आमेरिया व डा.भगवत सिंह तंवर थे तथा सभा की अध्यक्षता मंच जिलाध्यक्ष बसंती लाल जैन ने की।
सभा में विशेष व् मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित नवलसिंह मोदी ने मंच द्वारा निर्धारित विषय पर बोलते हुवे कहा कि वरिष्ठ नागरिक मंच उस गंगा के सामान है जहां विचारों की क्रांति उत्पन्न होती है व् आपसी संवाद से मन पवित्र व् निर्मल बनता है,इसी प्रकार जब किसी भी विषय का पक्ष व् विपक्ष हो तो यह निर्विवाद सत्य है कि आप किसी की सोच को बदल नहीं सकते तो विवाद करने के बजाय मध्य मार्ग ही अपनाना श्रेष्ठ है। अपने विचारों में मंच संस्थापक आर.सी.डाड को याद करते हुवे वरिष्ठ नागरिक मंच को सामूहिक वैचारिक मंथन का पवित्र उद्गम स्थल बताया जहा से कई वर्षो से कई समस्याओं का समाधान निकला है।
सभा में अमरकंठ उपाध्याय ने जातीय अल्पसंख्यको के समान अधिकारिता दिवस पर ,कमलाशंकर मोड़ ने वरिष्ठो को लोभ त्याग के बारे में विवाद के समाधान पर ,महेंद्र जैन ने परिवारजनों को बुजुर्गो को आदर सम्मान व उनकी बातो को तव्वजो देने की बात कही वही,सत्यनारायण सिकलीगर ने नकारात्मक सोच को बदलने व् सकारात्मक सोच अपनाने की बात कहते हुवे युवाओं की बात पर सामंजस्य बनाने पर जोर दिया, उमाशंकर भगवती ने परहित के सन्दर्भ में प्रसंगानुसार घटना बताते हुवे कहा कि पक्ष-विपक्ष के चिंतन में मौन को उत्तम समाधान बताया। सत्यनारायण आगाल ने गौरव पथ,जोधपुर गेस दुखान्तिका घटना पर चिंता व्यक्त करते हुवे अपनी पीड़ा व्यक्त की। मीरा स्वर्णकार ने मंच द्वारा भोजन बचाओ अभियान पर बोलते हुवे विभिन्न समाजो को खाद्य आइटम संख्या निर्धारित करने की बात कही, महासचिव राधेश्याम आमेरिया ने नकारात्मकता से बचने का आव्हान किया व् विकल्पों में श्रेष्ठ का चयन करने की बात कही,भगवानलाल तडबा ने कहा कि अभाव व् विभाव एक दुसरे के परस्पर पूरक है अत:समता भाव से निर्णय कर अपना नजरिया बदल सकते है ,पूर्व आर.ए.एस.देवी लाल आमेरिया ने पक्ष विपक्ष पर विचार रखते हुवे संसद का उदाहरण प्रस्तुत किया व् कई व्यवसाय को इसी पक्ष –विपक्ष से आय अर्जन का जरिया बताया व् उम्र वापस नहीं आती इसलिए हर दिन को कुशलता से जीने का आव्हान किया, बी.एल.स्वर्णकार ने समस्या के तुरंत समाधान करने की बात कही, के.एल.नारानिवाल ने भी इसी प्रकार जीवन को सरलतापूर्वक जीने का आव्हान किया व् अपने अपने विचार व्यक्त किये।
मंच जिलाध्यक्ष बसंती लाल जैन ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि मन की निर्मलता लिए वरिष्ठजन अपने अपने विचारों को पवित्र बनाए रखे व् संस्कार के रूप में अपने आपको समाज में स्थापित करे तथा विवादों से स्वयं को दूर रख सके।जिलाध्यक्ष ने नए मंच सदस्य चंद्रप्रकाश खटोड का स्वागत किया।
सभा में वक्ताओं के अतिरिक्त कई वरिष्ठजन उपस्थित थे जिसमे कृष्णगोपाल सोनी.चंद्रकिशोर व्यास,रमेशचन्द्र ओझा,श्याम वैष्णव, रामनिवास कुमावत,कृष्णचंद्र अग्रवाल,माणकचंद जैन,कल्याणमल आगाल,महेश कुमार ,बालुराम रेगर, जीतमल छिपा,रजनी मांगीलाल लड्ढा, सरिता झुन्जुन्वाला ,अम्बालाल श्रीमाल,राधेश्याम गहलोत,टप्पू भाई भट्ट, अमरसिंह मेहता,मनवीर सिंह, शिवदत्त व्यास,भंवर लाल कोगटा, श्रीरामचंदानी,दयालचंद कोठारी, सुरेशचंद्र तम्बोली,ओमप्रकाश आमेरिया, प्रहलादराय आमेरिया, डा.एम्.के.पोरवाल शामिल थे जिन्होंने भी खुली चर्चा में भाग लिया व् अपने अपने अनुभवजन्य विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किये जिनको मंच रेकोर्ड में सम्मिलित किये गए।
सभा का संचालन मंच महासचिव राधेश्याम आमेरिया ने किया व् राष्ट्रगान के साथ ही मंच द्वारा लिए गए निर्णयों को अपनाने के आव्हान के साथ सभा समाप्त की गई।

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