वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण के न्यायाधीश अरूण जैन के द्वारा एक सड़क दुर्घटना में मृतक के परिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में 47 लाख रुपए दिलाए जाने का आदेश पारित किया जो कि यह राशि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में एक प्रकरण में किसी भी पक्षकार को दिलाई जाने वाली सबसे बड़ी अवार्ड राशि है।
मामले के अनुसार मान सिंह जी का खेड़ा तहसील गंगरार निवासी गीता प्रजापत ने अधिवक्ता योगेश व्यास के जरिए एक क्लेम प्रार्थना पत्र अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत कर यह बताया कि उसका पति पन्नालाल प्रजापत दिनांक 19 अगस्त 2021 को सुबह 11 बजे के लगभग विश्राम कुटीर की पुलिया के पास वाले सर्विस रोड पर अपनी मोटरसाइकिल को साइड में खड़ी कर रखी थी कि अचानक सामने से रॉन्ग साइड में आते हुए टाटा टेंपो नंबर आरजे 09 GA-6582 के चालक द्वारा अपने टेंपो को तेज गति गफलत व लापरवाही पूर्वक चलाकर साइड में खड़े हुए पन्नालाल प्रजापत के जोरदार टक्कर मार दी जिससे यह दुर्घटना कारीत हो गई और मृतक के काफी गंभीर चोटें आई जिसको मौके से गंगरार हॉस्पिटल ले जाया गया जहां दौराने इलाज मृतक की मृत्यु कारीत हो गई।
प्रार्थीगण ने अधिकरण के समक्ष यह बताया कि वक्त घटना मृतक ही उनके परिवार का एकमात्र कमाऊ पुरुष था और उसके ऊपर प्रार्थीया स्वयं व उसका एक 10 साल का छोटा बालक किशन प्रजापत दोनों ही पूर्ण रूप से आश्रित थे तथा मृतक की इस दुर्घटना में मृत्यु हो जाने से प्रार्थीगणों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है और मृतक की मृत्यु के पश्चात उनके परिवार में कमाने वाला कोई नहीं रहा है इस पर प्रार्थीया ने विपक्षी टेंपो की इंश्योरेंस कंपनी,टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड एवं टेंपो के मालिक व ड्राइवर की विरुद्ध क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने बाबत क्लेम प्रार्थना पत्र अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत किया।
विपक्षी टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने उक्त प्रकरण में पैरवी करने हेतु अधिवक्ता सुमित गर्ग को अधिकृत किया तथा बीमा कंपनी के जोनल अधिकारी पारस शाह ने अहमदाबाद से अपनी राजस्थान टीम को प्रकरण के तथ्य व परिस्थितियों को देखते हुए इस प्रकरण में अतिशीघ्र अनुसंधान करवाने के लिए अपना जांच अधिकारी नियुक्त कर दुर्घटना के तथ्यों की संपूर्ण जांच करवा प्रार्थीगणों की स्थिति को देखते हुए उनको समय पर न्याय मिले व समय पर क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त हो इस बाबत राजीनामे हैतु अधिकरण के समक्ष अपना प्रस्ताव रखा जिस पर अधिकरण के न्यायाधीश अरूण जैन ने पीड़ित पक्ष को क्षतिपूर्ति राशि दिलाने बाबत राष्ट्रीय लोक अदालत में वार्ता की एंव कंपनी को सैतालिस लाख रुपए पीड़ित परिवार को अदा करने का आदेश पारित किया।